1. महामहिम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरिया राज्य के राष्ट्रपति महामहिम एममे पार्क गियुन हाई के आमंत्रण पर 18-19 मई, 2015 को कोरिया राज्य की राजकीय यात्रा की इस भाग के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रपति पार्क के साथ शिखर बैठक की।
2. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पार्क ने परस्पर हित के क्षेत्रों में सार्थक बातचीत की। दोनों नेताओं ने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों में तेजी से विस्तार और विविधता का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने यह माना कि राष्ट्रपति पार्क की जनवरी,2014 में भारत यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के विकास में व्यापक गति मिली। दोनों नेताओं ने ”विशेष रणनीतिक साझेदारी” के स्तर पर द्विपक्षीय संबंध को ले जाने पर सहमति व्यक्त की।
3. दोनों देशों की जनता के बीच एतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को याद करते हुए दोनों पक्षों ने माना कि लोकतंत्र के मूल्य, मुक्त समाज तथा उदार अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था से कोरिया गणराज्य –भारत विशेष रणनीतिक साझेदारी के आधार को और मजबूती मिली है। दोनों नेताओं ने विदेशी मामलें, रक्षा और व्यापार और निवेश, विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी, संस्कृति तथा दोनों देशों की जनता के बीच आदान-प्रदान सहित अनेक विषयों में साझेदारी की गति को तेज करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
राजनीति तथा सुरक्षा संबंध
4. भारत ”एक्ट ईस्ट” रणनीति में कोरिया गणराज्य को अभिन्न सहयोगी मानता है। कोरिया गणराज्य और भारत द्विपक्षीय साझेदारी के महत्व तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता तथा सुरक्षा में योगदान को मानते हैं। राष्ट्रपति पार्क ने कोरिया गणराज्य के उत्तर-पूर्व एशिया शांति तथा सहयोग प्रयास (एनएपीसीआई) के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच सहयोग और सुरक्षा बढ़ाने की कोरिया गणराज्य की इच्छा का स्वागत किया। दोनों नेता साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एनएपीसीआई तथा एक्ट ईस्ट नीति के बीच का पूरक मार्ग तलाशने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
5. दोनों पक्ष द्विपक्षीय उच्च स्तरीय आदान-प्रदान में तेजी लाने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों की राय में द्विपक्षीय रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग में विकास की अपार क्षमता है।
6. मई, 2015 में कोरिया की राष्ट्रीय असेम्बली की स्पीकर की भारत यात्रा का स्वागत करते हुए दोनों पक्षों ने भारत-कोरिया संसदीय शिष्टमंडलों के आदान-प्रदान में वृद्धि की आशा व्यक्त की। दोनों पक्ष सहमत हैं कि भारत-कोरिया संसदीय शिष्टमंडलों के एक-दूसरे के यहां जाने से दोनों संसदों के बीच संवाद और साझेदारी बढ़ेगी।
7. विशेष रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों ने निम्नलिखित बातों पर सहमति व्यक्त की :-
क. एक-दूसरे देश में वार्षिक शिखर बैठक आयोजित करना या बहुपक्षीय आयोजनों के बीच शिखर बैठक का आयोजन।
ख. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के नेतृत्व में वार्षिक रूप से संयुक्त आयोगों की बैठक।
ग. अपने-अपने क्षेत्रों में लोकतांत्रित संस्थानों को मजबूत बनाने के लिए संसदीय शिष्टमंडलों के आदान-प्रदान को सुगम बनाना।
घ. एक-दूसरे देशों में सैन्य अधिकारियों को भेजकर नेशनल डिफेंस कॉलेज ऑफ इंडिया तथा नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी ऑफ कोरिया सहित भारत तथा कोरिया की रक्षा शिक्षा में साझेदारी को मजबूत बनाना।
ङ. सुरक्षा, रक्षा तथा साईबर संबंधी विषयों पर दोनों देशों की सुरक्षा परिषदों के बीच नियमित विचार विमर्श को और सुदृढ़ बनाना।
च. ”2+2” रूप में रक्षा तथा विदेशी मामलों पर संयुक्त उपमंत्री स्तरीय बातचीत।
छ. रक्षा आवश्यकताओं के लिए एक दूसरे देश के पोतों के बीच बेहतर सहयोग।
ज. दोनों देशों की जल सेना के बीच अधिकारी स्तरीय बातचीत तथा दोनों देशों की सशस्त्र सेनाओं के अधिकारियों की नियमित यात्राओं से रक्षा सहयोग को और प्रगाढ़ बनाना।
झ. पारदेशीय साईबर खतरों से निपटने में तैयारी के लिए साईबर सुरक्षा सहयोग के उपाय तलाशना।
ञ. संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के क्षेत्र में उचित सहयोग तथा
ट. कोरिया गणराज्य के विदेशी मामलों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थान और इंडिया काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (आईसीडब्ल्यूए) के बीच वार्षिक रूप से ट्रैक 1.5 वार्ता आयोजित करना।
व्यापार और निवेश
8. राष्ट्रपति पार्क ने भारत के ”मेक इन इंडिया” पहल का स्वागत किया, क्योंकि इससे द्विपक्षीय संबंधों को ठोस बनाने के नये रास्ते मिलते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ”मेक इन इंडिया” में विशेष साझेदार बनने के लिए कोरिया गणराज्य को आमंत्रित किया। इस पर राष्ट्रपति पार्क ने सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि आगे विकास के लिए दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की अपार संभावनायें हैं। दोनों नेताओं ने अपने अधिकारियों को कोरिया गणराज्य तथा भारत गणराज्य के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) से लाभ उठाने तथा सीईपीए के अंतर्गत संयुक्त समिति जैसी विचार-विमर्श व्यवस्था का पूरा उपयोग करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श करने को कहा।
9. द्विपक्षीय साझेदारी में व्यापार और निवेश के महत्व को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने भारत तथा कोरिया के व्यावसायिक समुदाय से पारस्परिक समृद्धि के लिए दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के बीच अधिक तालमेल का आह्वान किया। दोनों नेताओं ने निम्नलिखित समझौतों का स्वागत किया :-
क. दोहरे कराधान से बचने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर।
ख. कोरिया के वित्त मंत्रालय तथा कोरियाई निर्यात आयात बैंक ने अवसंरचना क्षेत्र में परस्पर सहयोग के लिए 10 बिलियन डॉलर की सहायता की पेशकश की। इसमें आर्थिक विकास सहयोग निधि (1 बिलियन डॉलर) तथा स्मार्ट सिटी, रेलवे, बिजली उत्पादन और सम्प्रेषण तथा अन्य क्षेत्रों सहित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए निर्यात ऋण (9 बिलियन डॉलर) शामिल है। दोनों देशों की सरकारें तथा दोनों देशों के एक्सिम बैंक प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए वित्तीय सहयोग की रूपरेखा तैयार करने के लिए विचार-विमर्श करेंगे।
ग. सहमत रूपरेखा के माध्यम से मात्रा और गुण की दृष्टि से व्यापार बढ़ाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए जून, 2016 तक भारत-कोरिया सीईपीए में संशोधन पर बातचीत प्रारम्भ करना।
घ. आवासीय माहौल की गुणवत्ता सुधारने तथा सतत आर्थिक विकास पर स्मार्ट शहरों के प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए स्मार्ट सिटी बनाने के लिए स्मार्ट ग्रिड सहित उन्नत टेक्नोलॉजी सम्पन्न शहरों में परस्पर सहयोग की संभावना तलाशना।
ङ. दोनों देशों के इस्पात उद्योग को पारस्परिक लाभ की परियोजनाएं विकसित करने में प्रोत्साहन देकर इस्पात क्षेत्र में सहयोग।
च. एलएनजी वाहकों जैसे भारतीय जहाज निर्माण सहित पोत बनाने के क्षेत्र में सहयोग के लिए दोनों देशों में दिलचस्पी। भारत सरकार ने भारतीय पोत निर्माण उद्योग को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से कोरिया के साथ साझेदारी पर विचार-विमर्श की आशा व्यक्त की। दोनों देशों की सरकारों ने इस क्षेत्र में निजी सहयोग को समर्थन देने का निर्णय लिया। पोत निर्माण क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए सरकारी तथा निजी क्षेत्र को मिलाकर एक संयुक्त कार्य समूह बनाया जाएगा।
छ. समुद्री परिवहन, शिपिंग और लॉजिस्टिक के क्षेत्र में संयुक्त व्यावसायिक परियोजनाओं की संभावना तथा दोनों देशों की नाविकों के रोजगार संवर्द्धन के लिए सहयोग।
ज. ताजा फलों तथा बागवानी उत्पादों के पारस्परिक निर्यात के लिए आवश्यक प्रक्रिया में तेजी पर सहयोग।
झ. राजस्थान में कोरियाई औद्योगिक पार्क बनाने का कार्य प्रगति पर। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि औद्योगिक पार्क से कोरिया के छोटे तथा मझौले उद्यमियों को ‘मेक इन इंडिया’ पहल से लाभ उठाने में मदद मिलेगी। दोनो देशों ने व्यापार, निवेश तथा औद्योगिक सहयोग के लिए कोटरा सहित दोनों देशों की व्यापार एजेंसियों के और कार्यालय स्थापित करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
ञ. 19 मई, 2015 को सोल में कोरिया-भारत सीईओ फोरम की पहली बैठक होगी। सीईओ फोरम दोनों देशों की कंपनियों के बीच आदान-प्रदान और संवाद में तेजी लाने, परस्पर निवेश बढ़ाने और भविष्य में द्विपक्षीय व्यावसायिक सहयोग बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
10. दोनों देशों की साझेदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में भारत और कोरिया के लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संपर्क के महत्व को दोहराते हुए दोनों नेताओं ने हवाई संपर्क बढ़ाने तथा अधिक शहरों में विमान सेवा के लिए द्विपक्षीय वायु सेवा समझौते में संशोधन के लिए नागर विमानन सहयोग सम्मेलन सहित अन्य जारी प्रयासों का स्वागत किया और प्रोत्साहन दिया।
टेक्नोलॉजी ऊर्जा तथा पर्यावरण
11. राष्ट्रपति पार्क ने भारत परिवर्तन के प्रयास के रूप में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की प्रसंशा की। 1970 के दशक में कोरिया के सफल ग्रामीण विकास कार्यक्रम साइमॉल उनदोंग (एसएमयू) के स्वच्छ भारत अभियान में योगदान को मानते हुए दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्ष एक-दूसरे देशों के विकास अनुभवों को मिलाकर सहयोग बढ़ाएंगे।
12. आर्थिक विकास, पर्यावरण एवं स्वच्छ ऊर्जा संरक्षण के बीच अभिन्न संपर्क को स्वीकार करते हुए भारत और कोरिया अपने मंत्रालयों तथा एजेंसियों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमत हुए।
13. कोरिया की हरित अर्थव्यवस्था प्रयास की सराहना करते हुए भारत ने शहरी जल तथा वायु गुणवत्ता में सुधार और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए नवाचारी नीतियों तथा तकनीक लागू करने में पारस्परिक लाभ साझेदारी के लिए कोरिया के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की।
14. दोनों नेताओं ने विज्ञान और टेक्नोलॉजी में जारी सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि संयुक्त अनुसंधान और विकास परियोजनाएं नवीकरणीय ऊर्जा, मेटेरियल साइंस, रोबटिक एवं इंजीनियरिंग विज्ञान तथा स्वास्थ्य विज्ञान जैसे फोकस वाले क्षेत्रों में लागू की जा रही है। दोनों नेताओं ने स्वच्छ टेक्नोलॉजी रोबोटेक्स तथा ऑटोमेशन और इलेक्टॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्यूफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में आकादमी-उद्योग संपर्क कार्यक्रमों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
15. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग की काफी संभावनाएं हैं। दोनों पक्षों ने चन्द्रमा की खोज, सेटेलाइट नैविगेशन और अंतरिक्ष विज्ञान तथा निम्मलिखित एप्लिकेशन को जारी रखने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (इसरो) तथा कोरिया एरोस्पेस अनुसंधान संस्थान (केएआरआई) के बीच समझौते का स्वागत कियाः
क. गहन अंतरिक्ष कॉर्स ट्रैकिंग तथा कोरिया तथा भारत के गहन अंतरिक्ष मिशनों के लिए संचार समर्थन।
ख. चन्द्रमा की सतह का डाटा तथा चन्द्रायन-1 द्वारा एकत्रित रैडिएशन डाटा साझा करना।
ग. गगन-कास (केएएसएस) इंटरोपैराबिलिटी तथा गगन (जीपीएस सहायता युक्त जियोऑगोमेंटेड नैविगेशन प्रणाली) तथा केएएसएस (कोरिया ऑगोमेंटेशन सेटेलाइट सिस्टम) में अनुभवों को साझा करना।
घ. अंतरिक्ष विज्ञान तथा एप्लिकेशन, सेटेलाइट लांच तथा अन्य सहमत क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग।
ङ. उपरोक्त क्षेत्रों में सहयोग के तरीकों को मजबूत बनाने के लिए इसरो तथा केएआरआई के बीच नियमित कार्य स्तरीय संवाद करना।
संस्कृति, शिक्षा और जनसंपर्क आदान-प्रदान
16. भारत तथा कोरिया के लोगों के बीच पुराने ऐतिहासिक संपर्क को देखते हुए राष्ट्रपति पार्क ने 2015 शरद ऋतु में कोरिया में भारत उत्सव के लिए प्रधानमंत्री मोदी के निर्णय का स्वागत किया। भारत ने भी 2016 में भारत में कोरिया उत्सव के आयोजन के अवसर का स्वागत किया। इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने अयोध्या से कोरियाई लोगों के संपर्कों को बढ़ाकर और अयोध्या में रानी सूरी रत्न/हूर ह्वांग-पोक की स्मारक को उन्नत बनाकर ऐतिहासिक संपर्कों को मजबूत बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों का भी स्वागत किया। राष्ट्रपति पार्क ने पवित्र बोधि वृक्ष का पौध उपहार देने के लिए कोरिया के लोगों की ओर से आभार व्यक्त किया।
17. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के युवाओं के बीच समझदारी और सहयोग बढ़ाने के लिए युवा शिष्टमंडलों में तेजी लाने का आह्वान किया। भारतीय पक्ष ने तकनीक संस्थानों तथा भाषा शिक्षण संस्थानों सहित दोनों देशों के शैक्षिक संस्थानों में सहयोग बढ़ाने की दिलचस्पी व्यक्त की।
18. दोनों देशों के लोगों के बीच आदान-प्रदान मजबूत बनाने के लिए दोनों नेता ट्विन सिटी तथा ट्विन प्रांत/राज्य बनाने में प्रोत्साहन देने पर सहमति व्यक्त की।
19. कोरिया ने भारत को कोरिया के राष्ट्रीय संग्रहालय की 10वीं वर्षगाठ पर आयोजित ‘मास्टरपीसेज ऑफ अर्ली बुद्धिस्ट स्कल्प्चर, 100 बीसीई-700 सीई’ शीर्षक से आयोजित प्रदर्शनी में भाग लेने का आमंत्रण दिया। भारत ने आमंत्रण का स्वागत किया और प्रदर्शनी के लिए सक्रिय सहयोग पर सहमति दी। दोनों नेताओं ने आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच पारस्परिक समझदारी बढ़ेगी और सांस्कृतिक संबंध व्यापक होंगे। इसके अतिरिक्त दोनों नेता दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासतों के क्षेत्र में संरक्षण, पुनःस्थापन तथा संयुक्त अनुसंधान पर सहयोग की संभावना तलाशने पर सहमति हुए।
20. भारत ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली के सहयोग से भारत-कोरिया संबंधों में नये अध्याय के रूप में साझी विरासत तथा अयोध्या की राज कुमारियों के गौरव को इतिहासबद्ध करने के बारे में आयोजित दो दिन की गोष्ठी में कोरिया को भाग लेने का आमंत्रण दिया। कोरिया ने आमंत्रण का स्वागत किया।
क्षेत्रीय तथा बहुपक्षीय सहयोग
21. दोनों नेताओं ने कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति और स्थिरता के महत्व को रेखांकित किया। इस संबंध में दोनों नेताओं ने डीपीआरके द्वारा विकसित किये जा रहे परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन मानते हुए इस पर चिंता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने डीपीआरके से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव सहित अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का पूरी तरह से पालन करने और 2005 के 6 दलीय वार्ता के अंतर्गत प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरियाई प्रायद्वीप में विश्वास का माहौल बनाने तथा कोरियाई प्रायद्वीप का शांतिपूर्ण पुनर्एकीकरण का आधार तैयार करने के प्रयासों के लिए राष्ट्रपति पार्क को समर्थन व्यक्त किया।
22. विश्व शांति तथा स्थिरता के लिए अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को खतरा मानते हुए दोनों नेताओं ने सभी प्रकार और रूपों में आतंकवाद की समाप्ति के लिए प्रतिबद्धता दोहराई और इस चुनौती से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से घनिष्ठता के साथ काम करने का आह्वान किया। दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौता संबंधी बातचीत पर शीघ्र समाप्त करने को कहा। दोनों नेताओं ने प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र परिषद प्रस्तावों को लागू करके तथा चरमपंथी हिंसा का मुकाबल कर आतंकियों के सुरक्षित पनाहों, संरचना, उनके नेटवर्क, उनके वित्तपोषण स्रोत तथा आंतकवादियों के सीमा पार करने जैसी कार्रवाई को समाप्त करने की आवश्यकता को स्वीकार किया। दोनों नेताओं ने सभी देशों से इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए गंभीरता से काम करने का आग्रह किया।
23. राष्ट्रपति पार्क ने अपने यूरेसिया प्रयास तथा उत्तर-पूर्व एशिया शांति और सहयोग प्रयास (एनएपीसीआई) पर प्रकाश डाला तथा क्षेत्र की समान समृद्धि के लिए भारत की ऐक्ट ईस्ट तथा मध्य एशिया संपर्क नीति के साथ कार्य करने की संभावना तलाशने पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी क्षेत्र की समान समृद्धि के लिए एनएपीसीआई तथा यूरेसिया प्रयास में कार्य करने की संभावना तलाशने की इच्छा व्यक्त की।
24. भारत तथा कोरिया गणराज्य ने वैश्विक अ-प्रसार उद्देश्यों को मजबूत बनाने में समान दिलचस्पी व्यक्त की। कोरिया गणराज्य ने अंतर्राष्ट्रीय निर्यात व्यवस्था में शामिल होने में भारत की इच्छा पर ध्यान दिया तथा इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भारत के प्रवेश से वैश्विक अ-प्रसार व्यवस्था मजबूत बनाने में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कोरिया गणराज्य ने 4 बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं- परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह, मिसाइल टेक्नोलॉजी व्यवस्था, ऑस्ट्रेलियाई समूह तथा वासेनार व्यवस्था में भारत की प्रारंभिक सदस्यता के लिए समर्थन व्यक्त किया।
25. संयुक्त राष्ट्र को और अधिक प्रतिनिधिमूलक, उत्तरदायित तथा कारगर बनाने के लिए व्यापक संयुक्त राष्ट्र सुधार की आवश्यकता स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों ने समकालीन वास्तविकताओं तथा प्रमुख विकासशील देशों की सोच संपन्न संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार की दिशा में कार्य करने पर सहमति व्यक्त की।
26. प्रधानमंत्री मोदी ने आतिथ्य सत्कार के लिए राष्ट्रपति पार्क तथा कोरिया गणराज्य की सरकार और जनता को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि इस शिखर बैठक से साझेदारी अगले स्तर पर पहुंची है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पार्क को एक बार फिर शीघ्र भारत आने का आमंत्रण दिया ताकि साझेदारी की गति बनाई रखा जा सके। राष्ट्रपति पार्क ने प्रधानमंत्री मोदी का आमंत्रण स्वीकार कर लिया।
27. दोनों नेताओं की मौजूदगी में निम्मलिखित समझौते और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये गयेः
क. दोहरे कराधान से बचने तथा आयकर संबंधी वित्तीय चोरी रोकने के लिए भारत गणराज्य की सरकार तथा कोरिया गणराज्य सरकार के बीच समझौता।
ख. ऑडियो-विजुअल को-प्रोडक्शन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत गणराज्य की सरकार तथा कोरिया गणराज्य सरकार के बीच समझौता।
ग. भारत गणराज्य के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय तथा कोरिया गणराज्य के राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यालय के बीच सहयोग के लिए सहमति पत्र।
घ. बिजली ऊर्जा विकास तथा नवीन ऊर्जा उद्योग क्षेत्रम में भारत गणराज्य के बिजली मंत्रालय तथा कोरिया गणराज्य के व्यापार उद्योग तथा ऊर्जा मंत्रालय के बीच सहमति पत्र।
ङ. युवा मामलों में सहयोग के लिए भारत गणराज्य के युवा मामले मंत्रालय तथा कोरिया गणराज्य के लैंगिक समानता तथा परिवार मंत्रालय के बीच सहमति पत्र।
च. सड़क परिवहन तथा राजमार्ग में सहयोग के लिए भारत गणराज्य के सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय तथा कोरिया गणराज्य के भूमि संरचना तथा परिवहन मंत्रालय के बीच सहयोग ढांचा।
छ. भारत गणराज्य के शिपिंग मंत्रालय और कोरिया गणराज्य के समुद्र तथा मछली पालन मंत्रालय के बीच समुद्री परिवहन तथा लॉजिस्टिक क्षेत्र में सहयोग पर सहमति पत्र।
PM @narendramodi and President Park Geun-hye witness signing of agreements in Seoul. pic.twitter.com/tmluwPJlyY — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
After the delegation level meetings. pic.twitter.com/nqPsGFr4lv — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
Great pleasure to visit Republic of Korea. I sincerely thank President Park for the warm welcome and hospitality: PM at Joint Press Meet — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
I am pleased to visit Republic of Korea in the first year of my Government: PM @narendramodi at the Joint Press Meet in Seoul — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
I am pleased to visit Republic of Korea in the first year of my Government: PM @narendramodi at the Joint Press Meet in Seoul — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
Korea’s economic rise had left me deeply impressed: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
Korea’s global leadership in manufacturing and technology has become more visible: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
Korea’s rapid progress has made the vision of an Asian century stronger: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
We consider Korea a crucial partner in India’s economic modernisation: PM @narendramodi at the Joint Press Meet — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
Our relationship started with a strong economic emphasis. But, it has also now become strategic in content: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
I am pleased that we have agreed to upgrade the bilateral relationship to ‘Special Strategic Partnership: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
I welcome the decision to have regular cooperation between our national security councils: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
President Park & I see vast opportunities for Korean companies to participate in our ‘Make in India’ Mission: PM @narendramodi @makeinindia — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
We will also establish a channel – Korea Plus – to facilitate their investment and operations in India: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
We also had productive discussions on international issues: PM at the Joint Press Meet in Seoul — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
The visit to Korea has just begun but it is already very productive: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
We have laid the foundation for a relationship that two major Asian countries with shared values should have: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) May 18, 2015
A Special Strategic Partnership between India & Republic of Korea. Sharing the Joint Statement. http://t.co/imEs15xTJv @bluehousekorea
— Narendra Modi (@narendramodi) May 18, 2015