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वन अर्थ वन हेल्थ – एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023 में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

वन अर्थ वन हेल्थ – एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023 में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ


महामहिम, दुनिया भर के विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्री, पश्चिम एशिया, सार्क, आसियान और अफ्रीकी क्षेत्रों के विशिष्ट प्रतिनिधि, आप लोगों का मैं भारत में गर्मजोशी से स्वागत करता हूं। कैबिनेट के मेरे साथियों और भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग के प्रतिनिधियों को नमस्कार!

मित्रों;

भारतीय धर्मग्रंथ में कहा गया है:

सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥

इसका अर्थ है: सभी सुखी हों, सभी रोगमुक्त हों, सभी के साथ शुभ कार्य हों और किसी को भी दुख न हो। यह एक समावेशी दृष्टि है। हजारों साल पहले भी, जब कोई वैश्विक महामारी नहीं थी, स्वास्थ्य के प्रति भारत की दृष्टि सार्वभौमिक थी। आज जब हम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य की बात करते हैं, तो वही विचार काम करता है। इसके अलावा, हमारी दृष्टि केवल मनुष्यों तक ही सीमित नहीं है। यह हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र तक फैली हुई है। पौधों से लेकर जानवरों तक, मिट्टी से लेकर नदियों तक, जब हमारे आस-पास सब कुछ स्वस्थ होगा, तभी हम स्वस्थ रह सकते हैं।

मित्रों,

यह एक लोकप्रिय धारणा है कि बीमारी न होना ही अच्छे स्वास्थ्य के समान है। हालाँकि, स्वास्थ्य के बारे में भारत का दृष्टिकोण बीमारी न होने पर ही नहीं रुकता है। रोगों से मुक्त होना, कल्याण के मार्ग का, मात्र एक चरण है। हमारा लक्ष्य सभी के लिए आरोग्य और कल्याण है। हमारा लक्ष्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण है।

मित्रों,

भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता की यात्रा की शुरुआत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम के साथ की। हम इस दृष्टि को पूरा करने में सुदृढ़ व सहनीय वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के महत्व को समझते हैं। भारत चिकित्सा से जुड़ी यात्रा और स्वास्थ्य कार्यबल की गतिशीलता को एक स्वस्थ पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण मानता है। वन अर्थ, वन हेल्थ: एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह सभा भारत की जी20 अध्यक्षता की थीम के साथ प्रतिध्वनित होती है। कई देशों के सैकड़ों प्रतिभागी यहां हैं। पेशेवर और अकादमिक क्षेत्रों से लेकर सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के हितधारकों का यहाँ मौजूद होना बहुत अच्छा है। यह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भारतीय दर्शन का प्रतीक है, जिसका अर्थ है कि पूरा विश्व एक परिवार है।

मित्रों,

जब समग्र स्वास्थ्य सेवा की बात आती है, तो भारत के पास कई महत्वपूर्ण शक्तियां हैं। हमारे पास प्रतिभा है। हमारे पास तकनीक है। हमारे पास ट्रैक रिकॉर्ड है। हमारी परंपरा है। मित्रों, जब प्रतिभा की बात आती है, तो पूरी दुनिया ने भारतीय डॉक्टरों का प्रभाव देखा है। भारत और विदेश दोनों जगह, हमारे डॉक्टरों को उनकी क्षमता और प्रतिबद्धता के लिए व्यापक रूप से सम्मान दिया जाता है। इसी तरह, भारत की नर्सें और अन्य देखभाल करने वाले भी प्रसिद्ध हैं। दुनिया भर में कई ऐसी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियाँ हैं, जो भारतीय पेशेवरों की प्रतिभा से लाभान्वित होते हैं। भारत में संस्कृति, जलवायु और सामाजिक गतिशीलता में अत्यधिक विविधता है। भारत में प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को विविध अनुभवों से अवगत कराया जाता है। इससे उन्हें कौशल विकसित करने में मदद मिलती है, जो विभिन्न परिस्थितियों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होते हैं। यही कारण है कि भारतीय स्वास्थ्य देखभाल प्रतिभाओं ने दुनिया का भरोसा जीता है।

मित्रों,

सदी में एक बार आने वाली इस महामारी ने दुनिया को कई सच्चाइयों की याद दिला दी। इसने हमें दिखाया कि आपस में गहरे रूप से जुड़ी दुनिया में, सीमाएँ स्वास्थ्य के लिए खतरों को नहीं रोक सकती हैं। संकट के समय दुनिया ने यह भी देखा कि किस तरह वैश्विक दक्षिण के देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा और यहां तक कि संसाधनों की कमी को भी सहन करना पड़ा। सच्ची प्रगति लोक-केंद्रित होती है। चिकित्सा विज्ञान में चाहे कितनी भी प्रगति क्यों न हो जाए, सुदूर क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह ऐसा समय था, जब कई देशों ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक विश्वसनीय भागीदार के महत्व को महसूस किया। टीकों और दवाओं के माध्यम से जीवन बचाने के महान कार्य में भारत को कई देशों का भागीदार होने पर गर्व है। मेड-इन-इंडिया टीके हमारे जीवंत विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र द्वारा विकसित किए गए थे। देश में दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाया गया। हमने 100 से अधिक देशों को कोविड-19 टीकों की 300 मिलियन खुराकें भी भेजी। यह हमारी क्षमता और प्रतिबद्धता दोनों को दिखाता है। हम प्रत्येक उस देश के भरोसेमंद मित्र बने रहेंगे, जो अपने नागरिकों के लिए अच्छा स्वास्थ्य चाहते हैं।

मित्रों,

हजारों वर्षों से, स्वास्थ्य के प्रति भारत का दृष्टिकोण समग्रता पर आधारित रहा है। हमारे पास निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य की एक महान परंपरा है। योग और ध्यान जैसी प्रणालियां अब वैश्विक अभियान बन गई हैं। वे आधुनिक दुनिया के लिए प्राचीन भारत के उपहार हैं। इसी तरह, हमारी आयुर्वेद प्रणाली तंदुरूस्ती का एक संपूर्ण विषय है। यह स्वास्थ्य के शारीरिक और मानसिक पहलुओं का ख्याल रखता है। दुनिया तनाव और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का समाधान तलाश रही है। भारत की पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के पास बहुत सारे विकल्प हैं। हमारा पारंपरिक आहार, जिसमें मोटे अनाज शामिल है, खाद्य सुरक्षा और पोषण में भी मदद कर सकते हैं।

मित्रों,

प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, ट्रैक रिकॉर्ड और परंपरा के अलावा, भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली किफायती और सुलभ है। इसे हमारे घरेलू प्रयासों में देखा जा सकता है। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्तपोषित स्वास्थ्य बीमा कवरेज योजना मौजूद है। आयुष्मान भारत पहल के तहत 500 मिलियन से अधिक लोगों को मुफ्त चिकित्सा उपचार की सुविधा उपलब्ध है। 40 मिलियन से अधिक लोग पहले ही नकद-रहित और दस्तावेज-रहित तरीके से सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं। इससे हमारे नागरिकों के लिए लगभग 7 बिलियन डॉलर की बचत, पहले ही हो चुकी है।

मित्रों,

स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के प्रति वैश्विक उपायों व प्रयासों को अलग-थलग नहीं रखा जा सकता है। यह एक एकीकृत, समावेशी और संस्थागत प्रयास करने का समय है। हमारी जी20 अध्यक्षता के दौरान यह हमारे फोकस क्षेत्रों में से एक है। हमारा लक्ष्य, न केवल हमारे नागरिकों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और किफायती बनाना है। असमानता को कम करना, भारत की प्राथमिकता है। सेवा से वंचित लोगों की सेवा करना हमारे लिए आस्था का विषय है। मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन इस दिशा में वैश्विक साझेदारी को मजबूत करेगा। हम ‘एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य’ के अपने साझा एजेंडे पर आपकी भागीदारी चाहते हैं। इन शब्दों के साथ, मैं आप सभी का स्वागत करता हूं और महान विचार-विमर्श के प्रति आशान्वित हूं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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