वाल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विचार लेख का मूल पाठ इस प्रकार है:-
भारत में बदलाव की आशाओं की लहर चल रही है। विशाल और विविधताओं के देश भारत में मई में सवा अरब भारतीयों ने स्पष्ट रूप से राजनैतिक स्थायित्व, सुशासन और तीव्र विकास के लिए अपना वोट दिया। पिछले 30 वर्षों में पहली बार देश के निचले सदन लोकसभा में किसी सरकार को बहुमत मिला और बहुमत की सरकार का गठन हुआ। भारत आशावाद तथा आत्मविश्वास से भरा हुआ युवा राष्ट्र है जिसमें 80 करोड़ लोगों की आयु 35 साल से कम है। इन युवा लोगों की ऊर्जा, उत्साह और उद्यमिता देश की सबसे बड़ी शक्ति है। मेरी सरकार का सबसे बड़ा मिशन इन्हीं गुणों का विकास करना है।
इस मिशन को पूरा करने के लिए हम गैर-जरूरी कानूनों और नियमों को समाप्त करेंगे तथा नौकरशाही की प्रक्रियाओं को आसान और छोटा बनाएंगे। हम यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करेंगे कि हमारी सरकार पारदर्शी, प्रभावी और जिम्मेदार बने। किसी विद्वान ने कहा है कि सही विचार उतना ही महत्वपूर्ण है जितना सही कार्य।
हम भारत में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचागत संरचना तैयार करेंगे। देश में तेज विकास और लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस संरचना की बेहद जरूरत है। हम देश के शहरों और गांवों को रहने लायक, टिकाऊ और स्मार्ट बनाएंगे। हम देश के गांवों को आर्थिक बदलाव को प्रोत्साहित करने का मुख्य केन्द्र बनाएंगे। भारत को वैश्विक विनिर्माण का नया प्रमुख केन्द्र बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ हमारी प्रतिबद्धता और सभी को हमारा निमंत्रण है। हम इस विचार को वास्तविक बनाने के यथासंभव प्रयास करेंगे।
हमने अपने चुनाव अभियान का केन्द्र समावेशी विकास को बनाया था। मेरे लिए इसके कई अर्थ हैं – कौशल शिक्षा, अवसर, सुरक्षा, आत्मसम्मान और समाज के प्रत्येक वर्ग खासकर महिलाओं के लिए अधिकार, प्रत्येक भारतीय के लिए बैंक खाता, सभी के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवाएं, वर्ष 2019 तक सभी के लिए स्वच्छता, 2022 तक सभी के लिए मकान, हर घर के लिए बिजली और हर गांव से संपर्क। इन चुनौतियों को पूरा करने के लिए, मुझे आम भारतीय नागरिकों की अनगिनत आसाधारण कहानियों से विश्वास प्राप्त हुआ। यह कहानियां दशकों की भारत-यात्रा के दौरान मैंने देखी और सुनी।
मेरा विश्वास है कि प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष की संभावना से, लोगों की पहुंच सुशासन, सशक्तिकरण, सामाजिक चुनौतियों के समाधान से लंबे समय तक दूर नहीं बना रह सकती। पिछले एक दशक में देश में मोबाइल फोन की संख्या 4 करोड़ से बढ़कर 90 करोड़ हो गई, हमारा देश स्मार्ट फोन का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और यह बाजार तेजी से बढ़ रहा है। मैं जब पिछले दो दशकों में दुनिया में हुए कंप्यूटर विकास और स्टोरेज क्षमता के बारे में सोचता हूं तो इस आत्मविश्वास से भर जाता हूं कि यह विकास नवीकरणीय ऊर्जा में भी संभव है। सौर और पवन के पारंपरिक संयंत्रों के निर्माण से भारत के हजारों गांवों को बिना लंबे समय तक इंतजार किए भरोसेमंद, किफायती और स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त हो सकती है।
इसकी वजह से भारत की समृद्धि अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बन सकती है। प्रकृति की उदारता की पूजा करते हुए समृद्ध बनने का यह मार्ग हमारी परंपरा से हमें प्राप्त हुआ है और यही मार्ग हमने चुना है।
भारत अंतर्राष्ट्रीय मित्रों के सहयोग से अपने स्वप्नों को प्राप्त करेगा। इतिहास बताता है कि हम हमेशा से विश्व के साथ जुड़कर रहे हैं। भारत व्यापार, विचार, अनुसंधान, नवाचार और पर्यटन के लिए विश्व से जुड़ने को तैयार है। आगामी महीनों में आप इस बदलाव को महसूस करेंगे कि अमरीका हमारा प्राकृतिक वैश्विक सहयोगी है। भारत और अमरीका अपने साझा मूल्यों की सार्वभौमिक प्रासंगिकता और स्थायी संसाधनों को मिलकर साकार रूप देते हैं। अमरीका में संपन्न भारतीय-अमरीकी समुदाय हमारी भागीदारी के लिए काफी महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ मेहनत का सम्मान और प्राकृतिक उद्योंगों के अनुकूल माहौल बनाने की संभावनाएं पैदा करता है। सूचना प्रौद्योगिकी में हमारी मजबूती डिजिटल युग में नेतृत्व के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमारे व्यवसायों के बीच सहभागिता हमारी समान राजनीतिक व्यवस्था और कानून-व्यवस्था के प्रति साझी वचनबद्धता की निश्चिता का स्थान लेती है। शिक्षा, नव प्रवर्तन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अमरीका लगातार भारत को प्रेरित कर रहा है।
भारत और अमरीका दोनों देशों की एक-दूसरे की सफलता, जैसे कि हमारे मूल्यों और कई साझा रुचियों में आधारभूत भागीदारी है। यह हमारी साझेदारी के लिए भी अति आवश्यक है। एशिया और महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता लाने में इसका अहम योगदान होगा। यह क्षेत्र आतंकवाद और उग्रवाद, समुद्रों, साइबर स्पेस और बाह्य स्पेस की सुरक्षा आदि का सामना करना कर रहे हैं, ये वे चीजें हैं, जिनका हमारे रोजाना के जीवन पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है।
भारत-अमरीका की पूरक मजबूती को पूरी दुनिया में लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने और समावेशी एवं वृहद वैश्विक विकास के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि हमारे देशों के मूल्य और रुचियां एक ही पंक्ति में हैं, जबकि परिस्थितियां पूरी तरह से अलग हैं। हम एक तरह की अलग एवं अनोखी स्थिति में हैं, जहां हम अधिक एकीकृत और सहयोगात्मक विश्व के लिए एक सेतू की भूमिका में आ सकते हैं। एक-दूसरे के विचारों की संवेदनशीलता और हमारी दोस्ती के विश्वास के साथ, हम वर्तमान समय की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए अधिक संगठित अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का योगदान दे सकते हैं।
वैश्विक व्यवस्था में यह एक प्रवाह का क्षण है। मैं दोनों राष्ट्रों की किस्मत के प्रति विश्वस्त हूं, क्योंकि सही परिस्थितियों और मानव उत्साह को बढ़ाने के लिए बेहतर अवसर मुहैया कराने के चलते लोकतंत्र नवीनीकरण का सबसे महान स्रोत है।