गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल, स्थानीय सांसद, सी आर पाटिल, केंद्रीय मंत्री परिषद के मेरे साथी, देश की डायमंड इंडस्ट्री के जाने-माने सभी चेहरे, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों, नमस्कार।
सूरत यानी सूरत, सूरत के पास इतिहास का अनुभव, वर्तमान में रफ्तार और भविष्य की दूरंदेशी, उसका नाम है सूरत। और यह मेरा सूरत है कि ऐसे काम में कभी कोई कोई कोर कसर नहीं छोड़ता। इस तरह सभी बात में सूरती को कितनी जल्दी हो, लेकिन खान-पान की दुकान पर आधा घंटा लाइन में खड़े रहने का धीरज उनमें होता है। भारी बारिश आई हो, और घुटने तक पानी भरा हो, लेकिन पकोड़े की दुकान पर जाना है, मतलब जाना है। शरद पूर्णिमा पर, चंडी पड़वा, पर दुनिया पूरी छत पर जाती है, और यह मेरा सूरती फुटपाथ पर परिवार के साथ घारी (मिठाई) खाता है। और आनंद ऐसा कि साहब नजदीक में कहीं घूमने नहीं जाता, लेकिन पूरा विश्व घूमता है। मुझे याद है 40-45 साल पहले सौराष्ट्र के भाई सूरत की तरफ गये, तब मैं सौराष्ट्र के हमारे पुराने मित्र को पूछता था कि आप सौराष्ट्र छोड़कर सूरत आये हो तो आपको कैसा लगता है? वह कहते हमारे सूरत में और हमारे काठियावाड़ में बहुत अंतर है। यह 40-45 साल पहले की बात कर रहा हूं। मैं पूछता क्या? तो वह कहते हमारे काठियावाड़ में आमने-सामने मोटरसाइकिल टकरा जाये तो तलवार निकालने की बात होती है, लेकिन सूरत में मोटर साइकिल टकराए, तो तुरंत वह बोले देख भाई तुम्हारी भी भूल है और मेरी भी भूल है छोड़ दे अब, इतना अंतर है।
साथियों,
आज सूरत शहर की भव्यता में एक और डायमंड जुड़ गया है। और डायमंड भी छोटा-मोटा नहीं है बल्कि ये तो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। इस डायमंड की चमक के आगे दुनिया की बड़ी से बड़ी इमारतों की चमक फीकी पड़ रही है। और अभी वल्लभ भाई, लालजी भाई पूरी नम्रता के साथ अपनी बात बता रहे थे। और शायद इतने बड़े मिशन की सफलता के पीछे उनकी ये नम्रता, सबको साथ लेने का स्वभाव, इसके लिए जितनी बधाई, मैं इस टीम को दूं, उतनी कम है। वल्लभ भाई ने कहा कि मुझे पांच ही मिनट मिला है। लेकिन वल्लभ भाई आपके साथ तो किरण जुड़ा हुआ है। और किरण में पूरे सूर्य को समझने का सामर्थ्य होता है। और इसलिए आपके लिए पांच मिनट एक बहुत बड़ी शक्ति का परिचय बन जाते हैं।
अब दुनिया में कोई भी कहेगा डायमंड बुर्स, तो सूरत का नाम साथ आएगा, भारत का नाम भी आएगा। सूरत डायमंड बुर्स, भारतीय डिज़ाइन, भारतीय डिजायनर्स, भारतीय मटेरियल और भारतीय कॉन्सेप्ट के सामर्थ्य को दिखाता है। ये बिल्डिंग, नए भारत के नए सामर्थ्य और नए संकल्प की प्रतीक है। मैं सूरत डायमंड बुर्स के लिए डायमंड इंडस्ट्री को, सूरत को, गुजरात को, पूरे देश को बधाई देता हूं।
मुझे कुछ हिस्सा देखने का अवसर मिला, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि आप लोगों को ज्यादा इंतजार करना पड़े। लेकिन मैंने कहा इनको, पुराने दोस्त हैं तो कुछ न कुछ बताता रहता हूं। मैंने कहा कि आप जो एनवायरमेंट की दुनिया के वकील हैं, ग्रीन बिल्डिंग क्या होता है, जरा बुला करके दिखाइये। दूसरा मैंने कहा, पूरे देश से आर्किटेक्चरर और स्ट्रक्चर इंजीनियर के जो स्टूडेंट्स हैं, उनको कहिए कि आप आइए और स्टडी कीजिए कि बिल्डिंग की रचना आधुनिक रूप में कैसे होती है। और मैंने ये भी कहा कि लैंड स्केपिंग कैसे हो, पंचतत्व की कल्पना क्या होती है, उसको देखने के लिए भी लैंडस्केप की दुनिया में जो काम करते हैं, उनको भी बुलाइए।
साथियों,
आज सूरत के लोगों को, यहां के व्यापारियों-कारोबारियों को दो और उपहार मिल रहे हैं। आज ही सूरत एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का लोकार्पण हुआ है। और दूसरा बड़ा काम ये हुआ है कि अब सूरत एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा मिल गया है। सूरतियों की बरसों पुरानी मांग आज पूरी हुई है। और मुझे याद है जब मैं पहले आता था यहां तो सूरत का एयरपोर्ट…कभी-कभी लगता है बस स्टेशन ज्यादा अच्छा है कि एयरपोर्ट अच्छा है। बस स्टेशन अच्छा लगता था, ये तो एक झोंपड़ी जैसा था। आज कहां से कहां पहुंच गए, ये सूरत का सामर्थ्य दिखाता है।
सूरत से दुबई की फ्लाइट आज से शुरु हो रही है, बहुत जल्द हांगकांग के लिए भी फ्लाइट शुरू होगी। गुजरात के साथ ही और आज जब ये सूरत का एयरपोर्ट बना है, तब गुजरात में अब 3 इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो गए हैं। इससे डायमंड के अलावा, यहां की टेक्सटाइल इंडस्ट्री, टूरिज्म इंडस्ट्री, एजुकेशन और स्किल सहित हर सेक्टर को लाभ होगा। मैं इस शानदार टर्मिनल और इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए सूरत वासियों को, गुजरात वासियों को, बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
मेरे परिवारजनों,
सूरत शहर के साथ मेरा जो आत्मीय लगाव है, उसको शब्दों में बयान करने की जरूरत नहीं है, आप लोग भली-भांति जानते हैं। सूरत ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। और सूरत ने सिखाया है कि जब सबका प्रयास होता है, तो हम कैसे बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। सूरत की मिट्टी में ही कुछ बात है, जो इसे सबसे अलग बनाती है। और सूरतियों का सामर्थ्य, उसका मुकाबला मिलना मुश्किल होता है।
हम सब जानते हैं कि सूरत शहर की यात्रा कितने उतार-चढ़ावों से भरी रही है। अंग्रेज भी यहां का वैभव देखकर सबसे पहले सूरत ही आए थे। एक जमाने में दुनिया के सबसे बड़े समुद्री जहाज सूरत में ही बना करते थे। सूरत के इतिहास में अनेक बार बड़े-बड़े संकट आए, लेकिन सूरतियों ने मिलकर हर एक से मुकाबला किया। वो भी एक वक्त था, कहते थे कि 84 देशों के शिप के झंडे यहां फहरते थे। और आज ये माथुर भाई बता रहे थे कि अब 125 देशों के झंडे यहां फहरने वाले हैं।
कभी गंभीर बीमारियों में सूरत फंस गया, कभी तापी में बाढ़ आई। मैंने तो वो दौर निकट से देखा है, जब भांति-भांति की निराशा फैलाई गई, सूरत की स्पिरिट को चुनौती दी गई। लेकिन मुझे पूरा भरोसा था कि सूरत संकट से तो उभरेगा ही, नए सामर्थ्य के साथ दुनिया में अपना स्थान भी बनाएगा। और आज देखिए, आज ये शहर दुनिया के सबसे तेजी से आगे बढ़ते टॉप 10 शहरों में है।
सूरत का स्ट्रीट फूड, सूरत में स्वच्छता, सूरत में स्किल डेवलपमेंट का काम, सब कुछ शानदार होता रहा है। कभी सूरत की पहचान Sun City की थी। यहां के लोगों ने अपने परिश्रम से, पूरी ताकत से, मेहनत की पराकाष्ठा करके इसको डायमंड सिटी बनाया, सिल्क सिटी बनाया। आप सभी ने और मेहनत की और सूरत ब्रिज सिटी बना। आज लाखों-लाख युवाओं के लिए सूरत, ड्रीम सिटी है। और अब सूरत IT के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। ऐसे आधुनिक होते सूरत को डायमंड बुर्स के तौर पर इतनी बड़ी बिल्डिंग मिलना, अपने आप में ऐतिहासिक है।
साथियों,
आजकल आप सभी मोदी की गारंटी की चर्चा खूब सुनते होंगे। हाल के दिनों में जो चुनाव नतीजे आए, उसके बाद ये चर्चा और बढ़ गई है। लेकिन सूरत के लोग तो मोदी की गारंटी को बहुत पहले से जानते हैं। यहां के परिश्रमी लोगों ने मोदी की गारंटी को सच्चाई में बदलते देखा है। और इस गारंटी का उदाहरण ये सूरत डायमंड बुर्स भी है।
मुझे याद है, बरसों पहले आप सभी साथी किस तरह मुझे अपनी समस्याएं बताते थे। यहां तो डायमंड के कारोबार से जुड़े कारीगरों, छोटे-बड़े व्यापारियों से जुड़ी लाखों लोगों की पूरी कम्यूनिटी है। लेकिन उनकी बड़ी परेशानी ये थी कि छोटी-छोटी बातों के लिए, उन्हें दूर-दूर तक जाना पड़ता था। रॉ डायमंड को देखने और खरीदने के लिए अगर विदेश जाना है तो उसमें भी अड़चनें आती थीं। सप्लाई और वैल्यू चेन से जुड़ी समस्याएं पूरे कारोबार को प्रभावित करती थीं। डायमंड इंडस्ट्री से जुड़े साथी, बार-बार मुझसे इन समस्याओं के समाधान की मांग करते थे।
इसी माहौल में 2014 में दिल्ली में वर्ल्ड डायमंड कांफ्रेंस हुई थी। और तब ही मैंने डायमंड सेक्टर के लिए स्पेशल नोटिफाइड जोन स्थापित करने की घोषणा की थी। इसी ने सूरत डायमंड बुर्स के सपने को साकार करने का रास्ता बनाया। हमने कानून में भी संशोधन किए। अब आज सूरत डायमंड बुर्स के रूप में इंटरनेशनल ट्रेड का एक बहुत बड़ा सेंटर यहां बनकर तैयार है। रॉ डायमंड हो, पॉलिश्ड डायमंड हो, लैब ग्रोन डायमंड हो या फिर बनी-बनाई ज्वैलरी, आज हर प्रकार का व्यापार एक ही छत के नीचे संभव हो गया है। कामगार हो, कारीगर हो, व्यापारी हो, सबके लिए सूरत डायमंड बुर्स वन स्टॉप सेंटर है।
यहां इंटरनेशनल बैंकिंग और सुरक्षित वॉल्ट्स की सुविधा है। यहां रिटेल ज्वैलरी बिजनेस के लिए ज्वैलरी मॉल है। सूरत की डायमंड इंडस्ट्री पहले से ही 8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे रही है। अब सूरत डायमंड बुर्स से भी डेढ़ लाख नए साथियों को रोजगार मिलने वाला है। मैं डायमंड के व्यापार-कारोबार से जुड़े आप सभी साथियों की प्रशंसा करूंगा, जिन्होंने इस इंडस्ट्री को नई ऊंचाई देने के लिए दिन-रात एक किया है।
साथियों,
सूरत ने गुजरात को, देश को बहुत कुछ दिया है, लेकिन सूरत में इससे भी कहीं अधिक सामर्थ्य है। मेरे हिसाब से तो ये शुरुआत है, हमें और आगे बढ़ना है। आप सभी जानते हैं कि बीते 10 वर्षों में भारत 10वें नंबर की आर्थिक ताकत से ऊपर उठकर दुनिया में 5वें नंबर की आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है। और अब मोदी ने देश को गारंटी दी है कि अपनी तीसरी पारी में भारत, दुनिया की टॉप तीन इकोनॉमी में जरूर शामिल होगा।
सरकार ने आने वाले 25 साल का भी टारगेट तय किया है। 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हो, 10 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हो, हम इन सभी पर काम कर रहे हैं। हम देश के एक्सपोर्ट को भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर ले जाने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में सूरत की, और विशेषकर सूरत की डायमंड इंडस्ट्री की जिम्मेदारी भी अनेक गुना बढ़ गई है। यहां सूरत के सभी दिग्गज मौजूद हैं। सूरत शहर को भी ये टारगेट तय करना चाहिए कि देश के बढ़ते हुए एक्सपोर्ट में सूरत शहर की भागीदारी और कैसे बढ़े।
ये डायमंड सेक्टर के लिए, जेम्स और जूलरी सेक्टर के लिए चुनौती भी है, अवसर भी है। अभी डायमंड ज्वैलरी के एक्सपोर्ट में भारत बहुत आगे है। सिल्वर कट डायमंड और लैब ग्रोन डायमंड में भी हम अग्रणी हैं। लेकिन अगर पूरे जेम्स-ज्वैलरी सेक्टर की बात करें तो दुनिया के टोटल एक्सपोर्ट में भारत का शेयर सिर्फ साढ़े तीन प्रतिशत है। सूरत अगर ठान ले, तो बहुत ही जल्द हम जेम्स-ज्वैलरी एक्सपोर्ट में डबल डिजिट में आ सकते हैं। और मैं आपको गारंटी देता हूं, आपके हर प्रयास में सरकार आपके साथ खड़ी है।
हमने तो पहले से ही इस सेक्टर को एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए फोकस एरिया के रूप में चुना है। Patented design को प्रोत्साहन देना हो, एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स को diversify करना हो, दूसरे देशों के साथ मिलकर बेहतर तकनीक की खोज करना हो, लैब ग्रोन या ग्रीन diamond को बढ़ावा देना हो, ऐसे अनेक प्रयास केंद्र सरकार कर रही है।
ग्रीन डायमंड को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने बजट में भी विशेष प्रावधान किए हैं। आपको इन सारे प्रयासों का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना है। आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो माहौल, आप भी अनुभव करते होंगे, आप दुनिया भर में जाते हैं, दुनिया के अनेक देश के लोग यहां बैठे हैं, आज विश्व का माहौल भारत के पक्ष में है। आज पूरी दुनिया में भारत की साख बुलंदी पर है। दुनिया भर में भारत की चर्चा हो रही है। मेड इन इंडिया अब एक सशक्त ब्रांड बन चुका है। इसका बहुत बड़ा लाभ, आपके बिजनेस को मिलना तय है, आभूषण उद्योग को मिलना तय है। इसलिए मैं आप सभी से कहूंगा, संकल्प लीजिए और इसे सिद्ध कीजिए।
साथियों,
आप सभी का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए, सरकार, सूरत शहर का भी सामर्थ्य और बढ़ा रही है। हमारी सरकार सूरत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर विशेष बल दे रही है। आज सूरत के पास अपना इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। आज सूरत के पास अपनी मेट्रो रेल सर्विस है। आज सूरत पोर्ट पर कितने ही अहम प्रॉडक्ट्स की हैंडलिंग होती है। आज सूरत के पास हजीरा पोर्ट है, गहरे पानी का LNG terminal और मल्टी-कार्गो पोर्ट है। सूरत, लगातार अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक केंद्रों से जुड़ रहा है। और ऐसी इंटरनेशनल कनेक्टिविटी, दुनिया के बहुत कम शहरों में ही है। सूरत को बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से भी जोड़ा गया है। यहां वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर भी तेज़ गति से काम चल रहा है। इससे उत्तर और पूर्वी भारत तक, सूरत की रेल कनेक्टिविटी सशक्त होगी। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे भी सूरत के व्यापार-कारोबार को नए अवसर देने वाला है।
ऐसी आधुनिक कनेक्टिविटी पाने वाला सूरत, एक तरह से देश का इकलौता शहर है। आप सभी इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाइए। सूरत आगे बढ़ेगा, तो गुजरात आगे बढ़ेगा और गुजरात आगे बढ़ेगा तो मेरा देश आगे बढ़ेगा। इसके साथ और अनेक संभावनाएं जुड़ी हुई हैं। इतने देशों के लोगों का यहां आना-जाना यानी एक प्रकार से ये ग्लोबल सिटी के रूप में कन्वर्ट हो रहा है, लघु भारत तो बन चुका है।
अभी जब जी-20 समिट हुई तो हमने कम्युनिकेशन के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया। ड्राइवर हिंदी जानता है, उसके साथ बैठे हुए मेहमान फ्रेंच जानते हैं, तो बात कैसे करेंगे? तो हमने मोबाइल ऐप के द्वारा व्यवस्था की, वो फ्रेंच बोलते थे और ड्राइवर के हिंदी में सुनाई देता था। ड्राइवर हिंदी बोलता था, उसको फ्रेंच में सुनाई देता था।
मैं चाहूंगा कि हमारे इस डायमंड बुर्स में विश्व भर के लोग आने वाले हैं, लैंग्वेज की दृष्टि से कम्युनिकेशन के लिए आपको जो मदद चाहिए, भारत सरकार जरूर आपको मदद करेगी। और एक मोबाइल फोन, मोबाइल ऐप के द्वारा भाषिनी ऐप के द्वारा इस काम को हम सरल करेंगे।
मैं मुख्यमंत्री जी को भी सुझाव दूंगा कि यहां जो नर्मद यूनिवर्सिटी है…वे भिन्न-भिन्न भाषाओं में interpreter तैयार करने के लिए कोशिश शुरू करें और यहां के बच्चों को ही दुनिया की अनेक भाषाओं में interpretation आए ताकि जो व्यापारी आएंगे तो interpreter का बहुत बड़ा काम हमारी युवा पीढ़ी को मिल सकता है। और ग्लोबल हब बनाने की जो जरूरतें होती हैं, उसमें कम्युनिकेशन एक बहुत बड़ी आवश्यकता होती है। आज टेक्नोलॉजी बहुत मदद कर रही है, लेकिन साथ-साथ ये भी आवश्यक है। मैं विश्वास करता हूं कि बहुत ही जल्द सूरत में नर्मद यूनिवर्सिटी के द्वारा या कोई और यूनिवर्सिटी के द्वारा language interpreter के रूप में भी हम कोर्सेज आरंभ कर सकते हैं।
मैं एक बार फिर आप सब को सूरत डायमंड बुर्स की और सूरत एयरपोर्ट के नए टर्मिनल की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। अगले महीने वाइब्रेंट गुजरात समिट भी होने जा रहा है। मैं इसके लिए भी गुजरात को अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं। और गुजरात का ये प्रयास देश को भी काम आ रहा है और इसलिए मैं गुजरात को विशेष रूप से बधाई देता हूं।
आप सब इतनी बड़ी तादाद में विकास के इस उत्सव को आज मनाने के लिए इकट्ठे हुए हैं, देखिए कितना बड़ा परिवर्तन आ गया है। देश का हर व्यक्ति विकास के प्रति प्रतिबद्ध होता जा रहा है, ये भारत के लिए आगे बढ़ने का सबसे बड़ा शुभ संकेत है। मैं फिर एक बार वल्लभ भाई और उनकी पूरी टीम को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और मुझे पता है, अगर बीच में कोविड की समस्या न आई होती तो शायद ये काम हम और जल्दी पूरा कर देते। लेकिन कोविड के कारण कुछ कामों में रुकावट रही थी। लेकिन आज ये स्वप्न पूरा देख करके मुझे बहुत आनंद हो रहा है। मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई।
धन्यवाद।
डिस्क्लेमर: प्रधानमंत्री के भाषण का कुछ अंश गुजराती भाषा में भी है, जिसका यहाँ भावानुवाद किया गया है।
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DS/ST/NS/AK
A symbol of steadfast commitment to excellence in the realm of precious gems, the Surat Diamond Bourse is a game-changer for the country’s economy. https://t.co/bsldYuYRjk
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2023
आज सूरत शहर की भव्यता में एक और डायमंड जुड़ गया है।
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और डायमंड भी छोटा-मोटा नहीं है बल्कि ये तो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। pic.twitter.com/To84moPzeX
The new Terminal Building of Surat Airport has been inaugurated today. With this, Surat Airport has also got the status of international airport. pic.twitter.com/yupor7oe5K
— PMO India (@PMOIndia) December 17, 2023
कामगार हो, कारीगर हो, व्यापारी हो, सबके लिए सूरत Diamond Bourse वन स्टॉप सेंटर है। pic.twitter.com/fDXVmKGwRR
— PMO India (@PMOIndia) December 17, 2023
Today, the global discourse is centered around India.
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'Made in India' has become an influential brand. pic.twitter.com/lp6zslx5Xu
आज सूरत शहर की भव्यता में एक और डायमंड जुड़ गया है। डायमंड बोर्स की चमक के आगे दुनिया की बड़ी से बड़ी इमारतों की चमक फीकी पड़ रही है। इसके साथ ही शानदार टर्मिनल और इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यहां के डायमंड, टेक्सटाइल और टूरिज्म सेक्टर को बहुत लाभ होगा। pic.twitter.com/OR4aLoucLJ
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2023
सूरत के लोगों ने अपने सामर्थ्य से दुनिया में अपना स्थान बनाया है। आज देश के लाखों युवाओं के लिए भी ये एक ड्रीम सिटी है। pic.twitter.com/XAwtf56ZbI
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2023
सूरत सहित देशभर के लोगों ने मोदी की गारंटी को सच्चाई में बदलते देखा है और इसका एक बड़ा उदाहरण डायमंड बोर्स भी है। pic.twitter.com/3y5lseYpbu
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हम देश के एक्सपोर्ट को रिकॉर्ड ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसे में सूरत और यहां की डायमंड इंडस्ट्री की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। pic.twitter.com/Iy1m7RTtvK
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2023