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विकासशील भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री का संबोधन

विकासशील भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री का संबोधन


इस कार्यक्रम में जुड़े अलग-अलग राज्यों के माननीय राज्यपाल श्री, सभी मुख्‍यमंत्री गण, केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्रीगण, सांसद और विधायकगण, और गांव-गांव से जुड़े हुए सभी मेरे प्‍यारे भाइयो-बहनों, माताओं, मेरे किसान भाई-बहनों, और सबसे ज्‍यादा मेरे नौजवान साथियो, 

आज देश के गांव-गांव में, मैं देख रहा हूं कि गांव-गांव से इतनी बड़ी संख्या में लाखों देशवासी, और मेरे लिए तो पूरा हिन्‍दुस्‍तान मेरा परिवार है, तो आप सब मेरे परिवारजन हैं। आप सब मेरे परिवारजनों के दर्शन करने का मुझे अवसर मिला है। दूर से सही, लेकिन आपके दर्शन से मुझे शक्ति मिलती है। आपने समय निकाला, आप आए। मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं।

आज विकसित भारत संकल्प यात्रा के 15 दिन पूरे हो रहे हैं। शुरू की तैयारी में शायद कैसे करना है, क्‍या करना है, उसमें कुछ उलझनें रहीं लेकिन पिछले दो-तीन दिन से जो खबरें मेरे पास आ रही हैं और मैं स्‍क्रीन पर देख रहा हूं, हजारों लोग एक-एक करके यात्रा के साथ जुड़ते हुए दिखते हैं। यानी इन 15 दिनों में ही, लोग यात्रा में चल रहे विकास रथ को और जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया, मुझे कई लोगों ने कहा कि अब तो लोगों ने इसका नाम ही बदल दिया है। सरकार ने जब निकाला तब तो यह कहा था कि विकास रथ है; लेकिन अब लोग कहने लगे हैं रथ-वथ नहीं है ये तो मोदी की गारंटी वाली गाड़ी है। मुझे बहुत अच्‍छा लगा यह सुन करके, आपका इतना भरोसा है, आपने इसको मोदी की गारंटी वाली गाड़ी बना दिया है। तो मैं भी आपको कहता हूं जिसको आपने मोदी की गारंटी वाली गाड़ी कहा है वो काम मोदी हमेशा पूरा करके रहता है।

और थोड़ी देर पहले मुझे कई लाभार्थियों से बातचीत करने का मौका मिला। मैं खुश था कि मेरे देश की माताएं-बहनें, नौजवान कि‍तने उत्‍साह और उमंग से भरे हुए हैं, कितना आत्‍मविश्‍वास से भरे हुए हैं, कितना संकल्‍प है उनके अंदर। और अब तक 12 हजार से ज्यादा पंचायतों तक ये मोदी की गारंटी वाली गाड़ी पहुंची चुकी है। करीब-करीब 30 लाख लोग उसका फायदा उठा चुके हैं, उसके साथ जुड़े हैं, बातचीत की है, सवाल पूछे हैं, अपने नाम लिखवाए हैं, जिन चीजों की उनको जरूरत है उसका फॉर्म भर दिया है। और सबसे बड़ी बात कि माताएं-बहनें बड़ी संख्या में मोदी की गारंटी वाली गाड़ी तक पहुंच रही हैं। और जैसा अभी बलबीर जी बता रहे थे कुछ जगह पर खेती का काम चल रहा है। उसके बावजूद भी खेत से छोड़-छोड़ करके लोग हर कार्यक्रम में जुड़ना, ये अपने-आप में विकास के प्रति लोगों का कितना विश्‍वास है, विकास का महात्‍मय क्‍या है, ये आज देश का गांव-गांव का व्‍यक्ति समझने लगा है।

और हर जगह विकसित भारत संकल्प यात्रा में शामिल होने के लिए, शामिल तो होते नहीं, उसका स्‍वागत करते हैं, शानदार तैयारियां करते हैं, गांव-गांव सूचनाएं देते हैं, और लोग उमड़ रहे हैं। देशवासी इसे एक जनांदोलन का रूप देकर इस पूरे अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। जिस तरह से लोग विकसित भारत रथों का स्वागत कर रहे हैं, जिस तरह से रथ के साथ चल रहे हैं। जो हमारे सरकार के काम करने वाले मेरे कर्मयोगी साथी हैं, कर्मचारी भाई-बहन हैं, उनका भी भगवान की तरह लोग स्‍वागत कर रहे हैं। जिस तरह युवा और समाज के हर वर्ग के लोग विकसित भारत यात्रा से जुड़ रहे हैं, जहां-जहां के वीडियो मैंने देखे हैं, वो इतने प्रभावित करने वाले हैं, इतने प्रेरित करने वाले हैं। और मैं देख रहा हूं सब लोग अपने गांव की कहानी सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। और मैं चाहूंगा कि नमो एप पर आप जरूर अपलोड करिए क्‍योंकि मैं नमो एप पर ये सारी गतिविधि को daily देखता हूं। जब भी यात्रा में होता हूं तो लगातार उसको देखता रहता हूं किस गांव में, किस राज्‍य में, कहां-कैसा हुआ, कैसे कर रहे हैं और युवा तो विकसित भारत के एक प्रकार से एंबेसेडर बन चुके हैं। उनका जबरदस्त उत्साह है।

युवा लगातार, इस पर वीडियो अपलोड कर रहे हैं, अपने काम का प्रसार कर रहे हैं। और मैंने तो देखा कुछ गांवों ने ये मोदी की गारंटी वाली गाड़ी आने वाली थी तो दो-दिन तक गांव में सफाई का बड़ा अभियान चलाया। क्‍यों, कि ये तो भई गारंटी वाली मोदी की गाड़ी आ रही है। ये जो उत्‍साह, ये जो commitment है, ये बहुत बड़ी प्रेरणा है।

और मैने देखा गाजे-बाजे बजाने वाले, वेषभूषा नई पहनने वाले, ये भी घर में जैसे दिवाली है गांव में, इसी रूप में लोग काम कर रहे हैं। आज जो कोई भी विकसित भारत संकल्प यात्रा को देख रहा है, वो कह रहा है, कि अब भारत रुकने वाला नहीं है, अब भारत चल पड़ा है। अब लक्ष्‍य को पार करके ही आगे बढ़ने वाला है। भारत ना अब रुकने वाला है और ना ही भारत कभी थकने वाला है। अब तो विकसित भारत बनाना 140 करोड़ देशवासियों ने ठान लिया है। और जब देशवासियों ने संकल्‍प कर लिया है तो फिर ये देश विकसित होकर रहने ही वाला है। मैंने अभी देखा देशवासियों ने दिवाली के समय वोकल फॉर लोकल; स्थानीय चीजें खरीदने का अभियान चलाया। लाखों करोड़ रुपये की खरीदारी हुई देखिए। कितना बड़ा काम हुआ है।

मेरे परिवारजनों,

देश के कोने-कोने में विकसित भारत संकल्प यात्रा को लेकर इतना उत्साह अनायास नहीं है। इसका कारण है कि पिछले दस साल उन्‍होंने मोदी को देखा है, मोदी के काम को देखा है, और इसका कारण भारत सरकार पर अपार विश्‍वास है। भारत सरकार के प्रयासों पर विश्‍वास है। देश के लोगों ने वो दौर भी देखा है जब पहले की सरकारें खुद को जनता का माई-बाप समझती थीं। और इस वजह से आज़ादी के अनेक दशकों बाद तक, देश की बहुत बड़ी आबादी, मूल सुविधाओं से वंचित रही। जब तक कोई बिचौलिया नहीं मिलता है दफ्तर तक नहीं पहुंच पाते, जब तक बिचौलिए जी की जेब नहीं भरते तब तक एक कागज भी नहीं मिलता है। ना घर मिले, ना शौचालय मिले, ना बिजली का कनेक्शन मिले, ना गैस का कनेक्शन मिले, ना बीमा उतरे, ना पेंशन मिले, ना बैंक का खाता खुले, ये हाल था देश का। आज आपको जान करके पीड़ा होगी, भारत की आधे से अधिक आबादी, सरकारों से निराश हो चुकी थी, बैंक में खाता तक नहीं खुलता था। उसकी तो उम्‍मीदें ही खत्‍म्‍ हो गई थीं। जो लोग हिम्मत जुटाकर, कुछ सिफारिश लगाकर स्थानीय सरकारी कार्यालयों तक पहुंच जाते थे, और थोड़ी-बहुत आरती-प्रसाद भी कर लेते थे, तब जा करके वो रिश्‍वत देने के बाद कुछ काम उनका हो पाता था। उन्हें छोटी-छोटी चीजों के लिए बड़ी रिश्वत देनी होती थी।

और सरकारें भी हर काम में अपनी राजनीति देखती थीं। चुनाव नजर आता था, वोट बैंक नजर आता था। और वोट बैंक के ही खेल खेलते थे। गांव में जाएंगे तो उस गांव में जाएंगे जहां से वोट मिलने वाले हैं। किसी मोहल्‍ले में जाएंगे तो उसी मोहल्‍ले में जाएंगे जो मोहल्‍ला वोट देता है, दूसरे मोहल्ले को छोड़ देंगे। ये ऐसा भेदभाव, ऐसा अन्‍याय, ये जैसे स्‍वभाव बन गया था। जिस क्षेत्र में उनको वोट मिलते दिखते थे, उन्हीं पर थोड़ा बहुत ध्यान दिया जाता था। और इसलिए देशवासियों को ऐसी माई-बाप सरकारों की घोषणाओं पर भरोसा कम ही होता था।

निराशा की इस स्थिति को हमारी सरकार ने बदला है। आज देश में जो सरकार है, वो जनता को जनार्दन मानने वाली, ईश्‍वर का रूप मानने वाली सरकार है, और हम सत्ता भाव से नहीं, सेवा भावना से काम करने वाले हैं लोग। और आज भी आपके साथ इसी सेवा भाव से गांव-गांव जाने की मैंने ठान ली है। आज देश कुशासन की पहले वाली पराकाष्ठा को भी पीछे छोड़कर सुशासन, और सुशासन का मतलब है शत-प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए, सैचुरेशन होना चाहिए। कोई भी पीछे छूटना नहीं चाहिए, जो भी हकदार है उसको मिलना चाहिए।  

सरकार नागरिक की ज़रूरतों की पहचान करे और उन्हें उसका हक दे। और यही तो स्वाभाविक न्याय है, और सच्‍चा सामाजिक न्याय भी यही है। हमारी सरकार की इसी अप्रोच की वजह से करोड़ों देशवासियों में जो पहले उपेक्षा की भावना भरी पड़ी थी, अपने आप को neglected मानते थे, कौन पूछेगा, कौन सुनेगा, कौन मिलेगा, ऐसी जो मानसिकता थी, वो भावना समाप्त हुई है। इतना ही नहीं, अब उसको लगता है इस देश पर मेरा भी हक है, मैं भी इसके लिए हकदार हूं। और मेरे हक का कुछ छिनना नहीं चाहिए, मेरे हक का रुकना नहीं चाहिए, मेरे हक का मिलना चाहिए और वो जहां है वहां से आगे बढ़ना चाहता है। अभी जैसे में पूर्णा से बात कर रहा था, वो कहता था मैं अपने बेटे को इंजीनियर बनाना चाहता हूं। ये जो आकांक्षा है ना, वही मेरे देश को विकसित बनाने वाली है। लेकिन आकांक्षा तब सफल होती है जब दस साल में सफलता की बातें सुनते हैं।

और ये जो मोदी की गारंटी वाली गाड़ी आपके यहां आई है ना, वो आपको वो ही बताती है कि देखो यहां तक हम किए हैं। इतना बड़ा देश है, अभी तो दो-चार लोग गांव में रह गए होंगे। और मोदी ढूंढने आया है कि कौन रह गया है। ताकि आने वाले पांच साल में वो भी काम पूरा कर दूं। इसलिए आज देश में कहीं भी जाने पर एक बात जरूर सुनाई देती है और मैं मानता हूं कि देशवासियों के दिल की आवाज है, वो दिल से कह रहे हैं, अनुभव के आधार पर कह रहे हैं कि जहां पर  दूसरों से उम्मीद खत्म हो जाती है, वहीं से मोदी की गारंटी शुरू हो जाती है! और इसलिए ही मोदी की गारंटी वाली गाड़ी की भी धूम मची हुई है।

साथियों,

विकसित भारत का संकल्प सिर्फ मोदी का, या सिर्फ किसी सरकार का नहीं है। ये सबका साथ लेकर, सबके सपनों को साकार करने का संकल्प है। ये आपके संकल्‍प भी पूरे करना चाहता है। ये आपकी इच्‍छाएं पूरी हों, ऐसा वातावरण बनाना चाहता है। विकसित भारत संकल्प यात्रा, उन लोगों तक सरकार की योजनाएं और सुविधाएं लेकर जा रही है, जो अब तक इनसे बेचारे छूटे हुए हैं, उनको जानकारियां भी नहीं है। जानकारी है तो कैसे पाना है उनको रास्‍ता मालूम नहीं है। आज जगह-जगह से नमो ऐप पर जो तस्वीरें लोग भेज रहे हैं, मैं उन्हें भी देखता हूं। कहीं ड्रोन का डेमोस्ट्रेशन हो रहा है, कहीं हेल्थ चेक अप हो रहे हैं। आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल अनीमिया की जांच हो रही है। जिन-जिन पंचायतों में यात्रा पहुंची है, उन्‍होंने तो दिवाली मनाई है। और उनमें से अनेक ऐसी पंचायतें हैं जहां सैचुरेशन आ चुका है, कोई भेदभाव नहीं, सबको मिला है। जहां जो लाभार्थी छूटे हुए हैं, वहां उन्हें भी अभी जानकारी दी जा रही है और बाद में योजना का लाभ भी मिलेगा।

उज्जवला और आयुष्मान कार्ड जैसी अनेक योजनाओं से तो उन्हें तत्काल जोड़ा जा रहा है। जैसे पहले चरण में 40 हजार से ज्यादा बहनों-बेटियों को उज्जवला का गैस कनेक्शन दे दिया गया है। यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में My Bharat Volunteers भी रजिस्टर हो रहे हैं। आपको मालूम है हमने कुछ दिन पहले एक देश्‍व्‍यापी नौज्‍वानों का एक संगठन खड़ा किया है, सरकार की तरफ से शुरू किया है। उसका नाम है MY Bharat मेरा आग्रह है की हर पंचायत में ज्यादा से ज्यादा नौज्‍वान ये MY Bharat अभियान से जरुर जुड़ें। उसमें अपनी जानकारियां दें और बीच-बीच में मैं आपसे बात करता रहूंगा। और आपकी शक्ति विकसित भारत बनाने की शक्ति बन जाए, हम मिल करके काम करेंगे।

मेरे परिवारजनों,

15 नवंबर को जब ये यात्रा शुरु हुई थी, और आपको याद होगा भगवान बिरसा मुंडा की जन्‍म–जयन्‍ती पर शुरू हुआ था। जनजातीय गौरव दिवस था उस दिन और मैंने झारखंड के दूर-सुदूर जंगलों में छोटी सी जगह से इस काम का आरंभ किया था, वरना मैं यहां बड़े भवन में या विज्ञान मंडपम में यशोभूमि में बड़े ठाट बाट से कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया। चुनाव का मैदान छोड़ करके मैं खूंटी गया, झारखंड गया, आदिवासियों के बीच गया, और इस काम को आगे बढ़ाया।

और जिस दिन यात्रा शुरू हुई थी, तब मैंने एक और बात कही थी। मैंने कहा था कि विकसित भारत का संकल्प 4 अमृत स्तंभों पर मजबूती के साथ टिका है। ये अमृत स्तंभ कौन से हैं इसी पर हमें ध्‍यान केंद्रित करना है। ये एक अमृत स्तंभ है – हमारी नारी शक्ति, दूसरा अमृत स्‍तंभ है हमारी युवा शक्ति, तीसरा अमृत स्‍तंभ है हमारे किसान भाई-बहन, चौथी अमृत शक्ति है हमारे गरीब परिवार। मेरे लिए देश की सबसे बड़ी चार जातियां हैं। मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- गरीब। मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- युवा। मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- महिलाएं, मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- किसान। इन चार जातियों का उत्थान ही भारत को विकसित बनाएगा। और अगर चार का हो जाएगा ना, इसका मतलब सबका हो जाएगा।

इस देश का कोई भी गरीब, चाहे वो जन्म से कुछ भी हो, मुझे उसका जीवन स्तर सुधारना है, उसे गरीबी से बाहर निकालना है। इस देश का कोई भी युवा, चाहे उसकी जाति कुछ भी हो, मुझे उसके लिए रोजगार के, स्वरोजगार के नए अवसर देने हैं। इस देश की कोई भी महिला, चाहे उसकी जाति कुछ भी हो, मुझे उसे सशक्त करना है, उसके जीवन से मुश्किलें कम करनी हैं। उसके सपने जो दबे बड़े हैं ना, उन सपनों को पंख देने हैं, संकल्‍प से भरना है और सिद्धि तक उसके साथ रह करके मैं उसके सपने पूरे करना चाहता हूं। इस देश का कोई भी किसान, चाहे उसकी जाति कुछ भी हो, मुझे उसकी आय बढ़ानी है, मुझे उसका सामर्थ्य बढ़ाना है। मुझे उसकी खेती को आधुनिक बनाना है। मुझे उसकी खेती में जो चीजें उत्‍पादित होती हैं उसकी मूल्‍यवृद्धि करनी है। गरीब हो, युवा हो, महिलाएं हो  और किसान, ये चार जातियों को मैं जब तक मुश्किलों से उबार लेता नहीं हूं, मैं चैन से बैठने वाला नहीं हूं। बस आप मुझे आशीर्वाद दीजिए ताकि मैं उतनी शक्ति से  काम करूं, इन चारों जातियों को सारी समस्‍याओं से मुक्‍त कर दूं। और ये चारों जाति जब सशक्‍त होंगी तो स्‍वाभाविक रूप से तो देश की हर जाति सशक्त होगी। जब ये सशक्त होंगे, तो पूरा देश सशक्त होगा।

साथियों,

इसी सोच पर चलते हुए आज विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान यानी जब ये मोदी की गारंटी वाली गाड़ी आई है तब, दो बड़े कार्यक्रम देश ने किए हैं। एक कार्य नारीशक्ति और टेक्नॉलॉजी से खेती-किसानी को आधुनिक बनाना, वैज्ञानिक बनाना, उसे सशक्त करने का काम है, और दूसरा इस देश के हर नागरिक का चाहे वो गरीब हो, चाहे निम्‍न मध्‍यम वर्ग का हो, चाहे मध्‍यम वर्ग का हो, चाहे अमीर हो। हर गरीब को दवाएं सस्‍ती से सस्‍ती मिलें, उसको बीमारी में जिंदगी गुजारनी न पड़े, ये बहुत बड़ा सेवा का काम, पुण्‍य का काम उससे भी जुड़ा हुआ अभियान है।

मैंने लाल किले से देश की ग्रामीण बहनों को ड्रोन दीदी बनाने की घोषणा की थी। और मैंने देखा कि इतने कम समय में ये हमारी बहनों ने, गांव की बहनों ने 10वीं कक्षा पास है कोई 11वीं कक्षा पास है, कोई 12वीं कक्षा पास है, और हजारों बहनों ने ड्रोन चलाना सीख लिया। खेती में कैसे इसका उपयोग करना, दवाइयां कैसे छिड़कना, फर्टिलाइजर कैसे छिड़कना, सीख लिया। तो ये जो ड्रोन दीदी हैं ना, वो नमन करने का मन करे, इतना जल्‍दी वो सीख रही हैं। और मेरे लिए तो ये ड्रोन दीदी को नमन का कार्यक्रम है और इसलिए मैा तो इस कार्यक्रम का नाम देता हूं नमो ड्रोन दीदी, नमो ड्रोन दीदी। ये हमारी नमो ड्रोन दीदी जो है ये आज लॉन्‍च हो रही है। ताकि हर गांव ड्रोन दीदी को नमस्‍ते करता रहे, हर गांव ड्रोन दीदी को नमन करता रहे ऐसा वातावरण मुझे बनाना है। इसलिए योजना का नाम भी मुझे कुछ लोगों ने मुझे सुझाया है- नमो ड्रोन दीदी। अगर गांव जैसे कहेगा नमो ड्रोन दीदी तब तो हमारी हर दीदी का मान-सम्‍मान बढ़ जाएगा।

आने वाले समय में 15 हज़ार स्व-सहायता समूहों को ये नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा, वहां ड्रोन दिया जाएगा, और गांव में वो हमारी दीदी सबके प्रणाम का नमन की अधिकारी बन जाएगी और नमो ड्रोन दीदी हमारा आगे बढ़ेगा।    हमारी बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जाएगी। सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के माध्यम से बहनों को आत्मनिर्भर बनाने का जो अभियान चल रहा है, वो भी ड्रोन योजना से सशक्त होगा। इससे बहनों-बेटियों को कमाई का अतिरिक्त साधन मिलेगा। और मेरा जो सपना है ना, दो करोड़ दीदी को मुझे लखपति बनाना है। गांव में रहने वाली, women self group में काम करने वाली दो करोड़ दीदी को लखपति बनाना है। देखिए, मोदी छोटा सोचता ही नहीं है और जो सोचता है उसको पूरा करने के लिए संकल्‍प लेकर निकल पड़ता है। और मुझे पक्का विश्वास है इससे देश के किसानों को बहुत कम कीमत में ड्रोन जैसी आधुनिक टेक्नॉलॉजी मिल पाएगी। इससे उनके स्‍वास्‍थ्‍य को भी लाभ होने वाला है, इससे समय भी बचेगा, दवा और खाद की भी बचत होगी, जो wastage जाता है वो नहीं जाएगा।

साथियों,

आज देश के 10 हज़ारवें जन औषधि केंद्र का भी उद्घाटन किया गया है, और मेरे लिए खुशी है कि बाबा की भूमि से मुझे 10 हज़ारवें केंद्र के लोगों से बात करने का मौका मिला। अब आज से ये काम आगे बढ़ने वाला है। देशभर में फैले ये जनऔषधि केंद्र, आज गरीब हो या मिडिल क्लास, हर किसी को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के बहुत बड़े सेंटर बन चुके हैं। औऱ देशवासी तो स्नेह से इन्हें, मैंने देखा है गांव वालों को ये नाम-वाम कोई याद नहीं रहता। दुकान वालों को कहते हैं भई ये तो मोदी की दवाई की दुकान है। मोदी की दवाई की दुकान पर जाएंगे। भले ही आपको जो मर्जी नाम दीजिए, लेकिन मेरी इच्‍छा यही है कि आपके पैसे बचने चाहिए यानी आपका बीमारी से भी बचना है और जेब में पैसा भी बचना है, दोनों काम मुझे करने हैं। आपको बीमारी से बचाना और आपकी जेब से पैसे बचना, इसका मतलब है मोदी की दवाई की दुकान।

इन जनऔषधि केंद्रों पर, लगभग 2000 किस्म की दवाएं 80 से 90 परसेंट तक डिस्काउंट पर उपलब्ध हैं। अब बताइए, एक रुपये की चीज 10, 15, 20 पैसे में मिल जाए तो कितना फायदा होगा। और जो पैसे बचेगा ना तो आपके बच्‍चों के काम आएंगे। 15 अगस्त को ही मैंने देशभर में जन औषधि केंद्र, जिसको लोग मोदी की दवाई दुकान कहते हैं वो 25 हजार खोलने का तय किया है। 25 हजार तक पहुंचाना है इसको। अब इस दिशा में औऱ तेजी से काम शुरू हुआ है। इन दोनों योजनाओं के लिए मैं पूरे देश को, विशेष रूप से मेरी माताओं-बहनों को, किसानों को, परिवारों को, सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मुझे आपको ये जानकारी देते हुए भी खुशी है कि गरीब कल्याण अन्न योजना, आप जानते हैं कोविड में शुरू की थी, और गरीबों को उनकी थाली, उनका चूल्‍हा, उसकी चिन्‍ता, गरीब के घर का चूल्‍हा बुझना नहीं चाहिए, गरीब का बच्‍चा भूखा सोना नहीं चाहिए। इतनी बड़ी कोविड की महामारी आई थी, हमने सेवा का काम शुरू किया। और उसके कारण मैंने देखा है परिवारों के काफी पैसे बच रहे हैं। अच्‍छे काम में खर्च हो रहे हैं। ये देखते हुए कल ही हमारी कैबिनेट ने निर्णय कर लिया है कि अब ये तो जो मुफ्त राशन देने वाली योजना है, उसको 5 साल के लिए आगे बढ़ाया जाएगा। ताकि आने वाले 5 सालों तक आपको भोजन की  थाली के लिए खर्च न करना पड़े और आपका जो पैसा बचेगा ना वो जनधन एकाउंट में जमा कीजिए। और उससे भी बच्‍चों के भविष्‍य के लिए उसका उपयोग कीजिए। प्‍लानिंग कीजिए, पैसे बर्बाद नहीं होने चाहिए। मोदी मुफ्त में भेजता है लेकिन इसलिए भेजता है ताकि आपकी ताकत बढ़े। 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को अब 5 साल तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा। इससे गरीबों की जो बचत होगी, उस पैसे को वे अपने बच्चों की बेहतर देखभाल में लगा पाएंगे। और ये भी मोदी की गारंटी है, जिसे हमने पूरा किया है। इसीलिए मैं कहता हूं, मोदी की गारटी यानि गारंटी पूरा होने की गारंटी।

साथियों,

इस पूरे अभियान में पूरी सरकारी मशीनरी, सरकार के कर्मचारियों की बड़ी भूमिका है। मुझे याद है, कुछ वर्ष पहले ग्राम स्वराज अभियान के तौर पर इस तरह की बहुत सफल कोशिश हुई थी। वो अभियान दो चरणों में देश के लगभग 60 हज़ार गांवों तक हमने चलाया था। सरकार, अपनी सात योजनाएं लेकर गांव-गांव गई थी, लाभार्थियों तक पहुंची थी। इसमें आकांक्षी जिलों के भी हज़ारों गांव शामिल थे। अब उस सफलता को सरकार ने, विकसित भारत संकल्प यात्रा का आधार बनाया है। इस अभियान से जुड़े सरकार के सभी प्रतिनिधि देश सेवा का, समाज सेवा का बहुत बड़ा कार्य कर रहे हैं। पूरी ईमानदारी से डटे हुए हैं, गांव-गांव तक पहुंचते रहिए। सबके प्रयास से विकसित भारत संकल्प यात्रा पूरी होगी। और मुझे विश्‍वास है कि जब विकसित भारत की बात करते हैं तो मेरा गांव आने वाले वर्षों में कितना बदलेगा, ये भी आपको तय करना है। हमारे गांव में भी इतनी प्रगति होनी चाहिए, तय करना है। हम सब मिल करके करेंगे ना, हिन्‍दुस्‍तान विकसित होकर रहेगा, दुनिया में हमारा देश काफी ऊंचा होगा। फिर एक बार मुझे आप सबसे मिलने का अवसर मिला, बीच में कभी मौका मिला तो मैं फिर से आपसे जुड़ने का प्रयास करूंगा।

आप सबको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। बहुत –बहुत धन्यवाद !

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DS/VJ/NS