প্রধান মন্ত্রী, শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা ভিদিও কনফরেন্স তোঙান-তোঙানবা নেস্নেল হায়ৱে অমসুং রোদ প্রোজেক্তশিংগী উরেপ-উয়ুং তমখ্রে অমসুং জাতি মীয়ামদা খুৎশিন্নখ্রে। থৌরম অসিদা কেন্দ্রগী রোদ ত্রান্সপোর্ত অমসুং হায়ৱে মন্ত্রী, মহারাস্ত্রগী গভর্নর অমসুং মুখ্য মন্ত্রী শরুক য়াখি।
থৌরম অসিদা ৱা ঙাংলদুনা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি, ঙসি মফম অসিদা শ্রীসন্ত জ্ঞানেশ্বর মহারাজ পালখী মার্গ অমসুং সন্ত তুকারাম মহারাজ পালখী মার্গকী উরেপ-উয়ুং তমখ্রে। শ্রীসন্ত জ্ঞানেশ্বর মহারাজ পালখী মার্গ শাবা অসি তাঙ্কক মঙা থোক্না শাগনি অমসুং সন্ত তুকারাম মহারাজ পালখী মার্গ অসিনা তাঙ্কক অহুমদা লোইশিনগনি। মহাক্না হায়খি প্রোজেক্তশিং অসিনা লমদম অসিদা কন্নেক্তিবিতী ফগৎহল্লগনি অমসুং প্রোজেক্তশিং অসিগীদমক থৌজাল পীবিনবা মহাক্না ভক্তাশিং, মুনিশিং অমসুং ভগৱান ৱিত্থলদা ইকাই খুম্নবা উৎখি। মহাক্না হায়খি বগৱান ৱিত্থলদা থম্বা থাজবা অসি পুৱারীদা লেংদনা লৈদুনা লাকখি অমসুং “ঙসিসু মসিগী য়াত্রা অসি মালেমগী খ্বাইদগী অরিবা অমসুং খ্বাইদগী চাউবা জন-য়াত্রাশিং ওইনা, পিপল মুফমেন্ত ওইনা উদুনা লাকখি। মসিনা ঐখোয়দা তোঙান-তোঙানবা লম্বীশিং, তোঙান-তোঙানবা পাম্বৈ অমসুং ৱাখল্লোনশিং লৈ অদুবু পান্দমদি চপ মান্নৈ হায়না তাকপীখি। অরোইবা ফাওবা পন্থ পুম্নমক ‘ভাগবত পন্থ’ ওই।মসি ঐখোয়গী থাজববু ফাজিনবগী মহুৎ মনিং তমহল্লিবা ভারতকী অফবা পাউতাকশিং অদুগী খুদম অমনি”, হায়না প্রধান মন্ত্রীনা ফোঙদোকখি।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি ভগৱান ৱিত্থল দেবকী দরবার অসি মীপুম খুদিংমক্কী ওইনা চপ মান্নৈ। অমসুং ঐহাক্না সবকা সাথ – সবকা বিকাস – সবকা বিশ্বাস হায়বা মতমদা মসিগী মরুমদা লৈরিবা ৱাখল্লোন অসি চপ মান্নৈ। মসিগী ৱাখল্লোন অসিনা লৈবাক অসি চাউখৎনবা, মীপুম খুদিংমক পুন্না চৎমিন্ননবা, পুম্নমক্কী য়াইফনবা ঐখোয়দা ইথিল পীরি।
ভারতকী লাইনীং-লাংশোন্দা থম্লিবা থাজবা অসি পল্লদুনা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি পর্দরপুরগী শেবা তৌবা অসি ঐহাক্কী ওইনদি শ্রী নারায়ন হরিগী শেবা তৌবনি। মফম অসি ভক্তাশিংগীদমক বগৱান্না ঙসিসু লৈরিবা মফম অদুনি। মফম অসি সন্ত নামদেবজী মহারাজনা পর্দরপুর অসি মালেম শেমদ্রিঙৈ মমাংদগী লৈরক্লবনি হায়না হায়খিবা অদুনি, হায়না মহাক্না ফোঙদোকখি।
প্রধান মন্ত্রীনা ভারতকী মগুন অসি মতম অমদগী মতম অমদা, তোঙান-তোঙানবা মফমশিংদা অসিগুম্বা মশক নাইবা মীওইশিং অসি মপোক অমুক পোক্লকখি, লৈবাক অসিদা মাইকৈ তাক্লি। খাদা মধ্বাচার্য়, নিম্বার্কাচার্য়, বল্লভচার্য়, রামানুজাচার্য়, নোংচুপতা নরসী মেহতা, মীরাবাই, ধীরো ভগত, ভোজা ভগত, প্রীতম পোকখি। অৱাংদা রামানন্দ, কবীরদাস, গোস্বামী তুলসীদাস, সুদাস, গুরু নানকদেব, সন্ত রৈদাস লৈরমখি। য়েলহৌঙৈগী মতমদা চৈতন্য মহাপ্রভু, অমসুং শঙ্কর দেবকুম্বা মুনীশিংগী ৱাখল্লোনশিংনা লৈবাক অসিদা ইথিল পীখি
ৱারকারী অন্দোলন্না খুন্নাইদা পীখিবা শাফুগী মতাংদা ৱাখল্লোন ফোঙদোক্লদুনা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি য়াত্রা অসিদা নুপাদা পোক্লিবা মথৌনা-মরিংজেল অদুগা চপ মান্ননা নুপীশিংনা শরুক য়াখি অসি চৎনবী অসিগী মরু ওইবা মগুন অমনি। মসিনা লৈবাক অসিগী নুপীশিংগী শক্তি অদু উৎলি। ‘পন্দরী কী ৱারী’ অসিনা মান্ননা খুদোংচাবা ফংই হায়না উৎলি। ৱারকরী অন্দোলন্না খেন্নবা থম্বা অসি লাল্লি হায়না লৌখি অমসুং মসিনা অথোইবা মোত্তো ওইখি হায়না প্রধান মন্ত্রীনা ফোঙদোকখি।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি ঙসি ঐহাক্না ৱারকারীগী ইচিল-ইনাওশিংগা ৱারী শাবা অসিদা ঐহাক্না থৌজাল অহুম অদোমদগী ফংজবা পাম্মি। মখোয়না মহাক্কীদমক মতম চুপ্পদা মীনুংশি উৎপীখি অদুগী মতাংদা মহাক্না ফোঙদোকখি। মহাক্না ভক্তাশিংদা পালখী মার্গশিংদা উ-পাম্বী থানবা হায়জখি। খোঙ লম্বী অসিদা খরা-খরা লাপ্নরগা থক্নবা ঈশিংগী শিল-লাংনবা অমসুং লম্বীশিং অসিদা চফুশিংসু খিনবীনবা হায়জখি। মহাক্না তুংলমচৎতা পন্দরপুর অসি ভারতকী খ্বাইদগী লুনানবা লাইফমশিংগী মনুংদা অমা ওইহনবা পাম্মি হায়না ফোঙদোকখি। মহাক্না হায়খি থবক অসি মীয়াম্না শরুক য়াদুনা মখোয়গী য়াথং মখাদা লুনানবগী খোঙজংদা লুচিংবগী থৌদাং মফম অসিগী মীয়াম্না লৌরবা মতমদতা ঐখোয়না মঙলান অসি মঙফাওনবা ঙমগনি।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি অয়াম্বা ৱারকারীশিং অসি লৌমীশিংগী কাংলুপ ওই অমসুং ভারতকী সংস্কৃতি, ভারতকী ৱাখল্লোনশিং অসি চহিচা কয়া মফম অসিদা লমদম অসিগী মপারিনা হিংহন্দুনা থম্বীখি। “অশেংবা অন্নদাতা অমনা খুন্নাই অসিবু পুনশিন্দুনা থম্মি, খুন্নাই অসিদা হিংই অমসুং খুন্নাইগীদমক হিংখি। খুন্নাই চাউখৎপা হায়বা অসি অদোমদা লৈ, অমসুং অদোমগী চাউখৎপনা খুন্নাই অসি চাউখৎলি” হায়না মহাক্না ফোঙদোক্লদুনা ৱা ঙাংবা লোইশিনখি।
দিবঘাত্তগী কি.মি. ২২১ চৎলগা লৈবা সন্ত জ্ঞানেশ্বর মহারাজ পালখী মার্গ অসিদগী মোহোল ফাওবা অমসুং পতাসতগী কি.মি. ১৩০ চৎলগা লৈবা সন্ত তুকারাম মহারাজ পালখী মার্গতগী তোন্দালে – বোন্দালে ফাওবা অসি লেন্দ মরি ওইগনি লোয়ননা নাকল অনিমক্তা ‘পালখী’গী খোঙ লম্বীশিং থমগনি, মসি লুপা করোর ৬৬৯০ হেনবা শেনফম চংদুনা শাগনি অমসুং অমমমদা মথংশিৎনবা লুপা করোর ৪৪০০রোম ওইগনি।
থৌরম অসিদা প্রধান মন্ত্রীনা পন্দরপুরদা কন্নেক্তিবিতী ফগৎহন্নবা তোঙান-তোঙানবা নেস্নেল হায়ৱেশিংদা লুপা করোর ১১৮০ হেনবগী শেনফম চংদুনা শাখিবা কি.মি. ২২৩গী শাবা লোইরবা অমসুং অপগ্রেদ তৌরবা রোদ প্রোজেক্তশিং জাতি মীয়ামদা খুৎশিন্নখি। প্রোজেক্তশিং অসিদা য়াওরিবা অদুদি মহস্বদ – পিলিব – পন্দরপুর (এন.ঐচ. ৫৪৮ই), কুর্দুৱারী – পন্দরপুর (এন.ঐচ. ৯৬৫সি), পন্দরপুর – সঙ্গোলা (এন.ঐচ. ৯৬৫সি), এন.ঐচ. ৫৬১ই.গী তেমভুর্নি – পন্দরপুর সেক্সন অমসুং এন.ঐচ. ৫৬১ই.গী পন্দরপুর – মঙ্গলৱেধা – উমাদী সেক্সন অসিনি।
आज यहां श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास हुआ है।
श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में होगा और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
अतीत में हमारे भारत पर कितने ही हमले हुये! सैकड़ों साल की गुलामी में ये देश जकड़ा गया।
प्राकृतिक आपदाएँ आईं, चुनौतियाँ आईं, कठिनाइयाँ आईं, लेकिन भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था, हमारी दिंडी वैसे ही अनवरत चलती रही: PM @narendramodi
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अतीत में हमारे भारत पर कितने ही हमले हुये! सैकड़ों साल की गुलामी में ये देश जकड़ा गया।
प्राकृतिक आपदाएँ आईं, चुनौतियाँ आईं, कठिनाइयाँ आईं, लेकिन भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था, हमारी दिंडी वैसे ही अनवरत चलती रही: PM @narendramodi
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ये यात्राएं अलग अलग पालखी मार्गों से चलती हैं, लेकिन सबका गंतव्य एक ही होता है।
ये भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि मुक्त करती है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
ये यात्राएं अलग अलग पालखी मार्गों से चलती हैं, लेकिन सबका गंतव्य एक ही होता है।
ये भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि मुक्त करती है: PM @narendramodi
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भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी के लिए समान रूप से खुला है।
और जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं, तो उसके पीछे भी तो यही भावना है।
यही भावना हमें देश के विकास के लिए प्रेरित करती है, सबको साथ लेकर, सबके विकास के लिए प्रेरित करती है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
पंढरपुर की सेवा मेरे लिए साक्षात् श्री नारायण हरि की सेवा है।
ये वो भूमि है, जहां भक्तों के लिए भगवान आज भी प्रत्यक्ष विराजते हैं।
ये वो भूमि है, जिसके बारे में संत नामदेव जी महाराज ने कहा है कि पंढरपुर तबसे है जब संसार की भी सृष्टि नहीं हुई थी: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
भारत भूमि की ये विशेषता है कि समय-समय पर, अलग-अलग क्षेत्रों में, ऐसी महान विभूतियां अवतरित होती रहीं, देश को दिशा दिखाती रहीं।
दक्षिण में मध्वाचार्य, निम्बार्काचार्य, वल्लभचार्य, रामानुजाचार्य हुए,
पश्चिम में नरसी मेहता, मीराबाई, धीरो भगत, भोजा भगत, प्रीतम हुए: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
भारत भूमि की ये विशेषता है कि समय-समय पर, अलग-अलग क्षेत्रों में, ऐसी महान विभूतियां अवतरित होती रहीं, देश को दिशा दिखाती रहीं।
दक्षिण में मध्वाचार्य, निम्बार्काचार्य, वल्लभचार्य, रामानुजाचार्य हुए,
पश्चिम में नरसी मेहता, मीराबाई, धीरो भगत, भोजा भगत, प्रीतम हुए: PM @narendramodi
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वारकरी आंदोलन की और एक विशेषता रही और वह है पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर वारी में चलने वाली हमारी बहनें, देश की स्त्री शक्ति!
पंढरी की वारी, अवसरों की समानता का प्रतीक हैं।
वारकरी आंदोलन का ध्येय वाक्य हैं, ‘भेदाभेद अमंगळ’: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
आज जब मैं अपने वारकरी भाई-बहनों से बात कर रहा हूं, तो आपसे आशीर्वाद स्वरूप तीन चीजें मांगना चाहता हूं।
आपका हमेशा मुझ पर इतना स्नेह रहा है, कि मैं खुद को रोक नहीं पा रहा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
पहला आशीर्वाद ये कि जो श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण होगा, जिस संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण होगा, उसके किनारे जो विशेष पैदल मार्ग बन रहा है, उसके दोनों तरफ हर कुछ मीटर पर छायादार वृक्ष जरूर लगाए जाएं: PM @narendramodi
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तीसरा आशीर्वाद जो मुझे चाहिए, वो पंढरपुर के लिए है।
मैं भविष्य में पंढरपुर को भारत के सबसे स्वच्छ तीर्थ स्थलों में देखना चाहता हूं।
ये काम भी जनभागीदारी से ही होगा, जब स्थानीय लोग स्वच्छता के आंदोलन का नेतृत्व अपनी कमान में लेंगे, तभी हम इस सपने को साकार कर पाएंगे: PM
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भारत की संस्कृति को, भारत के आदर्शों को सदियों से यहाँ का धरती पुत्र ही जीवित बनाए हुये है।
एक सच्चा अन्नदाता समाज को जोड़ता है, समाज को जीता है, समाज के लिए जीता है।
आपसे ही समाज की प्रगति है, और आपकी ही प्रगति में समाज की प्रगति है: PM @narendramodi
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आज यहां श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास हुआ है।
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श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में होगा और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा: PM @narendramodi
अतीत में हमारे भारत पर कितने ही हमले हुये! सैकड़ों साल की गुलामी में ये देश जकड़ा गया।
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प्राकृतिक आपदाएँ आईं, चुनौतियाँ आईं, कठिनाइयाँ आईं, लेकिन भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था, हमारी दिंडी वैसे ही अनवरत चलती रही: PM @narendramodi
आज भी ये यात्रा दुनिया की सबसे प्राचीन और सबसे बड़ी जन-यात्राओं के रूप में, people मूवमेंट के रूप में देखी जाती है।
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‘आषाढ एकादशी’ पर पंढरपुर यात्रा का विहंगम दृश्य कौन भूल सकता है।
हजारों-लाखों श्रद्धालु, बस खिंचे चले आते हैं: PM @narendramodi
ये यात्राएं अलग अलग पालखी मार्गों से चलती हैं, लेकिन सबका गंतव्य एक ही होता है।
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ये भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि मुक्त करती है: PM @narendramodi
जो हमें सिखाती है कि मार्ग अलग अलग हो सकते हैं, पद्धतियाँ और विचार अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य एक होता है।
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अंत में सभी पंथ ‘भागवत पंथ’ ही हैं: PM @narendramodi
भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी के लिए समान रूप से खुला है।
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और जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं, तो उसके पीछे भी तो यही भावना है।
यही भावना हमें देश के विकास के लिए प्रेरित करती है, सबको साथ लेकर, सबके विकास के लिए प्रेरित करती है: PM @narendramodi
पंढरपुर की सेवा मेरे लिए साक्षात् श्री नारायण हरि की सेवा है।
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
ये वो भूमि है, जहां भक्तों के लिए भगवान आज भी प्रत्यक्ष विराजते हैं।
ये वो भूमि है, जिसके बारे में संत नामदेव जी महाराज ने कहा है कि पंढरपुर तबसे है जब संसार की भी सृष्टि नहीं हुई थी: PM @narendramodi
भारत भूमि की ये विशेषता है कि समय-समय पर, अलग-अलग क्षेत्रों में, ऐसी महान विभूतियां अवतरित होती रहीं, देश को दिशा दिखाती रहीं।
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
दक्षिण में मध्वाचार्य, निम्बार्काचार्य, वल्लभचार्य, रामानुजाचार्य हुए,
पश्चिम में नरसी मेहता, मीराबाई, धीरो भगत, भोजा भगत, प्रीतम हुए: PM @narendramodi
उत्तर में रामानंद, कबीरदास, गोस्वामी तुलसीदास, सूरदास, गुरु नानकदेव, संत रैदास हुए,
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पूर्व में चैतन्य महाप्रभु, और शंकर देव जैसे संतों के विचारों ने देश को समृद्ध किया: PM @narendramodi
वारकरी आंदोलन की और एक विशेषता रही और वह है पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर वारी में चलने वाली हमारी बहनें, देश की स्त्री शक्ति!
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
पंढरी की वारी, अवसरों की समानता का प्रतीक हैं।
वारकरी आंदोलन का ध्येय वाक्य हैं, ‘भेदाभेद अमंगळ’: PM @narendramodi
आज जब मैं अपने वारकरी भाई-बहनों से बात कर रहा हूं, तो आपसे आशीर्वाद स्वरूप तीन चीजें मांगना चाहता हूं।
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
आपका हमेशा मुझ पर इतना स्नेह रहा है, कि मैं खुद को रोक नहीं पा रहा: PM @narendramodi
पहला आशीर्वाद ये कि जो श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण होगा, जिस संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण होगा, उसके किनारे जो विशेष पैदल मार्ग बन रहा है, उसके दोनों तरफ हर कुछ मीटर पर छायादार वृक्ष जरूर लगाए जाएं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
दूसरा आशीर्वाद मुझे ये चाहिए कि इस पैदल मार्ग पर हर कुछ दूरी पर पीने के पानी की व्यवस्था भी की जाए, इन मार्गों पर अनेकों प्याऊ बनाए जाएं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
तीसरा आशीर्वाद जो मुझे चाहिए, वो पंढरपुर के लिए है।
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
मैं भविष्य में पंढरपुर को भारत के सबसे स्वच्छ तीर्थ स्थलों में देखना चाहता हूं।
ये काम भी जनभागीदारी से ही होगा, जब स्थानीय लोग स्वच्छता के आंदोलन का नेतृत्व अपनी कमान में लेंगे, तभी हम इस सपने को साकार कर पाएंगे: PM
भारत की संस्कृति को, भारत के आदर्शों को सदियों से यहाँ का धरती पुत्र ही जीवित बनाए हुये है।
— PMO India (@PMOIndia) November 8, 2021
एक सच्चा अन्नदाता समाज को जोड़ता है, समाज को जीता है, समाज के लिए जीता है।
आपसे ही समाज की प्रगति है, और आपकी ही प्रगति में समाज की प्रगति है: PM @narendramodi
पंढरपुर यात्रा भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है, जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि मुक्त करती है।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2021
यह हमें सिखाती है कि मार्ग अलग-अलग हो सकते हैं, पद्धतियां और विचार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य एक होता है। pic.twitter.com/LPpX8koxs3
पंढरपुर की आभा, अनुभूति और अभिव्यक्ति सब कुछ अलौकिक है। यहां से मेरे दो और भी बहुत खास रिश्ते हैं… pic.twitter.com/bzdVV62P15
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2021
मैं अपने वारकरी भाई-बहनों से आशीर्वाद स्वरूप तीन चीजें मांगना चाहता हूं... pic.twitter.com/Bvn0kytV0B
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2021
जब पंढरपुर जैसे तीर्थों का विकास होता है, तो सांस्कृतिक प्रगति ही नहीं होती, पूरे क्षेत्र के विकास को बल मिलता है। pic.twitter.com/wXOrOGDcHT
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2021