नवी दिल्ली, 14 डिसेंबर 2021
पंतप्रधान नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेशातील उमराहा ग्राम येथील स्वर्वेद महामंदिर धाम येथे सदगुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थानच्या 98 व्या वर्धापन दिन सोहळ्यासाठी सार्वजनिक कार्यक्रमात उपस्थित होते.
या मेळाव्याला संबोधित करताना पंतप्रधानांनी, काशी येथे महादेवाच्या चरणी भव्य ‘विश्वनाथ धाम’ काल समर्पित केल्याचे स्मरण केले. ते म्हणाले, “काशीची ऊर्जा चिरकालिन तर आहेच त्याचबरोबर ती नवे परिमाणही घेत आली आहे. गीता जयंतीच्या शुभमुहूर्तावर ते भगवान श्रीकृष्णाच्या चरणी नतमस्तक झाले. या दिवशी कुरुक्षेत्राच्या रणांगणात जेव्हा सैन्य समोरासमोर भिडले, तेव्हा मानवाला योग, अध्यात्म आणि परमार्थ यांचे परम ज्ञान मिळाले. या प्रसंगी, भगवान श्रीकृष्णाच्या चरणी नतमस्तक होताना, गीता जयंतीनिमित्त मी तुम्हा सर्वांना आणि देशवासियांना मनःपूर्वक शुभेच्छा देतो”, असे पंतप्रधान म्हणाले.
पंतप्रधानांनी सदगुरु सदाफलदेवजींना आदरांजली वाहिली. “मी त्यांच्या आध्यात्मिक उपस्थितीला नमन करतो. श्री स्वतंत्रदेव जी महाराज आणि श्री विज्ञानदेव जी महाराज यांच्याप्रती कृतज्ञता व्यक्त करतो, जे ही परंपरा जिवंत ठेवत आहेत, नवीन आयाम देत आहेत”, पंतप्रधान म्हणाले. पंतप्रधानांनी स्वातंत्र्यलढ्यातील त्यांच्या योगदानाचे स्मरण केले आणि कठीण काळात संत उदयास येण्याच्या भारताच्या विक्रमी परंपरेबद्दल बोलताना “आपला देश इतका अद्भुत आहे की, जेव्हा जेव्हा प्रतिकूल वेळ असते तेव्हा काळाचा प्रवाह बदलण्यासाठी येथे काही संत उदयास येतात. हा भारतच आहे ज्याच्या स्वातंत्र्याचा सर्वात मोठा नायक जग महात्मा म्हणून ओळखते,” असे ते म्हणाले.
पंतप्रधानांनी काशीचे वैभव आणि महत्त्व विशद केले. ते म्हणाले की, बनारससारख्या शहरांनी अत्यंत कठीण काळातही भारताच्या अस्मितेची, कलेची, उद्योजकतेची बीजे जपली आहेत. “जिथे बीज असते, तिथूनच झाड वाढू लागते. आणि म्हणूनच, आज जेव्हा आपण बनारसच्या विकासाबद्दल बोलतो तेव्हा तो संपूर्ण भारताच्या विकासाचा आराखडा तयार करतो,” ते म्हणाले.
काशीच्या दोन दिवसांच्या दौऱ्यावर असलेले पंतप्रधान काल रात्री उशिरा शहरातील महत्त्वाच्या विकास प्रकल्पांच्या पाहणीसाठी गेले होते. बनारसमध्ये होत असलेल्या विकासकामांमध्ये आपला सातत्यपूर्ण सहभाग असल्याचा पुनरुच्चार त्यांनी केला. “काल रात्री 12 वाजल्यानंतर, संधी मिळताच, मी माझ्या काशीत सुरू असलेले काम, पूर्ण झालेले काम पाहण्यासाठी पुन्हा बाहेर पडलो”, ते म्हणाले. ते म्हणाले की, गडोलिया परिसरात झालेले सुशोभीकरणाचे काम पाहण्यासारखे झाले आहे. “मी तिथे अनेक लोकांशी संवाद साधला. मी मंडुआडीहमध्ये बनारस रेल्वे स्थानकही पाहिलं. या स्थानकाचेही नूतनीकरण करण्यात आले आहे. जुने जपत नावीन्य आत्मसात करत बनारस देशाला नवी दिशा देत आहे, असे पंतप्रधान म्हणाले.
सद्गुरूंनी स्वातंत्र्यलढ्याच्या वेळी दिलेल्या स्वदेशीच्या मंत्राचे स्मरण करून पंतप्रधान म्हणाले, त्याच भावनेने देशाने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान ’ सुरू केले आहे. “आज देशातील स्थानिक व्यवसाय, रोजगार आणि उत्पादनांना नवीन बळ मिळत आहे. स्थानिक जागतिक होत आहे,” ते पुढे म्हणाले.
‘सबका प्रयास’ या भावनेने वाटचाल करत पंतप्रधानांनी आपल्या भाषणात प्रत्येकाला काही संकल्प करण्याचे आवाहन केले. ते म्हणाले, हे संकल्प असे असावेत की ज्यामध्ये सद्गुरूंचे संकल्प पूर्ण होतात आणि ज्यामध्ये देशाच्या आशा-आकांक्षाही सामावलेल्या असतात. हे असे संकल्प असू शकतात ज्यांना गती दिली जावी आणि पुढील दोन वर्षांत एकत्रितपणे पूर्ण केले जावे. पहिल्या संकल्पात पंतप्रधानांनी मुलींना शिक्षित करून त्यांच्यातील कौशल्य विकासाचा आग्रह धरला. “आपल्या कुटुंबाबरोबरच समाजात जे जबाबदारी घेऊ शकतात त्यांनी एक-दोन गरीब मुलींच्या कौशल्य विकासाची जबाबदारीही घेतली पाहिजे”, असा आग्रह त्यांनी धरला. ते म्हणाले, आणखी एक संकल्प पाणी बचतीचा असू शकतो. “आपल्या नद्या, गंगा जी आणि आपले सर्व जलस्रोत स्वच्छ ठेवायचे आहेत,” असे सांगत पंतप्रधानांनी भाषणाचा समारोप केला.
काशी की ऊर्जा अक्षुण्ण तो है ही, ये नित नया विस्तार भी लेती रहती है।
कल काशी ने भव्य ‘विश्वनाथ धाम’ को महादेव के चरणों में अर्पित किया: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 14, 2021
आज गीता जयंती का पुण्य अवसर है।
आज के ही दिन कुरुक्षेत्र की युद्ध की भूमि में जब सेनाएँ आमने सामने थीं, मानवता को योग, आध्यात्म और परमार्थ का परम ज्ञान मिला था।
इस अवसर पर भगवान कृष्ण के चरणों में नमन करते हुए आप सभी को, सभी देशवासियों को गीता जयंती की हार्दिक बधाई देता हूँ: PM
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मैं सद्गुरु सदाफल देव जी को नमन करता हूँ, उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति को प्रणाम करता हूँ।
मैं श्री स्वतंत्रदेव जी महाराज और श्री विज्ञानदेव जी महाराज का भी आभार व्यक्त करता हूँ जो इस परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं, नया विस्तार दे रहे हैं: PM @narendramodi
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हमारा देश इतना अद्भुत है कि, यहाँ जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है।
ये भारत ही है जिसकी आज़ादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है: PM @narendramodi
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बनारस जैसे शहरों ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी भारत की पहचान के, कला के, उद्यमिता के बीजों को सहेजकर रखा है।
जहां बीज होता है, वृक्ष वहीं से विस्तार लेना शुरू करता है।
और इसीलिए, आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं, तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप भी बनता है: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 14, 2021
गौदोलिया में जो सुंदरीकरण का काम हुआ है, देखने योग्य बना है।
वहां कितने ही लोगों से मेरी बातचीत हुई।
मैंने मडुवाडीह में बनारस रेलवे स्टेशन भी देखा। इस स्टेशन का भी अब कायाकल्प हो चुका है।
पुरातन को समेटे हुए नवीनता को धारण करना, बनारस देश को नई दिशा दे रहा है: PM @narendramodi
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स्वाधीनता संग्राम के समय सद्गुरु ने हमें मंत्र दिया था- स्वदेशी का।
आज उसी भाव में देश ने अब ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ शुरू किया है।
आज देश के स्थानीय व्यापार-रोजगार को, उत्पादों को ताकत दी जा रही है, लोकल को ग्लोबल बनाया जा रहा है: PM @narendramodi
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मैं आज आप सभी से कुछ संकल्प लेने का आग्रह करना चाहता हूं।
ये संकल्प ऐसे होने चाहिए जिसमें सद्गुरु के संकल्पों की सिद्धि होऔर जिसमें देश के मनोरथ भी शामिल हों।
ये ऐसे संकल्प हो सकते हैं जिन्हें अगले दो साल में गति दी जाए, मिलकर पूरा किया जाए: PM @narendramodi
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एक और संकल्प हो सकता है पानी बचाने को लेकर।
हमें अपनी नदियों को, गंगा जी को, सभी जलस्रोतों को स्वच्छ रखना है: PM @narendramodi
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N.Chitale/V.Joshi/D.Rane
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Addressing the 98th anniversary celebrations of Sadguru Sadafaldeo Vihangam Yog Sansthan. https://t.co/wneEFS9GRE
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काशी की ऊर्जा अक्षुण्ण तो है ही, ये नित नया विस्तार भी लेती रहती है।
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आज गीता जयंती का पुण्य अवसर है।
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आज के ही दिन कुरुक्षेत्र की युद्ध की भूमि में जब सेनाएँ आमने सामने थीं, मानवता को योग, आध्यात्म और परमार्थ का परम ज्ञान मिला था।
इस अवसर पर भगवान कृष्ण के चरणों में नमन करते हुए आप सभी को, सभी देशवासियों को गीता जयंती की हार्दिक बधाई देता हूँ: PM
मैं सद्गुरु सदाफल देव जी को नमन करता हूँ, उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति को प्रणाम करता हूँ।
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मैं श्री स्वतंत्रदेव जी महाराज और श्री विज्ञानदेव जी महाराज का भी आभार व्यक्त करता हूँ जो इस परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं, नया विस्तार दे रहे हैं: PM @narendramodi
हमारा देश इतना अद्भुत है कि, यहाँ जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है।
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ये भारत ही है जिसकी आज़ादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है: PM @narendramodi
बनारस जैसे शहरों ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी भारत की पहचान के, कला के, उद्यमिता के बीजों को सहेजकर रखा है।
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जहां बीज होता है, वृक्ष वहीं से विस्तार लेना शुरू करता है।
और इसीलिए, आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं, तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप भी बनता है: PM
मैं जब काशी आता हूं या दिल्ली में भी रहता हूं तो प्रयास रहता है कि बनारस में हो रहे विकास कार्यों को गति देता रहूं।
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कल रात 12 बजे के बाद जैसे ही मुझे अवसर मिला, मैं फिर निकल पड़ा था अपनी काशी में जो काम चल रहे हैं, जो काम किया गया है, उनको देखने के लिए: PM @narendramodi
गौदोलिया में जो सुंदरीकरण का काम हुआ है, देखने योग्य बना है।
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वहां कितने ही लोगों से मेरी बातचीत हुई।
मैंने मडुवाडीह में बनारस रेलवे स्टेशन भी देखा। इस स्टेशन का भी अब कायाकल्प हो चुका है।
पुरातन को समेटे हुए नवीनता को धारण करना, बनारस देश को नई दिशा दे रहा है: PM @narendramodi
स्वाधीनता संग्राम के समय सद्गुरु ने हमें मंत्र दिया था- स्वदेशी का।
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आज उसी भाव में देश ने अब ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ शुरू किया है।
आज देश के स्थानीय व्यापार-रोजगार को, उत्पादों को ताकत दी जा रही है, लोकल को ग्लोबल बनाया जा रहा है: PM @narendramodi
मैं आज आप सभी से कुछ संकल्प लेने का आग्रह करना चाहता हूं।
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ये संकल्प ऐसे होने चाहिए जिसमें सद्गुरु के संकल्पों की सिद्धि होऔर जिसमें देश के मनोरथ भी शामिल हों।
ये ऐसे संकल्प हो सकते हैं जिन्हें अगले दो साल में गति दी जाए, मिलकर पूरा किया जाए: PM @narendramodi
जैसे एक संकल्प हो सकता है- हमें बेटी को पढ़ाना है, उसका स्किल डवलपमेंट भी करना है।
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अपने परिवार के साथ साथ जो लोग समाज में ज़िम्मेदारी उठा सकते हैं, वो एक दो गरीब बेटियों के स्किल डवलपमेंट की भी ज़िम्मेदारी उठाएँ: PM @narendramodi
एक और संकल्प हो सकता है पानी बचाने को लेकर।
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हमें अपनी नदियों को, गंगा जी को, सभी जलस्रोतों को स्वच्छ रखना है: PM @narendramodi
सद्गुरु सदाफल देव जी ने समाज के जागरण के लिए, ‘विहंगम योग’ को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जो संकल्प-बीज बोया था, आज वो हमारे सामने विशाल वट वृक्ष के रूप में खड़ा है। pic.twitter.com/cxKPsz9iwh
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काशी ने ये दिखाया है कि इच्छाशक्ति हो तो परिवर्तन आ सकता है। यही बदलाव आज हमारे दूसरे तीर्थस्थानों में भी दिख रहा है। pic.twitter.com/lYZwy2Djfp
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आजादी के अमृत महोत्सव में देश अनेक संकल्पों पर काम कर रहा है। इसे ध्यान में रखकर मैं आपसे कुछ संकल्प लेने का आग्रह करना चाहता हूं… pic.twitter.com/l0KVrHNf9L
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