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वियनतियाने, लाओ पीडीआर में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री का उद्घाटन भाषण

वियनतियाने, लाओ पीडीआर में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री का उद्घाटन भाषण


महामहिम, प्रधानमंत्री सोनसाय सिफांदोन

महानुभाव,

महामहिम,

नमस्कार।

आज, आसियान परिवार के साथ इस बैठक में ग्यारहवीं बार भाग लेते हुए मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।

10 वर्ष पहले मैंने भारत के ‘एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी की घोषणा की थी। पिछले एक दशक में इस नीति ने भारत और आसियान देशों के संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है।

आसियान केंद्रीयता को प्रमुखता देते हुए 2019 में हमने हिंद-प्रशांत महासागर अभियान शुरू किया था। ये आसियान आउटलुक ऑन इंडो पैसिफिक को पूरक बनाता है।

पिछले वर्ष क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए, मैरीटाइम एक्सरसाइज की शुरुआत की गई है।

पिछले 10 वर्षों में आसियान क्षेत्रों के साथ हमारा व्यापार दोगुना होकर 130 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है।

आज सात आसियान देशों के साथ सीधी फ्लाइट कनेक्टिविटी है और शीघ्र ही ब्रुनेई के साथ भी सीधी उड़ानें शुरू होंगी।

तिमोर-लेस्ते में हमने नया दूतावास खोला है।

आसियान क्षेत्र में सिंगापुर पहला देश था, जिसके साथ हमने फिनटेक कनेक्टिविटी स्थापित की और अब ये सफलता अन्य देशों में भी दोहराई जा रही है।

जन केंद्रित दृष्टिकोंण हमारी विकास की साझेदारी का आधार है। 300 से अधिक आसियान छात्रों को नालंदा विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप का लाभ मिला है। नेटवर्क ऑफ यूनिवर्सिटीज शुरू किया गया है।

लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार और इंडोनेशिया की साझी विरासत और धरोहर के संरक्षण के लिए काम किया गया है।

कोविड महामारी हो या फिर प्राकृतिक आपदा, मानवीय दायित्त्व उठाते हुए हमने एक-दूसरे को सहायता दी है।

विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी फंड, डिजिटल फंड और ग्रीन फंड स्थापित किए गए हैं। भारत ने इनमें 30 मिलियन डॉलर से अधिक का योगदान किया है। परिणामस्वरूप, हमारा सहयोग पानी के अंदर से लेकर अंतरिक्ष तक फैला है, यानि पिछले दशक में हमारी साझेदारी हर प्रकार से व्यापक हुई है।

और ये प्रसन्नता का विषय है कि 2022 में हमने व्यापक रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया।

साथियों,

हम एक दूसरे के पड़ोसी हैं, ग्लोबल साउथ के साथी सदस्य हैं और भविष्य में तेजी गति से बढ़ने वाला क्षेत्र हैं।

हम शांतिप्रिय देश हैं। एक दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रुभता का सम्मान करते हैं और अपने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं।

मेरा मानना है कि 21वीं सदी एशियाई सदी भारत और आसियान देशों की सदी है। आज जब विश्व के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव की स्थित है, तब भारत और आसियान की मित्रता, समन्वय, संवाद और सहयोग बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।

आसियान की सफल अध्यक्षता के लिए मैं लाओ-पीडीआर के प्रधानमंत्री सोनसाय सिफांदोन को हार्दिक बधाई देता हूं।

मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बैठक, भारत और आसियान साझेदारी में नए आयाम जोड़ेगी।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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एमजी/आरपीएम/केसी/एमएम