प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने हिंदुस्तान डायमंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड(एचडीसीपीएल) को बंद करने की प्रक्रियाओं को शुरू करने की स्वीकृति प्रदान कर दी। यह कंपनी भारत सरकार और डे बीयर्स सेनटेनरी मॉरिशस लिमिटेड(डीबीसीएमएल) की संयुक्त साझेदारी चल रही थी। इसमें भारत सरकार और डीबीसीएमएल की 50:50 की साझेदारी है।
एचडीसीपीएल की स्थापना कंपनी अधिनियम 1956 के तहत 1978 में की गई थी। कंपनी के गठन का उद्देश्य भारत में हीरा प्रसंस्करण उद्योग के लिए हीरे की आपूर्ति करना था। खासकर हीरे के गहने का निर्यात करने वाले छोटे और मझौले कारोबारियों को मद्देनजर इसकी स्थापना की गई थी। क्योंकि ये लोग लंदन स्थित डायमंड ट्रेडिंग कंपनी (डीटीसी) से हीरा नहीं ले सकते थे। हीरा प्रसंस्करण का काम करने वाली डी बीयर्स दुनिया की बहुत बड़ी कंपनी है।
एचडीसीपीएल के बंद होने से भारत के हीरा कारोबारियों को हीरे की आपूर्ति बाधित नहीं होगी, क्योंकि हाल के वर्षों में भारतीय हीरा उद्योग विकसित हुआ है और बाजार में हीरा कारोबार के कई दिग्गज उभर कर सामने आए हैं। भारत में शीर्ष के हीरे कारोबारी उभरे हैं। साथ ही प्रसंस्करण के लिए निरंतर हीरा की आपूर्ति और भारत को इंटरनेशनल डायमंड ट्रेडिंग हब बनाने के उद्देश्य से सरकार ने मुंबई में भारत डायमंड बोअर्स में स्पेशन नोटीफाइड जोन(एसएनजेड) तैयार किया है। फिलहाल एसएनजेड में विदेशी खनन कंपनियां भारतीय कारोबारियों के लिए अपने हीरे को प्रदर्शन के लिए रखती हैं। इसके बाद की बिक्री भारतीय निर्माताओं के लिए अन्य देशों में स्थित कार्यालयों से ई-नीलामी के माध्यम से किया जाता है। इससे छोटे कारोबारियों तक हीरे की आपूर्ति सुनिश्चित हो पाती है।