প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা ঙসি ভিদিও কনফরেন্সকী খুত্থাংদা নেচরেল ফার্মিংগী নেস্নেল কনক্লেবতা লৈবাক্কী মৌমীশিংগী মফমদা ৱা ঙাংখ্রে। কেন্দ্রগী মন্ত্রী, শ্রী অমিৎ শাহ, শ্রী নরেন্দ্র সিংহ তোমার, গুজরাতকী রাজ্যপাল, গুজরাত অমসুং উত্তর প্রদেশকী মুখ্য মন্ত্রীসু থৌরম অসিদা অতোপ্পা মীথুংলেনশিংগা লোয়ননা শরুক য়াখি।
প্রধান মন্ত্রীনা লৌমীশিংগী মফমদা ৱা ঙাংবদা নিংতম্বগী চহি ১০০গী খোঙচৎ অসিদা থেংনরকপা অনৌবা তঙাই ফদবা, অনৌবা শিংনবশিংগা ঐখোয়গী লৌউ-শিংউবগা চুন্নহন্নবা হোৎনগদবনি হায়না ফোংদোকখি। হৌখিবা চহি ৬-৭ অসিদা, লৌমীশিংগী শেন্থোক হেনগৎহন্নবগীদমক্তা মরুদগী হৌদুনা কৈথেল ফাওবগী হীরমদা খোঙথাং কয়া অমা পায়খৎখ্রবনি হায়না প্রধান মন্ত্রীনা পাউদমখি। লৈবাক লৈহাও চাংয়েং তৌবদগী হৌদুনা অনৌবা মরু চাম্ম-চাম্মা চাংয়েং তৌখিবা, পি.এম. কিসান সম্মান নিধীদগীনা পোত্থোক পুথোকপগী অচঙবা শেলগী শরুক ১.৫ হেন্দুনা এম.এস.পি. লেপ্পা, ইরিগেসন্দগী মপাঙ্গল লৈবা কিসান রেলগী নেতৱর্ক শেমগৎখিবশিং অসিনা সেক্তর অসিবু ঐখোয়গী অপাম্বা মাইকৈদা পুদুনা চৎলি। মহাক্না লৈবাক্কী মফম খুদিংদগী থৌরম অসিদা শরূক য়ারিবা লৌমীশিংবু তরাম্না ওকখি।
প্রধান মন্ত্রীনা কেমিকেল অমসুং ফর্তিলাইজরশিংনা গ্রীন রিভোল্যুসনগী লমদা মরু ওইবা থৌদাং য়ারিবা অসিবু শকখঙলদুনা মান্নবা মতম অমুক্তদা মসিগী মহুৎ শিনবা য়াবা অতোপ্পা পাম্বৈশিং শিজিন্ননবা হোৎনবগী তঙাই ফদবা লৈবদা মিৎয়েং চঙখি। ইনপুৎকী মমল হেনগৎহল্লকপা অমসুং হকশেলদা অশোকপা লাকহল্লকপা মীরমদগী পুশিল্লকপা হার অমসুং তিলহাৎ হিদাক শিজিন্নবগী খুদোংথীবা লৈরিবশিংগী মতাংদা মহাক্না চেকশিনৱাসু ফোংদোকখি। লৌউ-শিংউদা থেংনরিবা অসিগুম্বা থৌওংশিং অসিনা কা হেন্না ফৎচিল্লক্ত্রিঙৈদা মসিগী মতাংদা অচৌবা খোঙথাং পায়খৎপগী হৌজিক অসি চপ চাবা মতম্নি হায়না মহাক্না ফোংদোকখি। ““ঐখোয়না ঐখোয়গী লৌউ-শিংউববু কেমিস্ত্রীগী লেব মপান্দগী পুথোরক্তুনা মহৌশাগী লেবকা শম্নহনগদবনি। ঐহাক্না মহৌশাগী লেবোরেতরীগী মতাংদা হায়রিবা অসি সাইন্সতা মপুং ওইনা য়ুম্ফম ওইবনি”, হায়না প্রধান মন্ত্রীনা ফোংদোকখি। মালেম অসিনা মোদর্ন ওইরকপা হেনবগা লোয়ননা, মসিনা ‘বেক তু বেসিক’তা হঞ্জিনবসু হেল্লি হায়না প্রধান মন্ত্রীনা ঙসি ফোংদোকখি। “মসিনা হায়রিবসি ঐখোয়গী হৌরকফমগা নকশিন্নবা হায়বনি। অদোম লৌমীশিং নত্তনা মসিদগী হেন্না খঙববু কনা লৈবগেনে? ঐখোয়না মরাশিংদা ঈশিং হেন্না চাইরিবা মখৈ, পাম্বীনা চাউখৎপা হেনগদৌরিবনি”, হায়না প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি।
“ঐখোয়না থাইনগী লৌশিংবু নৌহৌননা তম্বগী মথৌ তাবতা নত্তনা হৌজিক্কী মতমগা চান্নহন্নবা ময়া থৌহনবগী মথৌসু তারে। হীরম অসিগী মতাংদা, ঐখোয়না নৌহৌননা রিসর্চ তৌদুনা অরিবা লৌশিংবু শেমজিন শাজিন্দুনা হৌজিক মতমগী সাইন্সকী মওংদা শেমগদবনি”, হায়না প্রধান মন্ত্রীনা ফোংদোকখি। ঐখোয়না ফংজরিবা লৌশিংগী মতাংদা চেকশিন্না লৈনবসু প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি। লৌরোক্কী লেমহৌবশিংবু মৈ থাদোকপগী হৈনবী অমা লৈনরিবা অসিগী মতাংদা পল্লদুনা মহাক্না হায়খিবদা, হায়রিবা থৌওংশিং অসি পাংথোকপদা, লবুক্তা মৈ থাবদা, লৈহাওনা মহাক্কী লৈহাও-ফবশিং মাঙই হায়না অখঙ-অহৈ কয়ানা হায়রবা ফাওবদা অদুমক পাংথোক্লি। অদুগা, কেমিকেল য়াওদ্রগদি, মহৈ মরোং ফজনা লোকপা ঙম্লোই হায়বা অরানবা ৱাখল্লোন অমদসু থাজনরি হায়না মহাক্না পাউদমখি। অদুবু, অশেংবা ৱাফমদি, মসিগা ওন্ন-তৈনবনি। মমাংদা কেমিকেল অমত্তা লৈরমদে, অদুবু লৌরোক্তি অদুমক ফজদুনা লাক্নখিবনি। মীওইবা খুন্নাই চাউখৎপগী পুৱারীনা মসিগী শাখিনি হায়না মহাক্না হায়খি। “অনৌবা কয়া তমশিনবগা লোয়ননা, ঐখোয়না ঐখোয়গী লৌউবগী থৌওংদা চঙশিল্লক্লিবা অরানবা থৌওংশিংসু তোকপা তমগদবনি”, হায়না মহাক্না ফোংদোকখি। আই.সি.এ.আর.গুম্বা ইন্সতিত্যুৎ, লৌউ-শিংউবগী য়ুনিভর্সিতী কয়া অমসুং কৃষি বিগ্যান কেন্দ্রশিংনা হায়রিবা হীমশিং অসিবু চেদা খক্তা লৈরম্বদগী থবক ওইনা মাই পাক্না পাংথোকপা ঙমহনবদা অচৌবা থৌদাং য়াবা য়াই হায়না মহাক্না মখা তানা ফোংদোকখি।
নেচরেল ফার্মিং অসিদগী খ্বাইদগী হেন্না কান্নবা ফংগদবশিংদি লৈবাক্কী লৌমীগী অপুনবগী ৮০%নি হায়না প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি। মখোয়শিং অসিদি হেক্ত্যার ২দগী তাবা লমখক লৈজবা অপীকপা লৌমীশিংনি। অসিগুম্বা লৌমী অয়াম্বনা কেমিকেল য়াওবা হারশিংদা শেল য়াম্না থাদনৈ। করিগুম্বা মখোয়না নেচরেল ফার্মিংদা মাই ওনশিল্লবদি, মখোয়গী ফিভম য়াম্না ফগৎলক্কনি হায়না প্রধান মন্ত্রীনা ফোংদোকখি।
প্রধান মন্ত্রীনা রাজ্য খুদিং, রাজ্য সরকার খুদিংনা মাং থানা থোক্লক্তুনা নেচরেল ফার্মিংবু মীয়ামগী ইহৌ অমা ওইহনসি হায়না হায়খি। মসিগী অমৃত মহোৎসব অসিদা, ঐখোয়না পঞ্চায়ৎ খুদিংগী য়ামদ্রবদা খুঙ্গং অমদি নেচরেল ফার্মিংগা মরী লৈহন্নবা হোৎনগদবনি হায়না মহাক্না কন্না হায়খি।
প্রধান মন্ত্রীনা ক্লাইমেত চেঞ্জ সম্মিত্তা মালেম পুম্বদা “লাইফস্তাইল ফোর ইনভাইরনমেন্ত” ,হায়বদি এল.আই.এফ.ই., অসিবু মালেমগী মিসন অমা ওইহনসি হায়বা ফোংদোকখিববু নীংশিংখি। ভারত অমসুং মসিগী লৌমীশিংনা হীরম অসিগী মতাংদা ২১শুবা চহি-চাগী মালেম্বু লুচিংগনি। নিংতম্বগী অমৃত মহোৎসবকী মতম অসিদা ঐখোয়গী ইমা ভারতকী লৈবাক-লৈহাওশিংবু কেমিকেল য়াওবা হার অমসুং তিলহাৎ হিদাকশিংদগী মনিং তমহন্নবা ঐখোয় পুন্না ৱাশকমিন্নরসি হায়না প্রধান মন্ত্রীনা মীয়ামদা তকশিনখি।
গুজরাত সরকারনা নেচরেল ফার্মিংগী নেস্নেল কনক্লেব অসিবু শিন-লাঙখিবনি। নুমিৎ হুম্নিগী সম্মিৎ অসি দিসেম্বর ১৪দগী ১৬, ২০২১ ফাওবা পাংথোকখিবনি। আই.সি.এ.আর.গী সেন্ত্রেল ইন্সতিত্যুৎ, কৃষি বিগ্যান কেন্দ্র অমসুং রাজ্যসিগী এ.তি.এম.এ. (এগ্রিকলচরেল তেক্নোলোজী মেনেজমেন্ত এজেন্সী) নেতৱর্ক্কী খুত্থাংদা লাইবতা থাদোক্তুনা শরুক য়াহল্লিবা লৌমীশিংগী মথক্তা লৌমী ৫০০০ হেনবনা থৌরম অসিদা শরুক য়াখি।
आजादी के बाद के दशकों में जिस तरह देश में खेती हुई, जिस दिशा में बढ़ी, वो हम सब हम सबने बहुत बारीकी से देखा है।
अब आज़ादी के 100वें वर्ष तक का जो हमारा सफर है, वो नई आवश्यकताओं, नई चुनौतियों के अनुसार अपनी खेती को ढालने का है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
बीते 6-7 साल में बीज से लेकर बाज़ार तक, किसान की आय को बढ़ाने के लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं।
मिट्टी की जांच से लेकर सैकड़ों नए बीज तक,
पीएम किसान सम्मान निधि से लेकर लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी तक,
सिंचाई के सशक्त नेटवर्क से लेकर किसान रेल तक,
अनेक कदम उठाए हैं: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
ये सही है कि केमिकल और फर्टिलाइज़र ने हरित क्रांति में अहम रोल निभाया है।
लेकिन ये भी उतना ही सच है कि हमें इसके विकल्पों पर भी साथ ही साथ काम करते रहना होगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
इससे पहले खेती से जुड़ी समस्याएं भी विकराल हो जाएं उससे पहले बड़े कदम उठाने का ये सही समय है।
हमें अपनी खेती को कैमिस्ट्री की लैब से निकालकर प्रकृति की प्रयोगशाला से जोड़ना ही होगा।
जब मैं प्रकृति की प्रयोगशाला की बात करता हूं तो ये पूरी तरह से विज्ञान आधारित ही है: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
आज दुनिया जितना आधुनिक हो रही है, उतना ही ‘back to basic’ की ओर बढ़ रही है।
इस Back to basic का मतलब क्या है?
इसका मतलब है अपनी जड़ों से जुड़ना!
इस बात को आप सब किसान साथियों से बेहतर कौन समझता है?
हम जितना जड़ों को सींचते हैं, उतना ही पौधे का विकास होता है; PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
कृषि से जुड़े हमारे इस प्राचीन ज्ञान को हमें न सिर्फ फिर से सीखने की ज़रूरत है, बल्कि उसे आधुनिक समय के हिसाब से तराशने की भी ज़रूरत है।
इस दिशा में हमें नए सिरे से शोध करने होंगे, प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक फ्रेम में ढालना होगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
जानकार ये बताते हैं कि खेत में आग लगाने से धरती अपनी उपजाऊ क्षमता खोती जाती है।
हम देखते हैं कि जिस प्रकार मिट्टी को जब तपाया जाता है, तो वो ईंट का रूप ले लेती है।
लेकिन फसल के अवशेषों को जलाने की हमारे यहां परंपरा सी पड़ गई है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
एक भ्रम ये भी पैदा हो गया है कि बिना केमिकल के फसल अच्छी नहीं होगी।
जबकि सच्चाई इसके बिलकुल उलट है।
पहले केमिकल नहीं होते थे, लेकिन फसल अच्छी होती थी। मानवता के विकास का, इतिहास इसका साक्षी है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
नैचुरल फार्मिंग से जिन्हें सबसे अधिक फायदा होगा, वो हैं देश के 80 प्रतिशत किसान।
वो छोटे किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है।
इनमें से अधिकांश किसानों का काफी खर्च, केमिकल फर्टिलाइजर पर होता है।
अगर वो प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ेंगे तो उनकी स्थिति और बेहतर होगी: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
मैं आज देश के हर राज्य से, हर राज्य सरकार से, ये आग्रह करुंगा कि वो प्राकृतिक खेती को जनआंदोलन बनाने के लिए आगे आएं।
इस अमृत महोत्सव में हर पंचायत का कम से कम एक गांव ज़रूर प्राकृतिक खेती से जुड़े, ये प्रयास हम कर सकते हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
क्लाइमेट चैंज समिट में मैंने दुनिया से Life style for environment यानि LIFE को ग्लोबल मिशन बनाने का आह्वान किया था।
21वीं सदी में इसका नेतृत्व भारत करने वाला है, भारत का किसान करने वाला है: PM @narendramodi
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क्लाइमेट चैंज समिट में मैंने दुनिया से Life style for environment यानि LIFE को ग्लोबल मिशन बनाने का आह्वान किया था।
21वीं सदी में इसका नेतृत्व भारत करने वाला है, भारत का किसान करने वाला है: PM @narendramodi
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Addressing the National Conclave on #NaturalFarming. https://t.co/movK2DPtfb
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आजादी के बाद के दशकों में जिस तरह देश में खेती हुई, जिस दिशा में बढ़ी, वो हम सब हम सबने बहुत बारीकी से देखा है।
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अब आज़ादी के 100वें वर्ष तक का जो हमारा सफर है, वो नई आवश्यकताओं, नई चुनौतियों के अनुसार अपनी खेती को ढालने का है: PM @narendramodi
बीते 6-7 साल में बीज से लेकर बाज़ार तक, किसान की आय को बढ़ाने के लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं।
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मिट्टी की जांच से लेकर सैकड़ों नए बीज तक,
पीएम किसान सम्मान निधि से लेकर लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी तक,
सिंचाई के सशक्त नेटवर्क से लेकर किसान रेल तक,
अनेक कदम उठाए हैं: PM
ये सही है कि केमिकल और फर्टिलाइज़र ने हरित क्रांति में अहम रोल निभाया है।
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लेकिन ये भी उतना ही सच है कि हमें इसके विकल्पों पर भी साथ ही साथ काम करते रहना होगा: PM @narendramodi
इससे पहले खेती से जुड़ी समस्याएं भी विकराल हो जाएं उससे पहले बड़े कदम उठाने का ये सही समय है।
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हमें अपनी खेती को कैमिस्ट्री की लैब से निकालकर प्रकृति की प्रयोगशाला से जोड़ना ही होगा।
जब मैं प्रकृति की प्रयोगशाला की बात करता हूं तो ये पूरी तरह से विज्ञान आधारित ही है: PM
आज दुनिया जितना आधुनिक हो रही है, उतना ही ‘back to basic’ की ओर बढ़ रही है।
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
इस Back to basic का मतलब क्या है?
इसका मतलब है अपनी जड़ों से जुड़ना!
इस बात को आप सब किसान साथियों से बेहतर कौन समझता है?
हम जितना जड़ों को सींचते हैं, उतना ही पौधे का विकास होता है; PM @narendramodi
कृषि से जुड़े हमारे इस प्राचीन ज्ञान को हमें न सिर्फ फिर से सीखने की ज़रूरत है, बल्कि उसे आधुनिक समय के हिसाब से तराशने की भी ज़रूरत है।
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इस दिशा में हमें नए सिरे से शोध करने होंगे, प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक फ्रेम में ढालना होगा: PM @narendramodi
जानकार ये बताते हैं कि खेत में आग लगाने से धरती अपनी उपजाऊ क्षमता खोती जाती है।
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हम देखते हैं कि जिस प्रकार मिट्टी को जब तपाया जाता है, तो वो ईंट का रूप ले लेती है।
लेकिन फसल के अवशेषों को जलाने की हमारे यहां परंपरा सी पड़ गई है: PM @narendramodi
एक भ्रम ये भी पैदा हो गया है कि बिना केमिकल के फसल अच्छी नहीं होगी।
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जबकि सच्चाई इसके बिलकुल उलट है।
पहले केमिकल नहीं होते थे, लेकिन फसल अच्छी होती थी। मानवता के विकास का, इतिहास इसका साक्षी है: PM @narendramodi
नैचुरल फार्मिंग से जिन्हें सबसे अधिक फायदा होगा, वो हैं देश के 80 प्रतिशत किसान।
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
वो छोटे किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है।
इनमें से अधिकांश किसानों का काफी खर्च, केमिकल फर्टिलाइजर पर होता है।
अगर वो प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ेंगे तो उनकी स्थिति और बेहतर होगी: PM
मैं आज देश के हर राज्य से, हर राज्य सरकार से, ये आग्रह करुंगा कि वो प्राकृतिक खेती को जनआंदोलन बनाने के लिए आगे आएं।
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
इस अमृत महोत्सव में हर पंचायत का कम से कम एक गांव ज़रूर प्राकृतिक खेती से जुड़े, ये प्रयास हम कर सकते हैं: PM @narendramodi
क्लाइमेट चैंज समिट में मैंने दुनिया से Life style for environment यानि LIFE को ग्लोबल मिशन बनाने का आह्वान किया था।
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21वीं सदी में इसका नेतृत्व भारत करने वाला है, भारत का किसान करने वाला है: PM @narendramodi
आइये, आजादी के अमृत महोत्सव में मां भारती की धरा को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से मुक्त करने का संकल्प लें:PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 16, 2021
कम लागत ज्यादा मुनाफा, यही तो प्राकृतिक खेती है! pic.twitter.com/jbaLGLVRi6
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2021
आज जब दुनिया Organic की बात करती है, नैचुरल की बात करती है और जब ‘Back to Basic’ की बात होती है, तो उसकी जड़ें भारत से जुड़ती दिखाई पड़ती हैं।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2021
खेती-किसानी के इर्द-गिर्द ही हमारा समाज विकसित हुआ है, परंपराएं पोषित हुई हैं, पर्व-त्योहार बने हैं। pic.twitter.com/G3ajwDQE2F
ऐसे कई श्लोक हैं, जिनमें प्राकृतिक खेती के सूत्रों को बहुत ही सुंदरता के साथ पिरोया गया है… pic.twitter.com/j01vOahpWM
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2021
आत्मनिर्भर भारत तभी संभव है, जब कृषि आत्मनिर्भर बने, एक-एक किसान आत्मनिर्भर बने। ऐसा तभी हो सकता है, जब अप्राकृतिक खाद और दवाइयों के बदले हम मां भारती की मिट्टी का संवर्धन गोबर-धन से करें, प्राकृतिक तत्वों से करें। pic.twitter.com/sIECANVM4S
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2021