प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि नौकरशाही का उद्योग संदेह पर फलता-फूलता है, जबकि विशेष उपलब्धि हासिल करने का रास्ता विश्वास से बनता है। प्रधानमंत्री ने आज नई दिल्ली में एक समारोह में ‘रेड टेप टू रेड कार्पेट… एण्ड देन सम’ नामक पुस्तक के लोकार्पण के अवसर पर भारत में नियामक माहौल आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरु किए गए जन प्रिय सुधारों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण सुधार विभिन्न गतिविधियों में स्व-प्रमाणन की अनुमति देना है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के गलत कार्यों के लिए सभी को दंडित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमारे सुधारों का मूल है कारपोरेट नागरिक सहित सभी नागरिकों पर विश्वास करना। यह पुस्तक आस्ट्रेलिया की खनन कंपनी हैंकाक प्रोस्पेक्टिंग ग्रुप की अध्यक्ष सुश्री गिना राइनहार्ट ने लिखी है। इस अवसर पर आस्ट्रेलिया के व्यापार एवं निवेश मंत्री श्री एंड्रयू रोब तथा आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री श्री पाल किटिंग भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री के भाषण के कुछ अंश इस प्रकार हैः-
“मैं तथा प्रधानमंत्री एबोट पिछले वर्ष से दोनों पक्षों की क्षमताओं का लाभ लेने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। हमने अपनी दो मुलाकातों में विस्तार से विचार-विमर्श किया। श्री एंड्रयू रोब की यह यात्रा इस दिशा में एक और कदम है। ”
“अर्थशास्त्रियों द्वारा सरकारी नीतियों का विश्लेषण हित धारकों के विश्लेषण से भिन्न होता है। मैं सुश्री राइनहार्ट के प्रयासों को बाद की श्रेणी में रखता हूं।”
“मैं मानता हूं कि मनुष्य अंदर से अच्छा होता है और उसे अपनी पसंद व्यक्त करने की पूरी स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। यह नियामक वातावरण को सहज बनाने की दिशा में हमारे द्वारा उठाए गए कदमों का आधार है। मेरे लिए अब तक का सबसे महत्वपूर्ण सुधार विभिन्न गतिविधियों के लिए स्व-प्रमाणन की अनुमति देना है। हमने विद्यार्थियों से लेकर उद्यमियों तक दस्तावेजों तथा प्रक्रियाओं के स्व-प्रमाणन की अनुमति दी है।”
“कुछ लोगों के गलत कार्यों के लिए हम सभी हितधारकों को सज़ा नहीं दे सकते। इसलिए कारपोरेट नागरिकों सहित नागरिकों पर विश्वास करना हमारे सुधारों का मूल तत्व है। यह रेड टेप से रेड कार्पेट की और जाने के हमारे प्रयासों का आधार है।”
“नौकरशाही का उद्योग संदेह पर फलता-फूलता है जबकि विशेष उपलब्धि हासिल करने का रास्ता विश्वास से बनता है। मैं अपनी यात्रा की दिशा को उजागर करने के लिए सुश्री राइनहार्ट का आभारी हूं।”
“यह पुस्तक मेरे पुराने वक्तव्य की याद दिलाती है। मैं यह कहता रहा हूं कि यदि राजनीतिज्ञ ना कहना सीख लें और नौकरशाह हां कहना सीख लें तो लोक प्रशासन की समस्याएं दूर हो जाएंगी।यही कारण है कि हमने अधिकतम ऊर्जा सोच को बदलने में लगाई है।”
“हमारी एलपीजी सब्सिडी अंतरण प्रक्रिया विश्व की सबसे बड़ी आन लाइन अंतरण प्रक्रिया है। लेकिन इसमें उन लोगों के लिए ना कहना शामिल है जो इसके पात्र नहीं हैं और उन लोगों के लिए हां कहना शामिल है जो पात्र हैं। अच्छी खबर यह है कि यह प्रक्रिया कारगर तरीके से काम कर रही है।”
Released the book, “Red Tape to Red Carpet… and then some” written by Mrs. Gina Rinehart. http://t.co/rzUWzBldXQ pic.twitter.com/WP1AqAEY3K
— Narendra Modi (@narendramodi) June 23, 2015