प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस प्रस्ताव के अंतर्गत जैव औषधीय अनुसंधान के लिए हैदराबाद की जीनोम वैली में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा राष्ट्रीय संसाधन सुविधा का गठन किया जाना है। परियोजना की कुल लागत 338.58 करोड़ रुपये है एवं इसके 2018-19 तक क्रियाशील होने की संभावना है।
आधारभूत एवं प्रयुक्त जैव औषधीय अनुसंधान के क्षेत्र में यह संस्थान अपनी तरह का अकेला संस्थान होगा।
संस्थान को पशुओं जैसे वानर एवं पराउत्पत्तिमूलक एवं जनुकीय तौर पर संशोधित चूहों, जिनका शोध एवं विकास उत्पादों के परीक्षण में प्रयोग किया जाता है, के प्रजनन एवं आवासन की एक विश्व स्तरीय सुविधा के तौर पर विकसित किया जाएगा। संस्थान में आधुनिक जैव औषधीय अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रयोगशाला-पशु एवं संबंधित तकनीकें मुहैया करवाई जाएंगी, मूलतः आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों एवं अकादमिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों एवं जैव प्रौद्योगिकी/ जैव औषध कंपनियों में शोध को सुसाध्य बनाने के लिए।
केंद्र में जैव औषधीय अनुसंधान के विशिष्ट कार्यक्षेत्रों में कार्मिकों के प्रशिक्षण की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
राज्य सरकार ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को हैदराबाद की जीनोम वैली में जैव औषधीय अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय पशु संसाधन सुविधा बनाने हेतु 102.69 एकड़ भूमि निशुल्क आबंटित की है।
Cabinet approved the setting up of a National Resource Facility for Bio-medical Research (NARF) at Genome Valley in Hyderabad.
— PMO India (@PMOIndia) November 18, 2015
The estimated project cost is Rs. 338.58 crores and the resource center is expected to be functional by 2018-19.
— PMO India (@PMOIndia) November 18, 2015
The institution will be the first of its kind for quality laboratory animals for basic and applied biomedical research in the country.
— PMO India (@PMOIndia) November 18, 2015