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विश्‍व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया

विश्‍व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया

विश्‍व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया

विश्‍व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने विश्‍व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर आज यहां किसानों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, छात्रों, सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की एक विविध जनसभा को संबोधित किया।

श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि जैव ईंधन से 21 वीं सदी में भारत को एक नयी गति मिल सकती है। उन्‍होंने कहा कि‍ फसलों से बनाया जाने वाला जैव ईंधन गांवों और शहरों दोंनों स्‍थानों में रहने वाले लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैव ईंधन से एथनॉल बनाने की पहल श्री अटल बिहार वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान हुयी थी। एथनॉल ब्‍लेंडिंग कार्यक्रम की रूप रेखा वर्ष 2014 के बाद तैयार की गयी। इस पहल से न केवल किसानों को फायदा हुआ बल्कि इससे बीते साल 4 हजार करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा की भी बचत हुयी। अगले चार वर्षों में इसे 12 हजार करेाड़ रूपए तक पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बायोमास को जैव ईंधन में बदलने के लिए केन्‍द्र सरकार बड़े स्तर पर निवेश कर रही है। देशभर में12 आधुनिक रिफाइनरी बनाने की योजना है। इससे बड़ी संख्‍या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि आज जनधन,वनधन और गोबरधन जैसी योजनायों से गरीबों, किसानों, आदिवासियों के जीवन में व्यापक बदलाव के लाने में मदद मिल रही है। उन्‍होंने कहा कि जैव ईंधन की बड़े बदलाव लाने की क्षमता का सदुपयोग इसमें छात्रों, शिक्षकों,वैज्ञानिकों, उद्यमियों और आम जन की भागीदारी से ही संभव है। उन्‍होंने उपस्थित लोगों से जैव ईंधन के फायदे ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने में मदद करने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर “राष्‍ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018” की पुस्तिका का विमोचन किया। साथ ही उन्‍होंने पर्यावरण मंत्रालय के डिज़िटल प्लेटफार्म “परिवेश” का भी शुभारंभ किया।