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हरियाणा के स्‍वर्ण जयंती उत्सव के शुभारम्भ पर प्रधानमंत्री का संबोधन

हरियाणा के स्‍वर्ण जयंती उत्सव के शुभारम्भ पर प्रधानमंत्री का संबोधन

हरियाणा के स्‍वर्ण जयंती उत्सव के शुभारम्भ पर प्रधानमंत्री का संबोधन


आज हरियाणा अपनी स्‍वर्ण जयंती का प्रारम्‍भ कर रहा है। ऐसे महत्‍वपूर्ण अवसर पर सभी हरियाणा-वासियों को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं। जैसा मुख्‍यमंत्री जी ने बताया कि स्‍वर्ण जयंती का अवसर न किसी दल का है, न किसी सरकार का है; ये अवसर हर एक हरियाणवी का है।

व्‍यक्ति के जीवन में भी सालगिरह मनाना, कुछ विशेष अवसरों को मनाना, व्‍यक्ति को नए संकल्‍प लेने की प्रेरणा देता है। वैसे ही समाज को और राज्‍य को इस प्रकार के अवसर कुछ नया करने का संकल्‍प करने के लिए प्रेरणा देते हैं।

इस स्‍वर्णिम जयंती के कालखंड में मैं सब हरियाणावासियों से प्रार्थना करूंगा कि 1996 में हरियाणा बनाने के लिए जो बातें रखी गई हों, जो आंदोलन चलाए गए हों, जो विचार प्रस्‍तुत किए गए हों, उस समय के अखबार हों, उस समय की जानकारियां हों, एक बार उन सारी बातों को ले करके हर हरियाणवी ने सोचना चाहिए कि किस मकसद से चले थे; किस रास्‍ते पर चले थे; किस म‍ंजिल को पाने के लिए निकले थे; कहां तक पहुंचे हैं; अभी और कितना चलना पड़ेगा; जल्‍द से जल्‍द पहुचंने के लिए क्‍या कर सकते हैं, ये लेखा जोखा करने का भी समय होता है।

बीते हुए 50 साल का गौरव गान, बीते हुए 50 साल का हर किसी का पुरुषार्थ-परिश्रम, संकल्‍प; उसने आज हरियाणा को यहां पहुंचाया है। लेकिन आज से 10 साल पहले जिस गति से चलते थे, बात चल सकती थी। गांव में खाट पर बैठ करके, हल्‍के-फुल्‍के चुटकलों के बीच, हरियाणा का व्‍यक्ति बड़ी सटीक बात बताने की ताकत रखता है। वो भली-भांति अपनी ग्रामीण भाषा में बड़ी गहरी बात बता देता है।

मेरा सौभाग्‍य रहा है धरती पर आप लोगों के बीच वर्षों तक काम करने का, और इसलिए मैं भली-भांति इन बातों से परिचित हूं। हरियाणा भले ही एक छोटा सा प्रदेश हो, लेकिन जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं होगा, कि जिसमें हरियाणा के व्‍यक्ति के पसीने की महक न हो। वैसे तो लगता है हरियाणा के लोग ज्‍यादातर किसानी करने वाले हैं, लेकिन हरियाणा के लोग जहां व्‍यापार में पहुंचे हैं, और हिन्‍दुस्‍तान के कई राज्‍यों में हैं, उन्‍होंने व्‍यापार में भी अपना लोहा मनवा लिया है।

लोगों को लगता है कि हरियाणा के लोग गांव में किसानी करते हैं, लेकिन इस देश के हर दस जवान में से सेना में एक जवान हरियाणा का होता है। कोई इलाका ऐसा नहीं होगा जहां हरियाणा वालों ने देश के लिए बलिदान की कोई उत्‍तम से उत्‍तम अपनी पहचान न करवाई हो। और हरियाणा की ये भी विशेषता है कि स्‍वामी दयानन्‍द सरस्‍वती का प्रभाव हरियाणा में बहुत गहरा है। आपको सैंकड़ों परिवार मिलेंगे जहां आज भी स्‍वामी दयानन्‍द सरस्‍वती जी का स्‍मरण करते ही उनकी आंखों में चमक आ जाती है। और यही धरती है जिस पर अनेक महापुरुषों के नामों की छाया अंकित है।

दुनिया में शायद युद्ध तो बहुत हुए होंगे, लेकिन शायद ही दुनिया में कोई ऐसा युद्ध होगा कि जहां युद्ध की भूमि पर जीवन-मृत्‍यु का खेल चलता हो, वहीं जीवन के आदर्शों की उत्‍तम से उत्‍तम और हजारों साल तक मार्गदर्शन करे, ऐसी गीता की रचना युद्धभूमि में हुई हो। ये अजोड़ घटना है, वरना चिन्‍तन-मनन शांतचित्‍त कोने में, भीतर डूबने के बाद कुछ बात निकलती है, लेकिन युद्धभूमि की विशेषता देखिए, युद्ध के मैदान में भी जीवन के आदर्शों का तत्‍वज्ञान परोसा जा सकता है, ऐसी ये धरती है। लेकिन जिसकी जितनी महानता है, उतनी ही उसकी महान जिम्‍मेवारियां भी हैं। मुझे हमेशा एक बात की पीड़ा रहती थी, कि ऐसा संस्‍कारी प्रदेश, ऐसा सामर्थ्‍यवान प्रदेश, हर समय नई बात को स्‍वीकार करने वाला प्रदेश, क्‍या कारण है कि मां के गर्भ में ही बेटियों को मार दिया जाता है?

मैं मनोहरलाल जी का अभिनंदन करना चाहता हूं, मैं हरियाणा के लोगों का भी अभिनंदन करना चाहता हूं, जब मैंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं के लिए हरियाणा की जनता से बेटियों के जीवन की रक्षा की भीख मांगी थी। और आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं, कि हरियाणा के लोगों ने इस भावना का आदर किया। आज पूरे देश में gender ratio की स्थिति में जो सुधार आने में, तेज गति से सुधार कोई ला रहा है, तो ये हरियाणा प्रदेश ला रहा है।

मैं उन माताओं का अभिनंदन करना चाहता हूं, जिन्‍होंने बहु के गर्भ में जो बच्‍ची थी, सास के नाते; मां के नाते; उसकी रक्षा करने का सं‍कल्‍प किया। मैं उन बुजुर्गों का आदर करता हूं, जिन्‍होंने हरियाणा में अब बेटी को मरने नहीं देंगे, मारने नहीं देंगे, इस संकल्‍प को ले करके स्थिति सुधारने को नेतृत्‍व किया है। समाज के हर वर्ग को मेरे लिए स्‍वर्णिम जयंती का अवसर हरियाणा के इन सारे बुजुर्गों का, वरिष्‍ठजनों का, सर झुका करके नमन करने का मेरे लिए अवसर है। और ये हरियाणा की तो बेटिया हैं, जो सिर्फ हरियाणा का नहीं, पूरे हिन्‍दुस्‍तान की आन-बान-शान बनी हुई हैं। इस स्‍वर्णिम जयंती में हर हरियाणी संकल्‍प करे कि बेटी बचाने के मामले में अब हरियाणा में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी, न बच्‍ची को मारने दिया जाएगा, बच्चियों को जन्‍म देने के अधिकार की रक्षा हर हरियाणवी करेगा। इससे बड़ा स्‍वर्णित जयंती का कोई अवसर नहीं हो सकता है।

मैं आज श्रीमान मनोहर लाल जी की सरकार को इस बात के लिए भी बधाई देता हूं कि उन्‍होंने आज कुछ जिले open defecation free घोषित किए। आप कल्‍पना कीजिए 21वीं सदी के डेढ़ दशक तो बीच चुका, और आज भी हमारी माताओं, बहनों को गांव में खुले में शौच के लिए जाना पड़े, इससे बड़ी शर्मिन्‍दगी की बात क्‍या हो सकती है। और वो शर्म के मारे या तो सूरज के उगने से पहले जाती हैं शौच के लिए, या तो सूरज ढलने का इंतजार करती हैं। कितनी ही पीड़ा क्‍यों न हो दिनभर शर्म के मारे कहीं जा नहीं पाती हैं, इससे बड़ा जुल्‍म क्‍या हो सकता है, और इसलिए मैं हरियाणा वालों से अपेक्षा करता हूं, मैं हरियाणा सरकार का अभिनंदन देते हुए करता हूं कि अब हमारे गांव में कहीं पर भी, किसी को भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होना नहीं पड़े। हो सके तो इसी समय हमने इस स्‍वर्णिम जयंती में पूरे हरियाणा राज्‍य को open defecation free कर देना चाहिए, खुले से इस खुले में होने वाले शौच से मुक्‍त कर देना चाहिए, और मुझे विश्‍वास है हरियाणा ये कर सकता है, कर सकता है।

आज हरियाणा ने पूरे देश को एक नई दिशा दी है। मैं इसके लिए मुख्‍यमंत्रीजी का, उनकी पूरी टीम का हृदय से अभिनंदन करता हूं। उन्‍होंने केरोसिन free कुछ जिले बनाए जिनमें आठ, आठ जिले केरोसिन से मुक्‍त हो गए। अब ये समझ नहीं आ रहा था कि बिजली आ गई है, घर में गैस का कनेक्‍शन है, गैस का सिलेंडर है फिर भी केरोसिन का कोटा भी चल रहा है। वो तो केरोसिन ले नहीं रहा है, कोई और ले जाता है। कोई बिचौलिए, कोई दलाल, उसकी कालेबाजारी के खेल में डूबे हुए हैं। और वे केरोसिन को डीजल में मिला देते हैं, vehicle उससे चलाते हैं, पर्यावरण का नुकसान करते हैं, विदेशी मुद्रा का नुकसान हो रहा है।

मैंने पूरे देश की सभी सरकारों से आग्रह किया है कि आप ये जो भी होने वाला केरोसिन बचाओगे, उससे जितने पैसे बचेंगे, उससे ज्‍यादा पैसे मैं आपको दे दूंगा, लेकिन बचाओ। आज हरियाणा ने आठ जिले पूरी तरह kerosene free कर दिए और मुझे बताया गया कि मार्च महीने तक पूरे हरियाणा को केरोसिन के इस ये जो गोरखधंधे चल रहे थे, उससे मुक्‍त कर दिया जाएगा। स्‍वर्णिम जयंती का इससे बड़ा क्‍या अवसर हो सकता है।

मुझे इस बात की खुशी है कि स्‍वर्णिम जयंती का ये अवसर सरकारी कार्यक्रम नहीं बनाया गया है। इसे जनता का एक संकल्‍प का पर्व बना दिया गया है। जन-भागीदारी से हरियाणा कैसे आगे बढ़े, हर हरियाणी कुछ न कुछ योगदान करे। मेरे हरियाणा के प्‍यारे भाइयो-बहनों, इस स्‍वर्णिम जयंती के अवसर पर अगर हरियाणा का नागरिक एक कदम आगे बढ़े एक कदम, तो हरियाणा ढाई करोड़ कदम आगे बढ़ सकता है। एक हरियाणवी एक कदम आगे बढ़ें तो हरियाणा ढाई करोड़ कदम आगे बढ़ सकता है। अगर एक बार हरियाणा ढाई करोड़ कदम आगे बढ़ जाए इस स्‍वर्णिम जयंती में, तो हिन्‍दुस्‍तान में किसी राज्‍य में दम है जो हरियाणा से आगे निकल सके?

क्‍या हरियाणा के लोगों ने संकल्‍प करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? हमें हरियाणा को नम्‍बर एक बनाना चाहिए कि नहीं बनाना चाहिए? हमारा जो सामर्थ्‍य है उसमें तो हम आगे हैं, लेकिन बहुत सी शक्तियां ऐसी हैं, जिसको अभी हम पहचान नहीं पाए हैं, हमारी उन शक्तियों को पहचानें, और हम, सिर्फ हमीं आगे बढ़ें; ऐसा नहीं, ये दिल्‍ली, उसके चारों तरफ आप ही तो हैं, और अगर आप आगे बढ़ोगे तो दिल्‍ली पीछे थोड़ा रह जाएगा। आपकी ताकत का लाभ, दिल्‍ली भी आगे बढ़ जाएगा। और अगर दिल्‍ली आगे बढ़ता है, तो देश की राजधानी है, हिन्‍दुस्‍तान को आगे बढ़ने का अवसर देने की ताकत, ये हरियाणा में है।

भौगोलिक रूप से आप ऐसे स्‍थान पर हैं, जहां से आप देश को ताकत दे सकते हैं। और इसलिए ये स्‍वर्णिम जयंती का अवसर उन नए सीमा-चिन्‍हों को पार करने वाला बने, जन-सामान्‍य के लिए संकल्‍प का बने, बदलाव हमारे गांव से हो, बदलाव हमारे इलाके से हो, और उसका परिणाम सम्‍पूर्ण हरियाणा के बदलाव से प्रभावित करने वाला हो। अगर इस भाव को ले करके इस स्‍वर्णिम जयंती को हम मनाएंगे, अनेक कार्यक्रम करेंगे, जन-भागीदारी से करेंगे, और कार्यक्रम, कार्यक्रम के लिए नहीं करेंगे, कुछ न कुछ achieve करने के लिए करेंगे, कुछ न कुछ पूर्ति करने के लिए करेंगे।

आप देखिए हरियाणा में इतनी ताकत है, इतनी ताकत है वो देश को भी आगे ले जाने के लिए एक growth engine के रूप में काम कर सकता है।

मैं फिर एक बार विश्‍वभर में फैले हुए सभी हरियाणावासियों को, हरियाणा में रहने वाले सभी नागरिकों को, इस स्‍वर्णिम जयंती के अवसर पर अनेक-अनेक शुभकामनाएं देते हुए ये अपेक्षा करता हूं कि हम शांति, एकता, सद्भावना के मंत्र को ले करके, कंधे से कंधा मिला करके, आने वाली पीढि़यों के भाग्‍य को सुनिश्चित करने के लिए सही दिशा में चलें।

जिन सपनों को ले करके हरियाणा बनाया था, उन सपनों को पूरा करने के लिए एक बहुत बड़ा jump लगाने का उद्देश्‍य ले करके चलें, और हरियाणा में ताकत है ये मेरा पूरा विश्‍वास है। हरियाणा ये कर सकता है, ये मेरा पूरा भरोसा है। और जिसके ऊपर भरोसा होता है उसी से अपेक्षा होती है। और मुझे विश्‍वास है कि स्‍वर्णिम जयंती के अवसर पर आप इन नई ऊंचाइयों को पार करेंगे, मेरी आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। धन्‍यवाद।