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शिक्षकों और शिक्षा पर मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय मिशन के लांच किए जाने के अवसर पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी


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प्रधानमंत्री ने शिक्षा की संस्कृति पर आत्मावलोकन का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के स्वतंत्रता भवन में शिक्षकों और शिक्षा पर मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय मिशन का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने काशी की भूमि को शिक्षा की संस्कृति देने वाली भूमि बताया। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का आत्मावलोकन करने की आवश्यकता है कि क्या हम शिक्षा की संस्कृति को गवां रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा प्रणाली का अर्थ रोबोट तैयार करना नहीं बल्कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी के साथ पूर्ण मानव मन विकसित करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां कहीं भी मानवता ने ज्ञान के युग में प्रवेश किया है वहां भारत ने विश्वगुरू की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी भारत के लिए अत्यधिक जिम्मेदारी की शताब्दी है क्योंकि विश्व एकबार फिर ज्ञान युग में प्रवेश कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया और समाज के सभी वर्गों में अच्छी शिक्षा की मांग है। उन्होंने कहा कि कारगर तरीके से प्रशिक्षित करने पर भारत के युवा विश्व में शिक्षकों की आवश्यकता को पूरी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई शिक्षक देश से बाहर जाता है तो उसे लाभ मिलता है और वह पूरी पीढ़ी का ध्यान आकर्षित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षकों और शिक्षा के बारे में मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय मिशन इस दिशा में एक कदम है।

प्रधानमंत्री ने अंतर-विश्वविद्यालय केन्द्र की पट्टिका का अनावरण किया तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर को जोड़ने के लिए वाई-फाई प्रणाली रिमोट कंट्रोल से लांच की।

प्रधानमंत्री ने वाराणसी महोत्सव का भी शुभारंभ किया। उन्होंने ‘युक्ति’ पहल के तहत छः हस्तशिल्पकारों को पुरस्कार प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने इस पहल के बार में कहा कि इससे उचित टेकनॉलाजी नवाचारों के इस्तेमाल से हमारे शिल्पकारों का कौशल बढ़ाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी महोत्सव जैसे आयोजनों से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बनारस के स्कूलों तथा शैक्षिक संस्थानों से बनारस की समृद्ध संस्कृति के विभिन्न पक्षों में विशेषज्ञता विकसित करने को कहा ताकि बनारस आने वाले पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्राचीन विरासत के कारण पर्यटक बनारस आएंगे। लेकिन पर्यटक यहां तभी ठहरेंगे जब बनारस के लोग उन्हें अपनी विरासत दिखाने का प्रयास करेंगे।

भारत की विरासत की मजबूती का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने हाल में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 177 देशों ने भारत के प्रस्ताव को समर्थन दिया और इसे 90 दिनों के रिकार्ड समय के अंदर अपनाया गया।

प्रधानमंत्री ने कलाकारों और कवियों से कहा कि वे स्वच्छता तथा बालिका कल्याण जैसे समकालीन विषयों को छूएं ताकि समाज में इन महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता बढ़ाई जा सके।

इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी तथा केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन (स्वतंत्र प्रभार), राज्यमंत्री श्री महेश शर्मा भी उपस्थित थे।