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वियतनाम के प्रधानमंत्री महामहिम न्युन तंग ज़ुंग के साथ संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ


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Your Excellency, प्रधान मंत्री न्युन तंग ज़ुंग, मीडिया के सदस्यों,

भारत में प्रधान मंत्री न्युन तंग ज़ुंग का स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। भारत की यह उनकी तीसरी यात्रा है। यह हमारे दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों के प्रति उनके विश्वास और रुचि का प्रमाण है।

नई सरकार बनने के बाद हमने शीघ्रता से एशिया पैसिफिक क्षेत्र में अपनी engagements को बढ़ाया है, क्योंकि यह क्षेत्र भारत के भविष्य के लिए अति महत्वपूर्ण है।

और यह कोई आश्चर्य नहीं कि इन प्रयासों में वियतनाम को एक प्रमुख दर्जा दिया गया है। जैसा आप जानते हैं, हमारे राष्ट्रपति जी ने सितंबर में वियतनाम की अत्यंत सफल State Visit की; हमारी विदेश मंत्री भी अगस्त में वियतनाम गईं थीं।

भारत और वियतनाम के बीच प्राचीन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। और प्रधान मंत्री न्युन तंग ज़ुंग द्वारा दिल्ली आने से पहले बोध गया की यात्रा करना इस बात का प्रमाण है। हम दोनों ही विकासशील देश हैं जिन्होंने हमेशा एक दूसरे का समर्थन किया है और हर कठिन मोड़ पर एक दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। वियतनाम के लोगों ने जिस साहस, दृढ़ संकल्प और धैर्य से अपने देश की चुनौतियों का सामना किया है, उसका सम्मान हम करते हैं।

आज, दोनों देश की समृद्धि को बढ़ाने और हमारे पास-पडोस में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए हमारी साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। Maritime security में हमारे समान हित हैं। हम दोनों यह विश्वास करते हैं कि सामुद्रिक व्यापार और परिवहन में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए और हर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के आधार पर सुलझाना चाहिए।

आज की वार्ता के दौरान, हमारे क्षेत्र की स्थिति, और हमारे रिश्तों को कैसे प्रगाढ़ बनाया जाए, इन सबके संबंध में प्रधान मंत्री न्युन तंग ज़ुंग और मेरे विचारों में बहुत समानता थी।

रक्षा क्षेत्र में वियतनाम के साथ सहयोग हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वियतनाम की सेना और सुरक्षा बलों को आधुनिक बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। इसके अंतर्गत हमारे चल रहे ट्रेनिंग प्रोग्राम, संयुक्त अभ्यास और defence equipment में सहयोग का विस्तार होगा। हम जल्द ही 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की Line of Credit को operationalise करेंगे जिससे वियतनाम भारत से नए naval vessels प्राप्त करेगा। Counter-terrorism सहित सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए हमने सहमति जताई है।

हम अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने सहयोग को बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं। इसमें space applications तथा वियतनाम की satellites को भारत द्वारा लांच करना शामिल है। हम सिविल परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण कार्यों में इस्तेमाल पर सहयोग के लिए भी सहमत हैं।

हमारे आर्थिक संबंध, जो कि इस समय काफी सीमित हैं, को और मज़बूत करने की आवश्यकता पर हमने जोर दिया है। यह हमारी strategic partnership का एक अहम् हिस्सा है। आपसी व्यापार और वियतनाम में energy, infrastructure, textiles, chemicals, machinery, agro-processing और information technology जैसे क्षेत्रों में भारत की भागीदारी को बढ़ाने के लिए हमने बातचीत की है। वियतनाम द्वारा अपनी industry और economic linkages को diversify करने के प्रयासों के समर्थन में हमने नई lines of credit पर विचार विमर्श करने की पेशकश की है।

वियतनाम द्वारा भारतीय कंपनियों को infrastructure projects व Bank of India को लाइसेंस देने के निर्णयों, और Jet Airways तथा Vietnam Airlines द्वारा सीधी हवाई सेवाओं की शुरूआत, हमारे आर्थिक संबंधों में आई नई गति का प्रतीक हैं।

मैंने वियतनाम द्वारा तेल और गैस के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए दिखाई गई प्रतिबद्धता और नए exploration blocks के प्रस्ताव के लिए प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया। इस क्षेत्र में और इससे जुड़े उद्योग में हम निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे।

सांस्कृतिक, शैक्षिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क हमारे संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। दोनों देशों के बीच आपसी संपर्क और पर्यटन को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। जैसे आज किए गए समझौते हैं – “मी सों” में प्राचीन “चाम मन्दिरों” का संरक्षण और पुननिर्माण, नालंदा विश्वविद्यालय में वियतनाम की भागीदारी; और Audio Visual क्षेत्र में आपसी सहयोग।

मैंने वियतनाम द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के भारत के प्रस्ताव को Co-Sponsor करने के लिए, प्रधान मंत्री ज़ुंग को धन्यवाद दिया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी हेतु वियतनाम ने जो निरंतर समर्थन किया है, उसके लिए मैंने प्रधान मंत्री ज़ुंग को धन्यवाद दिया है। क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए, आगामी East Asia Summit और India-ASEAN Summit सहित अन्य क्षेत्रीय मंचों में हम निरंतर मिलकर कार्य करते रहेंगे।

मुझे विश्वास है कि 2015 में जब वियतनाम भारत के लिए ASEAN में Coordinator का दायित्व संभालेगा तब भारत और ASEAN के संबंध और गहरे हो जाएंगे।

मुझे यह कहते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि प्रधान मंत्री न्युन तंग ज़ुंग की स्टेट विज़िट और विगत माह में हमारे राष्ट्रपति के दौरे से न केवल हमारी पारंपरिक मित्रता मजबूत हुई है, बल्कि हमारी Strategic Partnership को भी एक नई ऊर्जा और गति मिली है।

धन्यवाद – कैम अर्न।