Search

पीएमइंडियापीएमइंडिया

न्यूज अपडेट्स

प्रधानमंत्री दिल्‍ली में महात्‍मा अय्यंकली की 152वीं जयंती के समारोह में शामिल हुए


· “सामाजिक सौहार्द की दिशा में यात्रा प्रारंभ हो चुकी है”

· समता+ममता = समरसता (सामाजिक सौहार्द)

2 [ PM India 146KB ]

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज घोषणा की कि भारत, सामाजिक सौहार्द की दिशा में अपनी यात्रा प्रारंभ कर चुका है। नई दिल्‍ली में आयोजित महात्‍मा अय्यंकली की 152वीं जयंती के समारोह में, अपने संबोधन में, श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि ‘समता’ और ‘ममता’ का संयोग ‘समरसता’ (सामाजिक सौहार्द) को दिशा प्रदान करेगा। एक अन्‍य दृष्‍टांत देते हुए उन्‍होंने कहा कि ‘समभाव’ + ‘ममभाव’ से ‘समरसता’ का मार्ग प्रशस्‍त होगा।

आज नई दिल्‍ली के विज्ञान भवन में, महात्‍मा अय्यंकली की 152वीं जयंती के समारोह के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि समानता की गारंटी संविधान द्वारा दी जा चुकी है लेकिन क्‍या सिर्फ अकेले समानता से ही सामाजिक सौहार्द बनाया जा सकता है? उन्‍होंने कहा कि समता और ममता ही समरसता को दिशा प्रदान करेंगी।

प्रधानमंत्री ने महात्‍मा अय्यंकली को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वह एक महान समाज सुधारक थे जिन्‍होंने हमारे समाज की बुराइयों को मिटाने में अहम भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारों वर्षो से हमारी सांस्‍कृतिक धरोहर के संरक्षित होने के अनेक कारणों में से एक यह भी है कि प्रत्‍येक युग में समाज सुधारकों का उदय हुआ और उन्‍होंने समाजिक बुराइयों के खिलाफ संघर्ष किया और उन पर विजय प्राप्‍त कर हमें अनावश्‍यक कार्यप्रणालियों से मुक्‍त करते हुए विकास की ओर प्रेरित किया।

4 [ PM India 80KB ]

समाज सुधार के लिए महात्‍मा अय्यंकली के प्रयासों की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 1930 की दांडी यात्रा हमारे स्‍वतंत्रता संग्राम का एक निर्णायक मोड़ थी। इसी तरह गांधी जी के भारत आने से दो वर्ष पहले अय्यंकली द्वारा आयोजित 1913 का कायल सम्‍मेलन भारत में सामाजिक सुधार के इतिहास में एक महत्‍वपूर्ण मोड़ था। प्रधानमंत्री ने स्‍मरण दिलाया कि महात्‍मा अय्यंकली ने किस प्रकार से भूमि पर सार्वजनिक बैठक के आयोजन की अनुमति न मिलने के बाद नावों पर इसे आयाजित किया।

प्रधानमंत्री ने यह भी उल्‍लेख किया हालांकि अय्यंकली ने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया और वे दलितों के अधिकारों के लिए लड़े, परन्‍तु उन्‍होंने समाजिक संरचना में कड़वाहट लाने को कभी अनुमति नहीं दी।

प्रधानमंत्री ने महात्‍मा अय्यंकली और श्री नारायण गुरु जैसे महान समाज सुधारकों को अपनी श्रद्धांजलि भी दी।

इस कार्यक्रम का आयोजन केरल पुलयार महासभा (केनीएमएस) द्वारा किया गया था।

5 [ PM India 87KB ]