प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तकनीकी के साथ-साथ वित्तीय सहयोग के माध्यम से भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग में बढ़ोतरी के जरिए सौर ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय विकास सहयोग का विस्तार करने के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) को मंजूरी दे दी है, जिस पर भारत और जर्मनी ने अक्टूबर 2015 में हस्ताक्षर किये थे।
इस एमओयू से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस समझौते के तहत जर्मनी क्रेडिटनस्टैल्ट फर वीडेरॉफबाऊ (केएफडब्ल्यू) के माध्यम से अगले पांच वर्षों के दौरान एक अरब यूरो का रियायती ऋण प्रदान करेगा। केएफडब्ल्यू से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग भागीदार बैंकों के माध्यम से अंतिम उपयोग कर्ताओं को उदार शर्तों पर ऋण मुहैया कराने में भी किया जाएगा।
एमओयू के परिणामस्वरूप:–
(1). सौर छतों के क्षेत्र में सहयोग सुनिश्चित होगा।
(2). सौर पार्कों या सौर क्षेत्रों का विकास (यदि संभव हो तो, भारत-जर्मन वित्तीय सहयोग के तहत केएफडब्ल्यू द्वारा वित्त पोषित ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के बहुत निकट)।
(3). स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ग्रिड से हट कर (ऑफ-ग्रिड) सौर अनुप्रयोग।