وزیراعظم جناب نریندر مودی نے ویڈیو کانفرنسنگ کے ذریعہ گجرات کے شہر سومناتھ میں نئے سرکٹ ہاؤس کا افتتاح کیا۔ گجرات کے وزیراعلی جناب بھوپیندر بھائی پٹیل ، ریاست کے دیگر وزراء، اراکین پارلیمان اور مندر کے ٹرسٹ کے ارکان اس موقع پر موجود تھے۔
اجتماع سے خطاب کرتے ہوئے ، وزیراعظم نے گجرات سرکار، سومناتھ مندر کے ٹرسٹ اور عقیدت مندوں کو سومناتھ سرکٹ ہاؤس کے افتتاح پر مبارکباد پیش کی۔ انہوں نے اشارہ دیا کہ بھیڑ کے دنوں میں عقیدت مند، وقت کے قہر کے باوجود یہ محسوس کرینگے کہ بھارت کا حوصلہ پوری آن بان شان کے ساتھ بلند ہے۔
بھارتی تہذیب کے چیلنجوں سے بھرے ہوئے سفر اور غلامی کے سینکڑوں سال کے حالات پر نظر ڈالتے ہوئے وزیراعظم نے رائے ظاہر کی کہ جن حالات میں سومناتھ مندر تباہ کیا گیا اور سردار پٹیل کی کوششوں سے جن حالات میں اس مندر کی تعمیر نو کی گئی ، ان دونوں ہی حالات سے ایک بڑا پیغام ملتا ہے۔ وزیر اعظم نے اشارہ دیا کہ آج جب آزادی کا امرت مہوتسو منا یا جا رہا ہے ہم اپنے ماضی اور ثقافتی مقامات سے سیکھنا چاہتے ہیں اور سومناتھ جیسا عقیدہ اس کا مرکز ہے۔
انہوں نے کہا کہ سیاحت ، دنیا کے بہت سے ملکوں کی معیشت میں ایک بڑا رول ادا کرتا ہے۔ انہوں نے کہا کہ ہمارے پاس ہر ایک ریاست اور ہر ایک میدان میں لامتناہی امکانات موجود ہیں۔ وزیراعظم نے روحانی مقامات کے ایک ورچوئل بھارت درشن کا ذکر کیا اور گجرات میں سومناتھ، دوارکا،رن آف کچھ اور مجسمہ اتحاد ، اترپردیش میں ایودھیا، متھرا، کاشی، پریاگ، کشی نگر اور وندھیاچل، دیو بھومی اتراکھنڈ میں بدری ناتھ، کیدارناتھ، ہماچل پردیش میں جوالہ دیوی، نینا دیوی، پورا شمال مشرقی بھارت ، روحانیت اور قدرتی چمک دمک سے مالا مال ہے۔ تمل ناڈو میں رامیشورم، اڑیسہ میں پوری، آندھرا پردیش میں تروپتی بالاجی، مہاراشٹر میں سدھی ونایک اور کیرالہ میں سبری مالا کا ذکر کیا۔
انہوں نے کہا کہ ان مقامات سے ہمارے قومی اتحاد اور ‘ایک بھارت شریشٹھ بھارت’کے جذبے کی عکاسی ہوتی ہے۔ انہوں نے کہا کہ آج ملک انہیں خوشحالی کے ایک وسیلے کے طور پر دیکھتا ہے۔ ان کے فروغ کے ذریعہ ہم ایک بڑے علاقے کی ترقی کی رفتار کافی تیز کر سکتے ہیں۔
وزیراعظم نے کہا کہ پچھلے سات سال ملک نے سیاحت کے امکانات کو حقیقت کی شکل دینے کے لیے انتھک کام کیا ہے۔ آج سیاحتی مرکزوں کی ترقی محض سرکاری اسکیموں کا حصہ نہیں ہے بلکہ یہ عوامی حصہ داری کی بھی ایک مہم ہے۔ ملک کے وراثتی مقامات اور ہماری ثقافتی وراثت کا فروغ ، اس کی عظیم مثالیں ہیں۔ انہوں نے موضوعات پر مبنی 15سیاحتی سرکٹس جیسے اقدامات کا ذکر کیا۔ مثال کے طور پر رامائن سرکٹ میں بھگوان رام سے متعلق جگہوں کا دورہ کیا جا سکتا ہے۔اور اس کے لیے ایک خصوصی ٹرین کا آغاز کیا گیا ہے۔ وزیراعظم نے بتایا کہ کل ، دلی سے دویہ کاشی یاترا کے لیے ایک خصوصی ٹرین شروع کی جا رہی ہے۔ اسی طرح بدھا سرکٹ سے ، بھگوان بدھ سے متعلق مقامات کا دورہ کرنے میں آسانی پیدا ہوگئی ہے۔ غیرملکیوں کے لیے ویزا کے ضابطوں میں نرمی کی گئی ہے۔ اور ٹیکہ کاری مہم میں سیاحتی مقامات کو ترجیح دی گئی ہے۔
وزیراعظم نے کہا کہ آج ملک سیاحت کی جانب مجموعی نظریے سے دیکھ رہا ہے۔ آج کے دور میں سیاحت کو ترقی دینے کے لیے چار باتیں اہم ہیں۔ پہلا – صفائی ستھرائی – پہلے ہمارے سیاحتی مقامات اور ہمارے یاترا کے مقامات صاف ستھرے ہوا کرتے تھے آج سوچھ بھارت ابھیا ن کی وجہ سے اس تصویر میں تبدیلی آ رہی ہے۔ سیاحت کو فروغ دینے میں ایک اور اہم عنصر سہولت ہے۔ لیکن وزیراعظم نے کہا کہ سہولیات کا دائرہ محض سیاحتی مقامات تک محدود نہیں ہونا چاہیے۔ ٹرانسپورٹ ، انٹرنیٹ ، صحیح معلومات اور طبی انتظامات کی سہولیات سبھی کے لیے ہونی چاہیے۔ اور اس سمت ملک میں ہمہ جہت کام کیا جا رہا ہے۔ وقت ،سیاحت میں اضافے کا تیسرا اہم پہلو ہے۔ اس دور میں لوگ کم سے کم وقت میں زیادہ سے زیادہ جگہوں کا دورہ کرنا چاہتے ہیں۔ چوتھا اور بہت ہی اہم پہلو سیاحت میں اضافہ ہے۔ جو ہماری سوچ ہے۔ ہماری سوچ کے لیے یہ ضروری ہے کہ وہ اختراعی ہواور جدیدہو۔ لیکن ساتھ ہی ساتھ ہمیں اپنی اس قدیم وراثت پر کتنا فخر ہے یہ بھی کافی اہمیت رکھتا ہے۔
وزیراعظم نے کہا کہ آزادی کے بعد نئی ترقی دلی میں محض کچھ کنبوں کے لیے تھی۔ لیکن آج ملک اس تنگ نظری کوپیچھے چھوڑ رہا ہے اور فخر کے نئے مقامات کی تعمیر کر رہا ہے اور انہیں ایک شان عظمت بخش رہا ہے۔ وزیراعظم نے کہا ”یہ ہماری ہی حکومت ہے کہ دلی میں باباصاحب یادگار تعمیر کی گئی ہے۔ رامیشورمیں اے پی جے عبدالکلام یادگارتعمیر کی گئی ہے اور اسی طرح نیتاجی سبھاش چندر بوس اور شیام جی کرشن ورما سے وابستہ مقامات کو مطلوبہ حیثیت دی گئی ہے۔ آدی واسی میوزیم بھی پورے ملک میں تعمیر کیے گئے ہیں تاکہ ہمارے قبائلی سماج کی شاندار تاریخ کو سامنے لایا جاسکے۔”نئے فروغ دیے گئے مقامات کے امکانات کی وضاحت کرتے ہوئے وزیراعظم نے کہا کہ عالمی وبا کے باوجود 75لاکھ لوگ مجسمہ اتحاد دیکھنے کے لیے آئے۔انہوں نے کہا کہ اس طرح کے مقامات سے سیاحت کے ساتھ ساتھ ہمیں ایک شناخت بھی حاصل ہوگی۔
وزیراعظم نے ‘ووکل فار لوکل’کے لیے اپنی اپیل کی کوئی تنگ تشریح نہ کیے جانے کا مشورہ دیا اور کہا کہ اس اپیل میں مقامی سیاحت بھی شامل ہے۔ انہوں نے غیر ملکوں کی سیاحت شروع کرنے سے پہلے بھارت کے کم سے کم 15 سے 20 مقامات کا دورہ کرنے کی اپنی درخواست کو دہرایا۔
आज, सोमनाथ सर्किट हाउस का लोकार्पण भी हो रहा है।
मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर गुजरात सरकार को, सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट को, और आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूँ: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
मुझे बताया गया है कि इस भवन को इस तरह बनाया गया है कि यहाँ रुकने वाले व्यक्तियों को ‘सी व्यू’ भी मिलेगा।
यानी, लोग जब यहाँ शांति से अपने कमरे में बैठेंगे, तो उन्हें समुद्र की लहरें भी दिखेंगी और सोमनाथ का शिखर भी नजर आएगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
जिन परिस्थितियों में सोमनाथ मंदिर को तबाह किया गया, औऱ फिर जिन परिस्थितियों में सरदार पटेल जी के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, वो दोनों ही हमारे लिए एक बड़ा संदेश हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
हम दुनिया के कई देशों के बारे में सुनते हैं कि उसकी अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान कितना बड़ा है।
हमारे यहाँ तो हर राज्य में, हर क्षेत्र में ऐसी ही अनंत संभावनाएं हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
पिछले 7 सालों में देश ने पर्यटन की संभावनाओं को साकार करने के लिए लगातार काम किया है।
पर्यटन केन्द्रों का ये विकास आज केवल सरकारी योजना का हिस्सा भर नहीं है, बल्कि जनभागीदारी का एक अभियान है।
देश की हेरिटेज साइट्स, हमारी सांस्कृतिक विरासतों का विकास इसका बड़ा उदाहरण है: PM
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
आज देश पर्यटन को समग्र रूप में, holistic way में देख रहा है।
आज के समय में पर्यटन बढ़ाने के लिए चार बातें आवश्यक हैं।
पहला स्वच्छता- पहले हमारे पर्यटन स्थल, पवित्र तीर्थस्थल भी अस्वच्छ रहते थे।
आज स्वच्छ भारत अभियान ने ये तस्वीर बदली है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
पर्यटन बढ़ाने के लिए दूसरा अहम तत्व है सुविधा।
लेकिन सुविधाओं का दायरा केवल पर्यटन स्थल तक ही सीमित नहीं होना चाहिए।
सुविधा परिवहन की, इंटरनेट की, सही जानकारी की, मेडिकल व्यवस्था की, हर तरह की होनी चाहिए।
और इस दिशा में भी देश में चौतरफा काम हो रहा है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
पर्यटन बढ़ाने का तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है समय।
आजकल ट्वेन्टी-ट्वेन्टी का दौर है।
लोग कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा स्थान कवर करना चाहते हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
पर्यटन बढ़ाने के लिए चौथी और बहुत महत्वपूर्ण बात है – हमारी सोच।
हमारी सोच का innovative और आधुनिक होना जरूरी है।
लेकिन साथ ही साथ हमें अपनी प्राचीन विरासत पर कितना गर्व है, ये बहुत मायने रखता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
आजादी के बाद दिल्ली में कुछ गिने-चुने परिवारों के लिए ही नव-निर्माण हुआ।
लेकिन आज देश उस संकीर्ण सोच को पीछे छोड़कर, नए गौरव स्थलों का निर्माण कर रहा है, उन्हें भव्यता दे रहा है।
ये हमारी ही सरकार है जिसने दिल्ली में बाबा साहेब मेमोरियल का निर्माण किया: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 21, 2022
ये हमारी ही सरकार है जिसने रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक को बनवाया।
इसी तरह नेताजी सुभाषचंद्र बोस और श्यामजी कृष्ण वर्मा से जुड़े स्थानों को भव्यता दी गई है।
हमारे आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को सामने लाने के लिए देशभर में आदिवासी म्यूज़ियम्स भी बनाए जा रहे हैं: PM
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ش ح ۔ ا س۔ س ک
U. No : 597
Inaugurating a new circuit house building at Somnath. Watch. https://t.co/prtJbfuNwB
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आज, सोमनाथ सर्किट हाउस का लोकार्पण भी हो रहा है।
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मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर गुजरात सरकार को, सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट को, और आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूँ: PM @narendramodi
मुझे बताया गया है कि इस भवन को इस तरह बनाया गया है कि यहाँ रुकने वाले व्यक्तियों को ‘सी व्यू’ भी मिलेगा।
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यानी, लोग जब यहाँ शांति से अपने कमरे में बैठेंगे, तो उन्हें समुद्र की लहरें भी दिखेंगी और सोमनाथ का शिखर भी नजर आएगा: PM @narendramodi
जिन परिस्थितियों में सोमनाथ मंदिर को तबाह किया गया, औऱ फिर जिन परिस्थितियों में सरदार पटेल जी के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, वो दोनों ही हमारे लिए एक बड़ा संदेश हैं: PM @narendramodi
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हम दुनिया के कई देशों के बारे में सुनते हैं कि उसकी अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान कितना बड़ा है।
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हमारे यहाँ तो हर राज्य में, हर क्षेत्र में ऐसी ही अनंत संभावनाएं हैं: PM @narendramodi
पिछले 7 सालों में देश ने पर्यटन की संभावनाओं को साकार करने के लिए लगातार काम किया है।
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पर्यटन केन्द्रों का ये विकास आज केवल सरकारी योजना का हिस्सा भर नहीं है, बल्कि जनभागीदारी का एक अभियान है।
देश की हेरिटेज साइट्स, हमारी सांस्कृतिक विरासतों का विकास इसका बड़ा उदाहरण है: PM
आज देश पर्यटन को समग्र रूप में, holistic way में देख रहा है।
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आज के समय में पर्यटन बढ़ाने के लिए चार बातें आवश्यक हैं।
पहला स्वच्छता- पहले हमारे पर्यटन स्थल, पवित्र तीर्थस्थल भी अस्वच्छ रहते थे।
आज स्वच्छ भारत अभियान ने ये तस्वीर बदली है: PM @narendramodi
पर्यटन बढ़ाने के लिए दूसरा अहम तत्व है सुविधा।
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लेकिन सुविधाओं का दायरा केवल पर्यटन स्थल तक ही सीमित नहीं होना चाहिए।
सुविधा परिवहन की, इंटरनेट की, सही जानकारी की, मेडिकल व्यवस्था की, हर तरह की होनी चाहिए।
और इस दिशा में भी देश में चौतरफा काम हो रहा है: PM @narendramodi
पर्यटन बढ़ाने का तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है समय।
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आजकल ट्वेन्टी-ट्वेन्टी का दौर है।
लोग कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा स्थान कवर करना चाहते हैं: PM @narendramodi
पर्यटन बढ़ाने के लिए चौथी और बहुत महत्वपूर्ण बात है - हमारी सोच।
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हमारी सोच का innovative और आधुनिक होना जरूरी है।
लेकिन साथ ही साथ हमें अपनी प्राचीन विरासत पर कितना गर्व है, ये बहुत मायने रखता है: PM @narendramodi
आजादी के बाद दिल्ली में कुछ गिने-चुने परिवारों के लिए ही नव-निर्माण हुआ।
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लेकिन आज देश उस संकीर्ण सोच को पीछे छोड़कर, नए गौरव स्थलों का निर्माण कर रहा है, उन्हें भव्यता दे रहा है।
ये हमारी ही सरकार है जिसने दिल्ली में बाबा साहेब मेमोरियल का निर्माण किया: PM @narendramodi
ये हमारी ही सरकार है जिसने रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक को बनवाया।
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इसी तरह नेताजी सुभाषचंद्र बोस और श्यामजी कृष्ण वर्मा से जुड़े स्थानों को भव्यता दी गई है।
हमारे आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को सामने लाने के लिए देशभर में आदिवासी म्यूज़ियम्स भी बनाए जा रहे हैं: PM
देश के किसी भी राज्य का नाम लीजिए, तीर्थाटन और पर्यटन के एक साथ कई केंद्र हमारे मन में उभर आते हैं। ये स्थान हमारी राष्ट्रीय एकता का, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं। आज देश इन जगहों को समृद्धि के एक मजबूत स्रोत के रूप में भी देख रहा है। pic.twitter.com/HI31qDSEQB
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आज के समय में पर्यटन बढ़ाने के लिए ये चार बातें आवश्यक हैं… pic.twitter.com/c3YJauspos
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