প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা বাবা সাহেব পুরন্দরে জীবু মহাক্কী পুন্সিগী চহি ১০০শুবা চংলকপদা ইকাই খুম্নবা উৎখ্রে। বাবা সাহেবকী পুন্সিগী চহিচা চংলকপগী নিংশিং থৌরম পাংথোকপদা ৱা ঙাংলদুনা, প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি বাবা সাহেব পুরন্দরেগী পুন্সি অসি ঐখোয়গী মুনিশিংনা তম্বদা য়াম্না মথৌ লৈবা অমসুং ৱাখল য়াম্না থৌবা চহিচা শুরবা অমগী খুদম অমনি হায়খি। মহাক্না অমুকসু পনখি মদুদি মহাক্কী চহিচা শুবা অসি ভারতকী নিং-খা তম্বগী ৭৫শুবদা চপ চানা তাবা অসি য়াম্না নুঙাইবা অমনি হায়খি। প্রধান মন্ত্রীনা বাবা সাহেব পুরন্দরেনা ঐখোয়গী পুৱারীগী মুৎনাইদ্রবা থৱায় কয়াগী পুৱারী ইবদা থৌদাং লৌখিবা উৎখি। “ঐখোয় পু্ম্নমক্না মতম পুম্বদা মহাক্না শিবাজী মহারাজগী পুন্সি অমসুং পুৱারী মীয়ামদা পীনবা হোৎনবদা লৌখিবা মমল য়াম্লবা থৌদাংশিংগীদমক লমন তোন্দুনা লৈহৌরগনি” হায়না প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি। শ্রী পুরন্দরেবু ২০১৯দা পদ্মা বিভুশন পীদুনা ইকাই খুম্নবা উৎখি, মসিগী মমাংদা ২০১৫দা মহারাস্ত্র সরকারনা মহারাস্ত্র ভুশন এৱার্দ খুৎশিন্নখি। মধ্য প্রদেশ সরকারনসু মহাকপু কলিদাস এৱার্দ পীদুনা ইকাই খুম্নবা উৎখি।
প্রধান মন্ত্রীনা শিবাজী মহারাজগী মতিক-মগুনগী মরমদা মখা তানা তমখি। মহাক্না হায়খি মদুদি শিবাজী মহারাজ ভারতকী ওইবা পুৱারীগী মুর্তী খক্তা নত্তে, মহাক অসি হৌজিক ওইরিবা ভারতকী ভুগোলদা শরুক অমা ওইরি। করিগুম্বা শিবাজী মহারাজ লৈরমদ্রবা ঐখোয়গী হৌখিবা, হৌজিক ওইরিবা অমসুং তুংগী ওইবা ৱাহং কয়া অমা লৈরিবা অসি করম্বা ফিভম অমদা লৈরমগনি। মহাক্না মহাক্কী মতমদা তৌরম্বশিং অসিনা মহাক্কী লিজেন্দশিংনা তৌরম্বা অদুমক মহাক্কী ৱারীদা য়াওরি। মহাক্কী ‘হিন্দবী স্বারাজ’ অসি তোল্ল-তারবশিংগীদমক অচুম্বা ৱায়েল পীবা অমসুং অচুম্বা লৈঙাক লৈতবগী মায়োক্তা লান্থেংনবগী মপা লৈত্রবা খুদম অমনি। বির শিবাজীগী মেনেজমেন্ত, মহাক্না শিজিন্নরম্বা নেভীগী শক্তি, মহাক্কী ঈশিংগী মেনেজমেন্ত অসি হৌজিক ফাওবা মতৌ তম্লি, হায়না শ্রী মোদীনা হায়খি।
বাবা সাহেব পুরন্দরেগী থবকশিং অসি শিবাজী মহারাজদা কৎথোকপা অমগী মমি তারি, মহাক্কী থবকশিং অসিনা শিবাজী মহারাজনা ঐখোয়গী থম্মোয়দা হিংদুনা লৈরি হায়না প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি। প্রধান মন্ত্রীনা বাবা সাহেবকী থৌরমদা মহাক মশামক্কা থেংনখিবা নিংশিংখি অমসুং মহাক্না নহাশিংদা মহাক্কী লৈজবী থাক্তা পুৱারীবু থমখিবা অসিদা থাগৎপা ফোংদোকখি। মহাক্না মতম লৈবা খিবিক্তা পুৱারীনা মশাগী অশেংবা শক্তমদা লৈজৈ হায়না খনখি। “মসি ৱাখল অসি লৈবাক অসিগী পুৱারীদা মথৌ তাই, মহাক্না কৈদৌনুংদা মহাক্কী থাজবা অমসুং লিতরেচরনা মহাক্কী পুৱারীগী ৱাখলদা শোকহনগনি হায়না খনখিদে। ঐহাক্না নহা ওইরিবা হিস্তোরিয়ানশিংদা মখোয়না অজাদী কা অমৃত মহোৎসবকী থৌরম মনুংদা ভারতকী নিং-খা তম্বগী পুৱারী ইবা মতমদা বাবা সাহেব পুরন্দরেগী চপ মান্নবা থাক্তা থম্নবা আপিল তৌজরি.” হায়না প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি।
প্রধান মন্ত্রীনা গোৱা মুক্তি সংগ্রমদগী দদার নগর হাবেলিগী নিংতম লানদা বাবা সাহেব পুরন্দরেগী থৌদাংশিং নিংশিংখি।
मैं आदरणीय बाबा साहेब पुरंदरे जी को जीवन के सौवें वर्ष में प्रवेश के लिए हृदय से शुभकामनाएँ देता हूँ।
उनका मार्गदर्शन, उनका आशीर्वाद जैसे अभी तक हम सबको मिलता रहा है, वैसे ही आगे भी लंबे समय तक मिलता रहे, ये मेरी मंगलकामना है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2021
आप सब इस बात से परिचित हैं कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश ने स्वाधीनता सेनानियों के, अमर आत्माओं के इतिहास लेखन का अभियान शुरू किया है।
बाबा साहेब पुरंदरे यही पुण्य-कार्य दशकों से करते आ रहे हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2021
आप सब इस बात से परिचित हैं कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश ने स्वाधीनता सेनानियों के, अमर आत्माओं के इतिहास लेखन का अभियान शुरू किया है।
बाबा साहेब पुरंदरे यही पुण्य-कार्य दशकों से करते आ रहे हैं: PM @narendramodi
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बाबा साहेब ने हमेशा सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि युवाओं तक इतिहास अपनी प्रेरणाओं के साथ पहुंचे, साथ ही अपने सच्चे स्वरूप में भी पहुंचे।
इसी संतुलन की आज देश के इतिहास को आवश्यकता है।
उनकी श्रद्धा और उनके भीतर के साहित्यकार ने कभी भी उनके इतिहासबोध को प्रभावित नहीं किया: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2021
शिवाजी महाराज का ‘हिंदवी स्वराज’ सुशासन का, पिछड़ों-वंचितों के प्रति न्याय का, और अत्याचार के खिलाफ हुंकार का अप्रतिम उदाहरण है।
वीर शिवाजी का प्रबंधन, देश की समुद्रिक शक्ति का इस्तेमाल, नौसेना की उपयोगिता, जल प्रबंधन ऐसे कई विषय आज भी अनुकरणीय हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2021
शिवाजी महाराज, भारत के इतिहास के शिखर-पुरुष तो हैं ही, बल्कि भारत का वर्तमान भूगोल भी उनकी अमर गाथा से प्रभावित है।
ये हमारे अतीत का, हमारे वर्तमान का, और हमारे भविष्य का एक बहुत बड़ा प्रश्न है, कि अगर शिवाजी महाराज न होते तो क्या होता? – PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2021
शिवाजी महाराज, भारत के इतिहास के शिखर-पुरुष तो हैं ही, बल्कि भारत का वर्तमान भूगोल भी उनकी अमर गाथा से प्रभावित है।
ये हमारे अतीत का, हमारे वर्तमान का, और हमारे भविष्य का एक बहुत बड़ा प्रश्न है, कि अगर शिवाजी महाराज न होते तो क्या होता? – PM @narendramodi
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Addressing the birth centenary celebrations of Padma Vibhushan Shivshahir Babasaheb Purandare Ji. https://t.co/oEIDaZduIB
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मैं आदरणीय बाबा साहेब पुरंदरे जी को जीवन के सौवें वर्ष में प्रवेश के लिए हृदय से शुभकामनाएँ देता हूँ।
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2021
उनका मार्गदर्शन, उनका आशीर्वाद जैसे अभी तक हम सबको मिलता रहा है, वैसे ही आगे भी लंबे समय तक मिलता रहे, ये मेरी मंगलकामना है: PM @narendramodi
आप सब इस बात से परिचित हैं कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश ने स्वाधीनता सेनानियों के, अमर आत्माओं के इतिहास लेखन का अभियान शुरू किया है।
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बाबा साहेब पुरंदरे यही पुण्य-कार्य दशकों से करते आ रहे हैं: PM @narendramodi
उन्होंने शिवाजी महाराज के जीवन को, उनके इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने में जो योगदान दिया है, उसके लिए हम सभी उनके हमेशा ऋणी रहेंगे।
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मुझे खुशी है कि हमें उनके इस योगदान के बदले देश को उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का सौभाग्य मिला है: PM @narendramodi
शिवाजी महाराज, भारत के इतिहास के शिखर-पुरुष तो हैं ही, बल्कि भारत का वर्तमान भूगोल भी उनकी अमर गाथा से प्रभावित है।
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ये हमारे अतीत का, हमारे वर्तमान का, और हमारे भविष्य का एक बहुत बड़ा प्रश्न है, कि अगर शिवाजी महाराज न होते तो क्या होता? - PM @narendramodi
छत्रपति शिवाजी महाराज के बिना भारत के स्वरूप की, भारत के गौरव की कल्पना भी मुश्किल है।
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जो भूमिका उस कालखंड में छत्रपति शिवाजी की थी, वही भूमिका उनके बाद उनकी प्रेरणाओं ने, उनकी गाथाओं ने निभाई है: PM @narendramodi
शिवाजी महाराज का 'हिंदवी स्वराज' सुशासन का, पिछड़ों-वंचितों के प्रति न्याय का, और अत्याचार के खिलाफ हुंकार का अप्रतिम उदाहरण है।
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वीर शिवाजी का प्रबंधन, देश की समुद्रिक शक्ति का इस्तेमाल, नौसेना की उपयोगिता, जल प्रबंधन ऐसे कई विषय आज भी अनुकरणीय हैं: PM @narendramodi
बाबा साहेब ने हमेशा सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि युवाओं तक इतिहास अपनी प्रेरणाओं के साथ पहुंचे, साथ ही अपने सच्चे स्वरूप में भी पहुंचे।
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2021
इसी संतुलन की आज देश के इतिहास को आवश्यकता है।
उनकी श्रद्धा और उनके भीतर के साहित्यकार ने कभी भी उनके इतिहासबोध को प्रभावित नहीं किया: PM