महामहिम प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक,
मीडिया के सदस्यों,
मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत और उदारतापूर्वक सत्कार करने के लिए धन्यवाद महामहिम। इससे पहले आज सुबह आपने व्यक्तिगत तौर पर मुझे हो चि मिन्ह का घर दिखाया। हो चि मिन्ह बीसवीं शताब्दी के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे। मुझे यह विशेष सौभाग्य प्रदान करने के लिए धन्यवाद महामहिम। मैं वियतनाम के लोगों को भी उनके राष्ट्रीय दिवस पर बधाई देता हूं जिसे आपने कल ही मनाया है।
मित्रों,
हमारे समाजों के बीच संबंध 2000 वर्ष पुराना है। भारत से बौद्ध धर्म का वियतनाम आगमन और वियतनाम के हिंदू चाम मंदिरों के स्मारक इस बंधन के गवाह हैं। मेरी पीढ़ी के लोगों के लिए, वियतनाम हमारे दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। औपनिवेशिक शासन से आजादी पाने में वियतनामी लोगों की बहादुरी एक सच्ची प्रेरणा रही है। और राष्ट्रीय एकीकरण में आपकी सफलता और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्धता आपके लोगों के चरित्र की ताकत दर्शाती हैं। भारत में हम आपके दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की है, आपकी सफलता में आनंदित हुए हैं और आपकी राष्ट्रीय यात्रा में हमेशा साथ रहे हैं।
मित्रों,
प्रधानमंत्री फुक के साथ मेरी बातचीत व्यापक और उत्पादक रही। हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के पूरे दायरे पर चर्चा की। हम अपने द्विपक्षीय संबंधों कों बढ़ाने और मजबूत करने के लिए सहमत हुए हैं। इस क्षेत्र के दो प्रमुख देश होने के नाते हमने यह भी महसूस किया कि साझा हित वाले क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी हमें गठजोड़ करने की जरूरत है। हम इस क्षेत्र में बढ़ती आर्थिक संभावनाओं के दोहन के लिए भी सहमत हुए हैं। हमने इस क्षेत्र में उभरती चुनौतियों के मद्देनजर आपसी सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया। सामरिक साझेदारी को व्यापक सामरिक साझेदारी में बदलने के हमारे निर्णय से हमारे भविष्य के सहयोग के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। यह हमारे द्विपक्षीय सहयोग को एक नई दिशा, गति और अर्थ प्रदान करेगा। हमारे साझा प्रयास से इस क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि लाने में भी मदद मिलेगी।
मित्रों,
हमने महसूस किया कि हमारे लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि लाने के हमारे प्रयासों के तहत साथ-साथ कदम उठाने की जरूरत है। इसलिए प्रधानमंत्री और मैं हमारे साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए हमारे रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को और गहराई देने के लिए सहमत हुए हैं। अपतटीय गश्ती नौकाओं के निर्माण के लिए समझौते पर आज हुए हस्ताक्षर हमारे रक्षा संबंधों को ठोस आकार देने के लिए उठाए गए कदमों में से एक है। रक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को और गहराई देने के लिए वियतनाम के लिए 50 करोड़ डॉलर की नई डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है। थोड़ी देर पहले हस्ताक्षर किए गए समझौते हमारे सहयोग की विविधता और गहराई की ओर इशारा करते हैं।
मित्रों,
वियतनाम तीव्र विकास और मजबूत आर्थिक वृद्धि के दौर से गुजर रहा है।
वियतनाम चाहता हैः
– अपने लोगों को सशक्त और समृद्ध बनाना;
– अपने कृषि का आधुनिकीकरण;
– नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना;
– अपना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधार मजबूत करना;
– तेज आर्थिक विकास के लिए नई संस्थागत क्षमताएं सृजित करना
और
– एक आधुनिक राष्ट्र के निर्माण के लिए कदम उठाना।
भारत और इसके 1.25 अरब लोग इस सफर में वियतनाम के दोस्त और साझेदार बनने के लिए तैयार खड़े हैं। प्रधानमंत्री और मैं आज कई निर्णय लेने के लिए सहमत हुए ताकि हमारी साझेदारी के संकल्प को आगे बढ़ाया जा सके। न्हा ट्रांग के टेलीकम्युनिकेशंस यूनिवर्सिटी में एक साॅफ्टवेयर पार्क स्थापित करने के लिए भारत 50 लाख अमेरिकी डाॅलर के अनुदान की पेशकश करेगा। अंतरिक्ष सहयोग पर समझौते की रूपरेखा के जरिये वियतनाम अपने राष्ट्रीय विकास के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ हाथ मिला सकेगा। द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंध में सुधार भी हमारा सामरिक उद्देश्य है। इसके लिए 2020 तक 15 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से व्यापार एवं कारोबार संबंधी नई संभावनाओं को भुनाया जाएगा। मैंने वियतनाम में जारी मौजूदा भारतीय परियोजनाओं और निवेश के लिए सुविधा की भी मांग की है। और, अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं प्रमुख कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिए वियतनामी कंपनियों को आमंत्रित भी किया है।
मित्रों,
हमारे लोगों के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराना है। हम हनोई में जल्द से जल्द भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना और उद्घाटन होने की उम्मीद करते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण माई सन के चाम स्मारकों के संरक्षण एवं मरम्मत का कार्य जल्द शुरू कर सकता है। मैं नालंदा महाविहार के शिलालेखों को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में जगह दिलाने में मदद के लिए वितयतनाम के नेताओं को धन्यवाद देता हूं।
मित्रों,
आसियान ऐतिहासिक संबंधों, भौगोलिक निकटता, सांस्कृतिक संबंध और सामरिक दृष्टि से भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के केंद्र में है। भारत के लिए आसियान के समन्वयक के रूप में वियतनाम के नेतृत्व के तहत हम सभी क्षेत्रों में भारत-आसियान साझेदारी को मजबूती देने के लिए काम करेंगे।
महामहिम,
आपने काफी उदारता और अनुग्रह के साथ मेजबानी किया। वियतनामी लोगों के स्नेह ने मेरे हृदय का छू लिया। हमारी साझेदारी की प्रकृति और दिशा से हम संतुष्ट हो सकते हैं। ठीक उसी समय हमें अपने करारों में गति लाने पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। मैं आपके अतिथि सत्कार का आनंद लिया। आप और वियतनाम के नेतृत्व की भारत में मेजबानी करते हुए मुझे खुशी होगी। हम भारत में आपका स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।
धन्यवाद।
बहुत-बहुत धन्यवाद। इससे पहले आज सुबह आपने व्यक्तिगत तौर पर मुझे हो चि मिन्ह का घर दिखाया। हो चि मिन्ह बीसवीं शताब्दी के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे। मुझे यह विशेष सौभाग्य प्रदान करने के लिए धन्यवाद महामहिम। मैं वियतनाम के लोगों को भी उनके राष्ट्रीय दिवस पर बधाई देता हूं जिसे आपने कल ही मनाया है।
मित्रों,
हमारे समाजों के बीच संबंध 2000 वर्ष पुराना है। भारत से बौद्ध धर्म का वियतनाम आगमन और वियतनाम के हिंदू चाम मंदिरों के स्मारक इस बंधन के गवाह हैं। मेरी पीढ़ी के लोगों के लिए, वियतनाम हमारे दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। औपनिवेशिक शासन से आजादी पाने में वियतनामी लोगों की बहादुरी एक सच्ची प्रेरणा रही है। और राष्ट्रीय एकीकरण में आपकी सफलता और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्धता आपके लोगों के चरित्र की ताकत दर्शाती हैं। भारत में हम आपके दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की है, आपकी सफलता में आनंदित हुए हैं और आपकी राष्ट्रीय यात्रा में हमेशा साथ रहे हैं।
मित्रों,
प्रधानमंत्री फुक के साथ मेरी बातचीत व्यापक और उत्पादक रही। हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के पूरे दायरे पर चर्चा की। हम अपने द्विपक्षीय संबंधों कों बढ़ाने और मजबूत करने के लिए सहमत हुए हैं। इस क्षेत्र के दो प्रमुख देश होने के नाते हमने यह भी महसूस किया कि साझा हित वाले क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी हमें गठजोड़ करने की जरूरत है। हम इस क्षेत्र में बढ़ती आर्थिक संभावनाओं के दोहन के लिए भी सहमत हुए हैं। हमने इस क्षेत्र में उभरती चुनौतियों के मद्देनजर आपसी सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया। सामरिक साझेदारी को व्यापक सामरिक साझेदारी में बदलने के हमारे निर्णय से हमारे भविष्य के सहयोग के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। यह हमारे द्विपक्षीय सहयोग को एक नई दिशा, गति और अर्थ प्रदान करेगा। हमारे साझा प्रयास से इस क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि लाने में भी मदद मिलेगी।
मित्रों,
हमने महसूस किया कि हमारे लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि लाने के हमारे प्रयासों के तहत साथ-साथ कदम उठाने की जरूरत है। इसलिए प्रधानमंत्री और मैं हमारे साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए हमारे रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को और गहराई देने के लिए सहमत हुए हैं। अपतटीय गश्ती नौकाओं के निर्माण के लिए समझौते पर आज हुए हस्ताक्षर हमारे रक्षा संबंधों को ठोस आकार देने के लिए उठाए गए कदमों में से एक है। रक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को और गहराई देने के लिए वियतनाम के लिए 50 करोड़ डॉलर की नई डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है। थोड़ी देर पहले हस्ताक्षर किए गए समझौते हमारे सहयोग की विविधता और गहराई की ओर इशारा करते हैं।
मित्रों,
वियतनाम तीव्र विकास और मजबूत आर्थिक वृद्धि के दौर से गुजर रहा है।
वियतनाम चाहता हैः
– अपने लोगों को सशक्त और समृद्ध बनाना;
– अपने कृषि का आधुनिकीकरण;
– नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना;
– अपना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधार मजबूत करना;
– तेज आर्थिक विकास के लिए नई संस्थागत क्षमताएं सृजित करना
और
– एक आधुनिक राष्ट्र के निर्माण के लिए कदम उठाना।
भारत और इसके 1.25 अरब लोग इस सफर में वियतनाम के दोस्त और साझेदार बनने के लिए तैयार खड़े हैं। प्रधानमंत्री और मैं आज कई निर्णय लेने के लिए सहमत हुए ताकि हमारी साझेदारी के संकल्प को आगे बढ़ाया जा सके। न्हा ट्रांग के टेलीकम्युनिकेशंस यूनिवर्सिटी में एक साॅफ्टवेयर पार्क स्थापित करने के लिए भारत 50 लाख अमेरिकी डाॅलर के अनुदान की पेशकश करेगा। अंतरिक्ष सहयोग पर समझौते की रूपरेखा के जरिये वियतनाम अपने राष्ट्रीय विकास के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ हाथ मिला सकेगा। द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंध में सुधार भी हमारा सामरिक उद्देश्य है। इसके लिए 2020 तक 15 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से व्यापार एवं कारोबार संबंधी नई संभावनाओं को भुनाया जाएगा। मैंने वियतनाम में जारी मौजूदा भारतीय परियोजनाओं और निवेश के लिए सुविधा की भी मांग की है। और, अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं प्रमुख कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिए वियतनामी कंपनियों को आमंत्रित भी किया है।
मित्रों,
हमारे लोगों के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराना है। हम हनोई में जल्द से जल्द भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना और उद्घाटन होने की उम्मीद करते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण माई सन के चाम स्मारकों के संरक्षण एवं मरम्मत का कार्य जल्द शुरू कर सकता है। मैं नालंदा महाविहार के शिलालेखों को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में जगह दिलाने में मदद के लिए वितयतनाम के नेताओं को धन्यवाद देता हूं।
मित्रों,
आसियान ऐतिहासिक संबंधों, भौगोलिक निकटता, सांस्कृतिक संबंध और सामरिक दृष्टि से भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के केंद्र में है। भारत के लिए आसियान के समन्वयक के रूप में वियतनाम के नेतृत्व के तहत हम सभी क्षेत्रों में भारत-आसियान साझेदारी को मजबूती देने के लिए काम करेंगे।
महामहिम,
आपने काफी उदारता और अनुग्रह के साथ मेजबानी किया। वियतनामी लोगों के स्नेह ने मेरे हृदय का छू लिया। हमारी साझेदारी की प्रकृति और दिशा से हम संतुष्ट हो सकते हैं। ठीक उसी समय हमें अपने करारों में गति लाने पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। मैं आपके अतिथि सत्कार का आनंद लिया। आप और वियतनाम के नेतृत्व की भारत में मेजबानी करते हुए मुझे खुशी होगी। हम भारत में आपका स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।
धन्यवाद।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
PM Nguyen Xuan Phuc and PM @narendramodi begin their meeting and talks. pic.twitter.com/jjkcaz1aXo
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2016
Delegation level talks between India and Vietnam. pic.twitter.com/2rijzXqjlh
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2016
Vietnam holds a special place in our hearts: PM @narendramodi pic.twitter.com/xU8IlnKnRH
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2016
Fruitful discussions with the Prime Minister of Vietnam. pic.twitter.com/MRcqim9JEE
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2016
India and Vietnam: an enduring friendship. pic.twitter.com/6kslvdR1K9
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2016
A comprehensive strategic partnership. pic.twitter.com/16vnU2bgGb
— PMO India (@PMOIndia) September 3, 2016