প্রধান মন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদীনা ঙসি অনৌবা পর্লিয়মেন্ত বিল্দিংগী উরেপ-উয়ুং তমখ্রে। অনৌবা বিল্দিং অসি আত্মনির্ভর ভারতকা শাগোন্নরিবা শরুক অমনি অমসুং নীং খা তম্লবা মতুংদা আহানবা ওইনা মীয়ামগী পর্লিয়মেন্ত শানবগী চাউরবা খুদোংচাবা অমা ওইরগনি, মসিনা ২০২২দা নীং খা তম্বগী চহি ৭৫শুবা থৌরমদা ‘ন্যু ইন্দিয়া’গী তঙাইফদবশিং অমসুং অনীংবা-অপাম্বশিংগা চুশিন্নরগনি।
থৌরম অদুদা ৱা ঙাংলদুনা প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি ঙসিগী থৌরম অসি ভারত মচাশিংগী ৱাখল্লোন্না থল্লবা ভারতকী দিমোক্রেসীগী পুৱারীদা মরুওইবা থৌরম অমনি। মহাক্না হায়খি মদুদি ভারতকী পর্লয়মেন্ত হাউস শাবা হৌবা অসি ঐখোয়গী দিমোক্রেসীগী চৎনবীগী খ্বাইদগী মরুওইবা তাঙ্কক অমনি। মহাক্না লৈবাক মীয়ামদা হায়খি মদুদি পুন্না অমত্তা ওইনা পর্লিয়মেন্তকী অনৌবা বিল্দিং অসি শামিন্নসি। মহাক্না হায়খি মদুদি ভারতনা নীং খা তম্বগী চহি ৭৫শুবা থৌরম পাংথোকপদা ঐখোয়গী পর্লিয়মেন্তকী অনৌবা বিল্দিং অসিদগী হেন্না ফজবা অমসুং হেন্না শেংবা অতৈ অমমুক লৈররোই।
প্রধান মন্ত্রীনা ২০১৪দা মহাক্না এম.পি. ওইনা ইহান হান্না পর্লিয়মেন্ত হাউস্তা চংলকখিবা মিৎকুপ অদু নীংশিংখি। মহাক্না হায়খি মদুদি অহানবা ওইনা পর্লিয়মেন্ত হাউস্তা চংদ্রিঙৈগী মমাংদা, মহাক্না মকোক নোনখি অমসুং দিমোক্রেসীগী শেংলবা লাইশঙ অসিবু খুরুমজখি। মহাক্না হায়খি মদুদি অনৌবা পর্লিয়ামেন্ত হাউস্তা এম.পি.শিংগী থবক-থৌরমদা লাইহনগদবা অনৌবা পোৎলম কয়া হাপকনি। মহাক্না হায়খি মদুদি করিগুম্বা অরিবা হাউস্না নীং খা তম্লবা মতুংদা ভারত্তা লম্বী তাকখিবা ওইরবদি, অনৌবা হাউ্স অসিনা লৈবাক অসিদা ‘আত্মনির্ভর’ ওইনবগী শাখি ওইরগনি। করিগুম্বা অরিবা হাউস্তা লৈবাক অসিগী তঙাইফদবশিং মপুং ফাহন্নবা থবক তৌবা তারগদি, ২১শুবা চহি চাগী ভারতকী অনীংবা-অপাম্বশিং অদু অনৌবা হাউস অসিনা মপুং ফাহনগনি।
প্রধান মন্ত্রীনা হায়খি মদুদি মফম অতৈদা দিমোক্রেসী অসি মীখলগী থৌরাংশিং, লৈঙাক অমসুং লৈঙাকলোনগী মরী লৈনৈ। অদুবু ভারত্তা দিমোক্রেসী অসি পুন্সিগী মগুনগী মতাংদনি, মসি পুন্সিগী লম্বীনি অমসুং লৈবাক অসিগী থৱাইনি। মহাক্না হায়খি মদুদি ভারতকী দিমোক্রেসী মতম কয়াগী খঙলু-উরুবা অদুনা শেমগৎপা থৌরাং অমনি। ভারতকী দিমোক্রেসীদা, পুন্সিগী লাইৱাসু য়াওই, পুন্সিগী মশকসু য়াওই অমসুং লোইননা থৌরাংগী লাইৱাসু য়াওই। মহাক্না হায়খি মদুদি ভারত্তা দিমোক্রেসী অসি নুংতিগী অহোংবা পুরক্লি। ভারত্তা ঐখোয়না মীখল খুদিংগা লোইননা ভোতর তর্নআউৎ অসি হেনগৎলকপা উরি।
প্রধান মন্ত্রীনা মীয়ামদা হায়খি মদুদি মখোয়না ভারতপু খ্বাইদগী মরুওইবা ওইনা লৌনবা ৱাশক্কদবনি, শুপ্নগী ভারতকী চাউখৎপা অমসুং ভারতকী শাহৌগীদমক লাইনীং ওইগদবনি, ৱারেপ খুদিংমক লৈবাক্কী পাঙ্গল হেনগৎহনবা অমসুং লৈবাক্কী কান্নবনা মাংদা থাগদবনি। মহাক্না পুম্নমক্তা ৱাশক্নবা হায়খি মদুদি মখোগীদমক্তা লৈবাক্কী কান্নবদগী হেন্না কান্নবা অমত্তা লৈরোইদবনি। লৈবাক্কীদমক্তা মখোয়না খনবা অদু মশাগী লনাইগীদমক খনবদগী হেন্না মরুওইগদবনি। লৈবাক্কী অপুনবা, মখল মখাদগী হেনবা মখোয়গীদমক্তা মরুওইবা করিসু লৈরোইদবনি। লৈবাক্কী সংবিধানগী ইকাই খুম্নবা ঙাকপা অমসুং ফিদম অদু মপুং ফাহনবা অসি মখোয়গী পুন্সিগী খ্বাইদগী চাউবা পান্দম ওইগদবনি।
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Speaking at the Foundation Stone Laying of the New Parliament. https://t.co/Gh3EYXlUap
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2020
आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है।
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भारतीयों द्वारा,
भारतीयता के विचार से ओत-प्रोत,
भारत के संसद भवन के निर्माण का शुभारंभ
हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे अहम पड़ावों में से एक है: PM
हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि
जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए,
तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने: PM#NewParliament4NewIndia
मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले,
मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर
लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था: PM
नए संसद भवन में ऐसी अनेक नई चीजें की जा रही हैं जिससे सांसदों की Efficiency बढ़ेगी,
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
उनके Work Culture में आधुनिक तौर-तरीके आएंगे: PM#NewParliament4NewIndia
पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी: PM
आमतौर पर अन्य जगहों पर जब डेमोक्रेसी की चर्चा होती है चुनाव प्रक्रियाओं, शासन-प्रशासन की बात होती है।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
इस प्रकार की व्यवस्था पर अधिक बल देने को ही कुछ स्थानों पर डेमोक्रेसी कहा जाता है: PM
लेकिन भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है।
भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है।
भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है: PM
भारत के लोकतंत्र में समाई शक्ति ही देश के विकास को नई ऊर्जा दे रही है, देशवासियों को नया विश्वास दे रही है।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
भारत में लोकतंत्र नित्य नूतन हो रहा है।
भारत में हम हर चुनाव के साथ वोटर टर्नआउट को बढ़ते हुए देख रहे हैं: PM
भारत में लोकतंत्र, हमेशा से ही गवर्नेंस के साथ ही मतभेदों को सुलझाने का माध्यम भी रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
अलग विचार, अलग दृष्टिकोण, ये एक vibrant democracy को सशक्त करते हैं।
Differences के लिए हमेशा जगह हो लेकिन disconnect कभी ना हो, इसी लक्ष्य को लेकर हमारा लोकतंत्र आगे बढ़ा है: PM
Policies में अंतर हो सकता है,
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
Politics में भिन्नता हो सकती है,
लेकिन हम Public की सेवा के लिए हैं, इस अंतिम लक्ष्य में कोई मतभेद नहीं होना चाहिए।
वाद-संवाद संसद के भीतर हों या संसद के बाहर,
राष्ट्रसेवा का संकल्प,
राष्ट्रहित के प्रति समर्पण लगातार झलकना चाहिए: PM
हमें याद रखना है कि वो लोकतंत्र जो संसद भवन के अस्तित्व का आधार है, उसके प्रति आशावाद को जगाए रखना हम सभी का दायित्व है।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
हमें ये हमेशा याद रखना है कि संसद पहुंचा हर प्रतिनिधि जवाबदेह है।
ये जवाबदेही जनता के प्रति भी है और संविधान के प्रति भी है: PM
लोकतंत्र के इस मंदिर में इसका कोई विधि-विधान भी नहीं है।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे इसमें चुनकर आने वाले जन-प्रतिनिधि।
उनका समर्पण, उनका सेवा भाव, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेगा।
उनका आचार-विचार-व्यवहार, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेगा: PM
भारत की एकता-अखंडता को लेकर किए गए उनके प्रयास, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की ऊर्जा बनेंगे।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
जब एक एक जनप्रतिनिधि, अपना ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, अपना अनुभव पूर्ण रूप से यहां निचोड़ देगा, उसका अभिषेक करेगा, तब इस नए संसद भवन की प्राण-प्रतिष्ठा होगी: PM
हमें संकल्प लेना है...
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
ये संकल्प हो India First का।
हम सिर्फ और सिर्फ भारत की उन्नति, भारत के विकास को ही अपनी आराधना बना लें।
हमारा हर फैसला देश की ताकत बढ़ाए।
हमारा हर निर्णय, हर फैसला, एक ही तराजू में तौला जाए।
और वो है- देश का हित सर्वोपरि: PM
हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देशहित से बड़ा और कोई हित कभी नहीं होगा।
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश की चिंता, अपनी खुद की चिंता से बढ़कर होगी।
हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश की एकता, अखंडता से बढ़कर कुछ नहीं होगा: PM
नए संसद भवन का निर्माण, नूतन और पुरातन के सह-अस्तित्व का उदाहरण है। यह समय और जरूरतों के अनुरूप खुद में परिवर्तन लाने का प्रयास है।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2020
इसमें ऐसी अनेक नई चीजें की जा रही हैं, जिनसे सांसदों की Efficiency बढ़ेगी और उनके Work Culture में आधुनिक तौर-तरीके आएंगे। pic.twitter.com/9KZ3quYMTi
संसद भवन की शक्ति का स्रोत, उसकी ऊर्जा का स्रोत हमारा लोकतंत्र है।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2020
लोकतंत्र भारत में क्यों सफल हुआ, क्यों सफल है और क्यों कभी लोकतंत्र पर आंच नहीं आ सकती, यह हमारी आज की पीढ़ी के लिए भी जानना-समझना जरूरी है। pic.twitter.com/E9v73oV7FR
भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2020
भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है।
भारत का लोकतंत्र सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है।
भारत के लिए लोकतंत्र में जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और व्यवस्था का तंत्र भी है। pic.twitter.com/Wqsr6ExU3a
अलग-अलग विचार और दृष्टिकोण एक Vibrant Democracy को सशक्त करते हैं।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2020
Policies में अंतर हो सकता है, Politics में भिन्नता हो सकती है, लेकिन हम Public की सेवा के लिए हैं, इसमें मतभेद नहीं होना चाहिए।
वाद-संवाद संसद में हों या बाहर, राष्ट्रहित के प्रति समर्पण लगातार झलकना चाहिए। pic.twitter.com/YZ9VNDsISM
नया संसद भवन तब तक एक इमारत ही रहेगा, जब तक उसकी प्राण-प्रतिष्ठा नहीं होगी।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2020
इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे, इसमें चुनकर आने वाले जन-प्रतिनिधि।
उनका समर्पण, उनका सेवा भाव, उनका आचार-विचार-व्यवहार, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेगा। pic.twitter.com/AAZShHMlHY
जब देश वर्ष 2047 में अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा, तब हमारा देश कैसा हो, इसके लिए हमें आज संकल्प लेकर काम शुरू करना होगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2020
जब हम देशहित को सर्वोपरि रखते हुए काम करेंगे तो आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत का निर्माण कोई रोक नहीं सकता। pic.twitter.com/6w4klYRNMu
आइए हम प्रण करें... pic.twitter.com/Sm3bMUEYLC
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2020