आज से मेरी रूस यात्रा शुरू होगी। हमारे सरकार गठित करने के बाद यह मेरी पहली द्वीपक्षीय यात्रा है। मैं अपनी इस यात्रा के परिणामों के प्रति बहुत आशावादी हूं।
इतिहास भारत और रूस के दशकों के घनिष्ठ संबंधों का गवाह रहा है। रूस दुनिया में भारत के सबसे मूल्यवान मित्र देशों में से एक बना हुआ है।
मेरे मन में वर्ष 2001 की स्मृतियां ताजा हो रही हैं। मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री का कार्यभार ग्रहण ही किया था और मुझे अटलजी के साथ रूस जाने का अवसर मिला। संभवतः यह भारत-रूस के शुरुआती वार्षिक शिखर सम्मेलनों में से एक था। यह परंपरा आज भी निरंतर जारी है।
मेरी यात्रा से भारत और रूस के बीच आर्थिक, ऊर्जा एवं सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग और गहरा होगा। हम अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा खनन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। भारत और रूस न केवल दोनों देशों, बल्कि विश्व के लाभ के लिए अपने व्यापार संबंधों को और आगे बढ़ा सकते हैं।
यह यात्रा रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यापक विचार-विमर्श की गवाह होगी। रूसी व्यवसायियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने हेतु उनके साथ बातचीत की जाएगी। मैं ‘भारत के मित्र यानी फ्रेंड ऑफ इंडिया’ कार्यक्रम में भी शिरकत करूंगा। मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के लोगों के बीच के पहले से मजबूत रिश्तों को मेरी यह यात्रा काफी हद तक आगे ले जाएगी।
Am very optimistic about outcomes of my Russia visit. It will deepen economic & security ties with a valued friend. https://t.co/uZcZW4zvnA
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2015
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