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स्‍वच्‍छ भारत अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री कार्यालय में स्‍वच्‍छता की दिशा में किए गए प्रयास


प्रधानमंत्री कार्यालय का स्‍वच्‍छ भारत अभियान के अंतर्गत पखवाड़े भर का विशेष स्‍वच्‍छता अभियान आज संपन्‍न हो गया। इस अभियान के तहत 10,000 से ज्‍यादा वहां से फाइलें हटाई गईं और अभिलेखीय अहमियत वाली 1,000 महत्‍वपूर्ण फाइलें भारतीय राष्‍ट्रीय अभिलेखागार को हस्‍तांतरित कर दी गईं।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव श्री नृपेन्‍द्र मिश्रा के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के स्‍वैच्‍छा और भागीदारी से किये गये प्रयासों के परिणामस्‍वरूप प्रधानमंत्री कार्यालय के पश्चिमी प्रवेश द्वार के लॉन की सफाई और सौन्‍दर्यीकरण किया गया, कबाड़ और टूटा-फूटा सामान हटाया गया तथा ई-कचरे का निपटान किया गया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने मई, 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने पर प्रधानमंत्री कार्यालय का निरीक्षण किया था और स्‍वच्‍छता बरकरार रखने का आह्वान किया था, ताकि उत्‍पादकता में बढ़ोतरी हो सके। श्री नरेन्‍द्र मोदी के पदभार ग्रहण करने के बाद चलाया गया यह तीसरा बड़ा अभियान है।

प्रधानमंत्री के निर्देश का पालन करते हुए उत्‍पादकता और स्‍वच्‍छता से संबंधित कई कदम उठाये गये। इनमें पावतियों और फाइलों की प्रक्रिया का मानकीकरण शामिल है। वास्‍तविक याचिकाओं और ऑनलाइन याचिकाओं को अलग-अलग किया गया है तथा ‘इलेक्‍ट्रॉनिक मेल प्रबंधन प्रणाली’ शुरू की गई है, जिसके परिणामस्‍वरूप जनता की याचिकाओं में लगने वाला प्रक्रियागत समय एक महीने से घटकर एक दिन रह गया है। इतना ही नहीं, वीवीआईपी लैटर मॉनिटरिंग सिस्‍टम (वीएलएमएस), मीटिंग मैनेजमेंट सिस्‍टम और डैशबोर्ड सिस्‍टम शुरू किये गये है, जिनसे प्रणाली की दक्षता में वृद्धि हुई है और कार्य निपटाने में लगने वाले समय में काफी कमी आई है।

मई, 2014 के बाद से एक लाख से ज्‍यादा फाइलें हटाई गई हैं। इसके परिणामस्‍वरूप दो कमरे वैकल्पिक इस्‍तेमाल के लिए उपलब्‍ध हो चुके हैं। इस्‍तेमाल में नहीं लाये जाने वाली वस्‍तुओं की नीलामी से भी दो कमरे खाली हो गये हैं। कामकाज के माहौल को उत्‍तरोतर उपयुक्‍त बनाने के लिए नये वर्कस्‍टेशन स्‍थापित किये जा रहे हैं।

इन प्रयासों से साउथ ब्‍लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय के भीतर 1800 वर्ग फुट जगह खाली कराने में मदद मिली है। इस जगह का इस्‍तेमाल प्रधानमंत्री कार्यालय के सार्वजनिक प्रकोष्‍ठ के करीब 50 अधिकारियों को स्‍थान उपलब्‍ध कराने में हो रहा है। साउथ ब्‍लॉक में जगह की दिक्‍कत होने के कारण ये अधिकारी पहले रेल भवन से कामकाज करते थे।

इस प्रकार स्‍वच्‍छता के लिए चलाया गया अभियान और प्रणाली में लाया गया सुधार प्रधानमंत्री के आदर्शों से प्रेरित है, जो स्‍पष्‍ट रूप से जाहिर है।