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संघीय गणराज्‍य ब्राजील के विदेश मंत्रालय और भारतीय गणराज्‍य के विदेश मंत्रालय के बीच दूतावास और आवा-जाही संबंधी मुद्दों के बारे में विचार-विमर्श व्‍यवस्‍था की स्‍थापना के लिए समझौता ज्ञापन


संघीय गणराज्‍य ब्राजील का विदेश मंत्रालय और भारतीय गणराज्‍य का विदेश मंत्रालय (इसके बाद इन्‍हें ”दोनों पक्ष” कहा जायेगा)

दोनों देशों को जोड़ने वाले मैत्री और सहयोग के ऐतिहासिक संबंधों को देखते हुए;

अपने अपने देश के कानूनों में प्रदत्‍त अधिकारों और गारंटियों तथा सम्‍बद्ध अंतर्राष्‍ट्रीय संधियों और समझौतों, जिनमें वे पार्टी हैं के अनुरूप;

इस बात से सहमत होते हुए कि दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही से नागरिकों के बीच घनिष्‍ठता कायम होगी और इससे उनके देशों और लोगों के बीच आर्थिक, सामाजिक और सांस्‍कृतिक विकास का आधार तैयार होगा;

यह समझते हुए कि दूतावास सहायता के बारे में दोनों देशों द्वारा अर्जित ज्ञान और विकसित विशेषज्ञता से एक-दूसरे देश में रह रहे नागरिकों की मदद होगी और अपने अपने देश के वंशियों तथा सरकारों के बीच संपर्क बढ़ेगा;

सूचना के आदान-प्रदान और इस ज्ञापन के अनुप्रयोग के क्षेत्रों में समन्‍वय करने, साथ ही दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही से संबंधित विशेष मुद्दों और अनिवार्यताओं के समाधान के लिए द्विपक्षीय व्‍यवस्‍था कायम करने की आवश्‍यकता महसूस करते हुए;

दोनों देशों के बीच वैध द्विपक्षीय सहयोग के लिए कानूनी व्‍यवस्‍था विकसित करने की आवश्‍यकता पर बल देते हुए;

सिविल और आपराधिक मामलों में अंतर्राष्‍ट्रीय कानूनी सहयोग के लिए द्विपक्षीय वार्ता को सुदृढ़ करने की आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखते हुए;

निम्‍नांकित समझौते पर पहुंचे हैं :

अनुच्‍छेद 1

 द्विपक्षीय विचार विमर्श व्‍यवस्‍था कायम करना।

द्विपक्षीय दूतावास और आवाजाही संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श तथा द्विपक्षीय कानूनी सहयोग, जिसमें एक दूसरे देश में नागरिकों की आवाजाही शामिल है, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय विचार-विमर्श व्‍यवस्‍था कायम करने का फैसला किया है। विचार-विमर्श व्‍यवस्‍था का संचालन एक कार्य समूह द्वारा किया जाएगा जो दोनों देशों के बीच संवाद और सूचना का नियमित आदान-प्रदान सुनिश्चित करेगा।

अनुच्‍छेद 2

लक्ष्‍य

इस व्‍यवस्‍था के लक्ष्‍य निम्‍नांकित होंगे :

क) दूतावास सेवा और सहायता तथा यात्रा दस्‍तावेज जारी करने के क्षेत्रों में नई प्रौद्योगिकियों के इस्‍तेमाल के बारे में सूचना का आदान-प्रदान;

ख) एक-दूसरे देश में रह रहे नागरिकों, साथ ही एक-दूसरे देश में प्रत्‍यर्पित समुदायों की सहायता के लिए वर्तमान उपायों के बारे में दोनों देशों के अनुभवों का आदान-प्रदान;

ग) सरकार और राष्‍ट्रवंशियों के बीच संबंधों के स्‍वरूप, विदेश में रह रहे नागरिकों का प्रतिनिधित्‍व, प्रत्‍यर्पित समुदायों के लिए संवाद और प्रतिनिधित्‍व की व्‍यवस्‍था और उनकी सहायता के लिए नई प्रौद्योगिकियों के इस्‍तेमाल के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान;

घ) प्रत्‍येक देश के नागरिकों के हितों से सम्‍बद्ध परियोजनाओं अथवा किसी तीसरे देश में दूतावास संबंधी आपातकालीन स्थितियों में प्रत्‍येक देश के समुदाय के लाभ के लिए संयुक्‍त कार्रवाई या द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर विचार करना;

ड.) किसी तीसरे देश में अपने-अपने देश के नागरिकों के लाभ के लिए समझौतों का लक्ष्‍य समझे जाने वाले विषयों पर विचार-विमर्श करना;

च) प्रत्‍येक देश की वीज़ा नीतियों के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान सहित

ऐसे उपायों का विश्‍लेषण करना जिनका लक्ष्‍य दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही में सुविधा प्रदान करना हो,

छ) लोगों की आवाजाही से संबंधित किन्‍हीं ऐसे मुद्दों की जांच करना जो किसी एक पक्ष द्वारा प्रस्‍तुत किए गए हों और एक ऐसे माध्‍यम के रूप में काम करना कि ऐसे मुद्दे सक्षम राष्‍ट्रीय प्राधिकारियों को अग्रसारित किए जा सकें;

ज) वैध प्रवास को प्रोत्‍साहित करने और मानव तस्‍करी, लोगों की अवैध आवाजाही के जोखिम के बारे में सूचना का आदान-प्रदान और सम्‍प्रेषण तथा समन्वित कार्रवाई करना;

झ) विशेष रूप से सर्वोत्‍कृष्‍ट पद्धतियों के आदान-प्रदान और दोनों देशों के अधिकारियों की समय-समय पर यात्राओं के जरिए द्विपक्षीय पुलिस सहयोग को बढ़ावा देना;

त) अंतर्राष्‍ट्रीय विधि सहयोग के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के तौर-तरीकों की पहचान करना।

अनुच्‍छेद 3

कार्य समूह का गठन और बैठकों की आवृति

1. अनुच्‍छेद 1 में वर्णित कार्य समूह की बैठक वर्ष में एक बार होगी, जो बारी बारी से एक दूसरे देश में आयोजित की जाएगी और इसके अतिरिक्‍त किसी पार्टी के अनुरोध पर बैठक होगी।

2. कार्य समूह की अध्‍यक्षता प्रत्‍येक पार्टी के एक एक प्रतिनिधि द्वारा संयुक्‍त रूप से की जाएगी।

3. दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों के अतिरिक्‍त, कार्य समूह में अन्‍य मंत्रालयों और सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं, जो कार्य सूची की मदों से संबंधित हों।

अनुच्‍छेद 4

अंतिम प्रावधान

1. समझौता ज्ञापन इसके हस्‍ताक्षर की तारीख से प्रभावी होगा और अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।

2. समझौता ज्ञापन में दोनों पक्षों की आपसी लिखित सहमति से संशोधन किए जा सकते हैं।

3. कोई भी पक्ष किसी भी समय समझौता ज्ञापन को समाप्‍त करने की अपनी इच्‍छा की सूचना दे सकता है। इसकी समाप्ति अधिसूचना की तारीख से तीन महीने बाद लागू होगी।

4. समझौता ज्ञापन की व्‍याख्‍या या प्रयोग से संबंधित किसी मतभेद का समाधान दोनों पक्षों द्वारा आपसी सहमति से किया जाएगा, जो ऊपर अनुच्‍छेद-1 में वर्णित कार्य समूह के भीतर होगा अथवा आवश्‍यकता पड़ने पर राजनयिक माध्‍यमों के जरिए किया जाएगा।