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रूस में भारतीय समुदाय को प्रधानमंत्री का संबोधन

रूस में भारतीय समुदाय को प्रधानमंत्री का संबोधन


नमस्कार, प्रिय प्रिव्येत मस्क्वा! काक देला?

आपका ये प्रेम, आपका ये स्नेह, आपने यहां आने के लिए समय निकाला, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। मैं अकेला नहीं आया हूं। मैं मेरे साथ बहुत कुछ लेकर के आया हूं। मैं अपने साथ हिन्दुस्तान की मिट्टी की महक लेकर के आया हूं। मैं अपने साथ 140 करोड़ देशवासियों का प्यार लेकर के आया हूं। उनकी शुभकामनाएं आपके लिए लेकर के आया हूं और ये बहुत सुखद है कि तीसरी बार सरकार में आने के बाद Indian Diaspora  से मेरा पहला संवाद यहां Moscow मे आपके साथ हो रहा है।

वैसे साथियों,

आज 9 जुलाई है और आज यही दिन मुझे शपथ लिए पूरा 1 महीना हुआ है। आज से ठीक एक महीने पहले 9 जून को मैंने तीसरी बार भारत के पीएम पद की शपथ ली थी, और उसी दिन मैंने एक प्रण किया था। मैंने प्रण किया था कि अपने तीसरे Term में, मैं तीन गुनी ताकत से काम करूंगा। तीन गुनी रफ्तार से काम करूंगा। और ये भी एक संयोग है कि सरकार के कई लक्ष्यों में भी तीन का अंक छाया हुआ है। सरकार का लक्ष्य है तीसरी टर्म में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनाना, सरकार का लक्ष्य है तीसरी टर्म में गरीबों के लिए तीन करोड़ आवास बनाना, तीन करोड़ घर बनाना, सरकार का लक्ष्य है तीसरी टर्म में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाना। शायद आपके लिए ये शब्द भी नया होगा। 

भारत में जो Women Self Help Group चल रहे हैं गांव में। हम उनको इतना empower करना चाहते हैं, उतना Skill Development करना चाहते हैं, इतना Diversification करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि मेरे तीसरे Term में गावों की जो गरीब महिलाएं हैं उसमें तीन करोड़ दीदी लखपति बनें। यानि उनकी सालाना इनकम 1 लाख रुपये से ज्यादा हो और हमेशा के लिए हो, बहुत बड़ा लक्ष्य है। लेकिन जब आप जैसे साथियों के आशीर्वाद होते हैं ना तो बड़े से बड़े लक्ष्य बहुत आसानी से पूरे भी होते हैं।  और आप सब जानते हैं आज का भारत जो लक्ष्य ठान लेता है वो पूरा करके ही रहता है। आज भारत वो देश है जो चंद्रयान को चंद्रमा पर वहां पहुंचाता है जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच सका। आज भारत वो देश है जो digital transactions का सबसे reliable model दुनिया को दे रहा है। आज भारत वो देश है जो social sector की बेहतरीन policies से अपने नागरिकों को empower कर रहा है। आज भारत वो देश है जहां दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा startup ecosystem है। मैं जब 2014 में पहली बार आप लोगों ने जब मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया। तब कुछ सैंकड़ों में startup हुआ करते थे, आज लाखों में है। आज भारत वो देश है जो रिकॉर्ड संख्या में patent file कर रहा है, रिसर्च पेपर पब्लिश कर रहा है और यही मेरे देश के युवाओं का पावर है, वही उनकी शक्ति है और दुनिया भी हिन्दुस्तान के नौजवानों के टैलेंट को देखकर अचंभित भी है। 

साथियों, 

पिछले 10 वर्षों में देश ने विकास की जो रफ्तार पकड़ी है, उसे देखकर दुनिया हैरान है। दुनिया के लोग जब भारत आते हैं…तो कहते हैं…भारत बदल रहा है। आप भी आते हैं तो ऐसा ही लगता है ना? वो ऐसा क्या देख रहे हैं? वो देख रहे हैं भारत का कायाकल्प, भारत का नव निर्माण, वो साफ-साफ देख पा रहे हैं। जब भारत जी-20 जैसे सफल आयोजन करता है, तब दुनिया एक स्वर से बोल उठती है, अरे भारत तो बदल रहा है। जब भारत सिर्फ दस वर्षों में अपने एयरपोर्ट्स की संख्या को बढ़ाकर दोगुना कर देता है, तो दुनिया कहती है वाकई भारत बदल रहा है। जब भारत सिर्फ दस साल में 40 हजार किलोमीटर से ज्यादा, ये आंकड़ा याद रखना, 40 हजार किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन कर देता है…तो दुनिया को भी भारत के पॉवर का एहसास होता है। उनको लगता है देश बदल रहा है।  आज जब भारत डिजिटल पेमेंट्स के नए रिकॉर्ड बना रहा है, आज जब भारत एल-वन प्वाइंट से सूरज की परिक्रमा पूरी करता है…आज जब भारत दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बनाता है, आज जब दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू बनाता है, तो दुनिया कहती है वाकई भारत बदल रहा है। औऱ भारत कैसे बदल रहा है? कैसे बदल रहा है? भारत बदल रहा है, क्योंकि भारत अपने 140 करोड़ नागरिकों के सामर्थ्य पर भरोसा करता है। विश्व भर में फैले हुए भारतीयों का सामर्थ्य पर भरोसा करता है, गर्व करता है। भारत बदल रहा है, क्योंकि 140 करोड़ भारतीय अब विकसित देश बनने का सपना संकल्प लेकर के पूरा करना चाहते हैं। हिन्दुस्तान पूरा मेहनत कर रहा है, हर किसान कर रहा है, हर नौजवान कर रहा है, हर गरीब कर रहा है। 

आज दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जो मेरे भारतीय भाई-बहन रहते हैं। आप सभी भारतीय अपनी मातृभूमि की उपलब्धियों पर सीना तानकर के, सर ऊंचा करके गर्व करते हैं। आप गर्व से बताते हैं कि आपका भारत आज किन बुलंदियों को छू रहा है। अपने विदेशी दोस्तों के सामने भारत का जिक्र आते ही आप देश की उपलब्धियों की पूरी लिस्ट रख देते हैं और वो सुनते ही रह जाते हैं। मैं जरा आप से पूछता हूं कि बताईये मैं जो कह रहा हूं सच है कि नहीं है? आप ऐसा करते हैं नहीं करते? आपका गर्व होता है कि नहीं होता है? दुनिया का आपकी तरफ देखने का नजरिया भी बदला है कि नहीं बदला है? ये 140 करोड़ देशवासियों ने करके दिखाया है। आज 140 करोड़ भारतीय दशकों से चली आ रही समस्याओं को सुलझाने में विश्वास करता है। कॉरपेट के नीचे दबा कर के गुजारा करना देश को गवारा नहीं है दोस्तों। 

आज 140 करोड़ भारतीय हर क्षेत्र में सबसे आगे निकलने की तैयारी में जुटे रहते हैं। आपने भी देखा है, हम अपनी अर्थव्यवस्था को सिर्फ कोविड संकट से बाहर निकालकर के ही नहीं लाए…बल्कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे मजबूत इकॉनॉमी में से एक बना दिया। हम अपने इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियां दूर तो कर ही रहे हैं, बल्कि हम global standards के माइलस्टोन क्रिएट कर रहे हैं। हम सिर्फ अपनी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं सुधार रहे ऐसा नहीं है, बल्कि देश के हर गरीब को मुफ्त इलाज की सुविधा भी दे रहे हैं और दुनिया की सबसे बड़ी Health Assurance Scheme चलाते हैं आयुष्मान भारत। ये दुनिया की सबसे बड़ी स्कीम है।  ये सब कैसे हो रहा है दोस्तों? इसे कौन कर रहा है? मैं फिर कहता हूं 140 करोड़ देशवासी। वो सपने भी देखते हैं, संकल्प भी करते हैं और सिद्धि के लिए जी-जान से जुटे रहते हैं। ये हमारे नागरिकों की मेहनत, लगन और निष्ठा से संभव हो रहा है।

साथियों,

भारत में ये बदलाव सिर्फ सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर का ही नहीं है। ये बदलाव देश के हर नागरिक के, हर नौजवान के आत्मविश्वास में भी दिख रहा है। और आप जानते हैं सफलता की जो पहली सीढ़ी होती है ना वो खुद का आत्मविश्वास होता है। 2014 के पहले हम निराशा की गर्त में डूब चुके थे। हताशा, निराशा ने हमकों जकड़ लिया था। आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है। एक ही बीमारी के दो पेशेंट अस्पताल मे हों, उतने ही सामर्थ्यवान डॉक्टर हों, लेकिन एक निराशा में डूबा हुआ पेशेंट हो, दूसरा आत्मविश्वास से भरा हुआ पेशेंट हो तो आपने देखा होगा आत्मविश्वास से भरा हुआ पेशेंट कुछ ही हफ्तों में ठीक होकर के अस्पताल से बाहर आता है। निराशा में डूबा हुआ पेशेंट को किसी और को उठाकर लेके जाना पड़ता है। आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है और ये हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी पूंजी है। 

आपने भी हाल में टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप में, अब मुझे पक्का विश्वास है कि यहां भी आपने उस विक्टरी को को सेलिब्रेट किया ही होगा। किया था कि नहीं किया था? गर्व हो रहा था की नहीं हो रहा था? वर्ल्ड कप को जीतने की असली स्टोरी, जीत की यात्रा की भी है। आज का युवा और  आज का युवा भारत, आखिरी बॉल और आखिर पल तक हार नहीं मानता है, और विजय उन्हीं के चरण चूमती है जो हार मानने को तैयार नहीं होते। ये भावना सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है, बल्कि दूसरे खेलों में भी दिख रही है। बीते सालों में हर इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में हमारे एथलीट्स ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किए हैं। इस बार पेरिस ओलंपिक्स में भी भारत की तरफ से एक शानदार टीम भेजी जा रही है। आप देखिएगा…पूरी टीम, सारे एथलीट्स, कैसे अपना दम दिखाएंगे। भारत की युवाशक्ति का यही आत्मविश्वास, भारत की असली पूंजी है। और यही युवाशक्ति भारत को 21वीं सदी की नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने का सबसे बड़ा सामर्थ्य दिखाती है। 

साथियों,

आपने चुनाव का माहौल भी देखा होगा, टीवी पर भी देखते होंगे कैसा चल रहा है। कौन क्या कह रहा है, कौन क्या कर रहा है।

साथियों,

चुनाव के दौरान मैं कहता था कि बीते 10 सालों में भारत ने जो विकास किया….वो तो सिर्फ एक ट्रेलर है। आने वाले 10 साल और भी Fast Growth के होने वाले हैं। Semiconductor से Electronics Manufacturing तक Green Hydrogen से Electric Vehicles तक और World Class Infrastructure, भारत की नई गति, दुनिया के विकास का और मैं बहुत जिम्मेदारी से कह रहा हूं, दुनिया के विकास का अध्याय लिखेगी। आज ग्लोबल इकॉनॉमी की ग्रोथ में 15 परसेंट भारत कंट्रीब्यूट कर रही है। आने वाले समय में इसका और ज्यादा विस्तार होना तय है। Global Poverty से लेकर Climate Change तक, हर Challenge को, Challenge करने में भारत सबसे आगे रहेगा, और मेरे तो डीएनए में है चुनौती को चुनौती देना।

साथियों,

मुझे खुशी है, बस यही जो प्यार है ना दोस्तों, जब देशवासियों के साथ दूरी का अवकाश ही न हो, जो सोच लीडर के मन में चलती है वही सोच जब जन-मन में होती है न तो अपार ऊर्जा generate हो जाती है दोस्तों, और यही मैं देख रहा हूं दोस्तों।  

साथियों,

मुझे खुशी है कि Global Prosperity को नई ऊर्जा देने के लिए भारत औऱ रूस कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। यहां मौजूद आप सभी लोग भारत और रूस के संबंधों को और नई ऊंचाई दे रहे हैं। आपने अपनी मेहनत से, अपनी ईमानदारी से रूस के समाज में अपना योगदान दिया है।

साथियों, 

मैं दशकों से भारत और रूस के बीच जो अनोखा रिश्ता है, उसका कायल रहा हूं। रूस शब्द सुनते ही… हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है… भारत के सुख-दुख का साथी… भारत का भरोसेमंद दोस्त। हमारे Russian Friends इसे द्रुजबा कहते हैं, और हम हिंदी में इसे दोस्ती कहते हैं। रूस में सर्दी के मौसम में टेंपरेचर कितना ही माइनस में नीचे क्यों न चला जाए…भारत-रूस की दोस्ती हमेशा प्लस में रही है, गर्मजोशी भरी रही है। ये रिश्ता Mutual Trust और Mutual Respect की मज़बूत नींव पर बना है। और वो गाना तो यहां के घर-घर में कभी गाया जाता था। सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी? फिर भी? फिर भी? दिल है हिंदुस्तानी…ये गीत भले पुराना हो गया हो, लेकिन सेंटिमेंट्स Evergreen हैं। पुराने समय में श्रीमान राज कपूरए श्रीमान मिथुन दा, ऐसे कलाकारों ने भारत और रूस की संस्कृति की दोस्ती को मजबूत किया…भारत-रूस के रिश्तों को हमारे सिनेमा ने आगे बढ़ाया…और आज आप सभी भारत-रूस के रिश्तों को नई ऊंचाई दे रहे हैं। हमारे रिश्तों की दृढ़ता अनेक बार परखी गई है। और हर बार, हमारी दोस्ती बहुत मजबूत होकर के उभरी है।

साथियों, 

भारत-रूस की इस दोस्ती के लिए मैं विशेष रूप मेरे प्रिय मित्र President Putin की Leadership की भी सराहना करूंगा। उन्होंने दो दशक से ज्यादा समय तक इस Partnership को मज़बूती देने के लिए शानदार काम किया है। बीते 10 सालों में मैं छठीं बार Russia आया हूं। और इन सालों में हम एक दूसरे से 17 बार मिले हैं। ये सारी मीटिंग्स, Trust और Respect को बढ़ाने वाली रही हैं। जब हमारे Students संघर्ष के बीच फंसे थे, तो President Putin ने उन्हें वापस भारत पहुंचाने में हमारी मदद की थी। मैं रूस के लोगों का, मेरे मित्र President Putin का इसके लिए भी फिर से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

आज बड़ी संख्या में हमारे नौजवान, रशिया में पढ़ाई के लिए आते हैं। मुझे बताया गया है कि यहां अलग-अलग राज्यों की एसोसिएशन्स भी हैं। इससे हर राज्य के त्योहारों, खान-पान, भाषा-बोली, गीत-संगीत की विविधता भी यहां बनी रहती है। आप यहां होली-दीवाली से लेकर हर त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। भारत के स्वतंत्रता दिवस को भी यहां उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। और मैं आशा करूंगा इस बार 15 अगस्त तो और शानदार होनी चाहिए। पिछले महीने इंटरनेशनल योग डे पर भी हज़ारों लोगों ने यहां पार्टिसिपेट किया। मुझे एक और बात देखकर और भी अच्छा लगता है। यहां जो हमारे रशियन दोस्त हैं, वो भी इन त्योहारों को मनाने के लिए उतने ही जोश से आपके साथ शामिल होते हैं। ये People to People कनेक्ट, सरकारों के दायरे से बहुत ऊपर होता है और वो एक बहुत बड़ी ताकत भी होता है। 

और साथियों, 

इसी Positivity के बीच, मैं आपसे एक और Good News भी शेयर करना चाहता हूं। आप सोचते होंगे कौन से Good News आए। कजान और यिकातेरिन बुर्ग में दो नए काउंसुलेट खोलने का निर्णय लिया गया है। इससे आना-जाना और व्यापार-कारोबार और आसान होगा।

साथियों,

हमारे संबंधों का एक प्रतीक Astrakhan का India House भी है। 17वीं शताब्दी में गुजरात के व्यापारी वहां बसे थे। जब मैं गुजरात का नया-नया मुख्यमंत्री बना था, तब मैं वहां गया था। दो साल पहले North-South Transport Corridor से पहला Commercial कन्साइनमेंट भी यहां पहुंचा। ये Corridor, मुंबई और आस्त्राखान की पोर्ट सिटी को आपस में जोड़ता है। अब हम चेन्नई-व्लादिवोस्तोक Eastern Maritime Corridor पर भी काम कर रहे हैं। हम दोनों देश, गंगा-वोल्गा Dialogue Of Civilization से एक दूसरे को Rediscover कर रहे हैं। 

Friends, 

2015 में जब मैं यहां आया था, तब मैंने कहा था कि 21वीं सदी भारत की होगी। तब मैं कह रहा था, आज दुनिया कह रही है। दुनिया के सभी experts उनके बीच में इस विषय में अब कोई विवाद नहीं रहा है। सब कहते हैं 21वी सदी भारत की सदी है। आज विश्व बंधु के रूप में भारत दुनिया को नया भरोसा दे रहा है। भारत की Growing Capabilities ने पूरी दुनिया को Stability और Prosperity की उम्मीद दी है। New Emerging Multipolar World Order में भारत को एक मजबूत Pillar के रूप में देखा जा रहा है। जब भारत Peace, Dialogue और Diplomacy की बात कहता है, तो पूरी दुनिया सुनती है। जब भी दुनिया पर संकट आता है, तो भारत सबसे पहले पहुंचने वाला देश बनता है। और भारत, दुनिया की उम्मीदों को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। लंबे समय तक दुनिया ने एक Influence Oriented Global Order देखा है। आज की दुनिया को Influence की नहीं Confluence की ज़रूरत है। ये संदेश, समागमों और संगमों को पूजने वाले भारत से बेहतर भला कौन समझ सकता है? कौन दे सकता है?

साथियों,

आप सभी, रूस में भारत के ब्रैंड एंबेसेडर्स हैं। जो यहां मिशन में बैठते हैं ना वो राजदूत हैं और जो मिशन के बाहर हैं ना वो राष्ट्रदूत हैं। आप ऐसे ही रूस और भारत के रिश्तों को मज़बूत बनाते रहें।

साथियों,

60 साल के बाद हिन्दुस्तान में कोई सरकार तीसरी बार चुनी जाए ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। लेकिन इस चुनावों में सबका ध्यान, सारे कैमरा मोदी पर लगे रहे, उसके कारण कई और महत्वपूर्ण घटनाओं की तरफ लोगों का ध्यान नहीं गया। जैसे इस चुनाव के समय  चार राज्यों में भी चुनाव हुए हैं। अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम, आंध्रा, उड़ीसा  और इन चारों राज्यों में एनडीए clean sweep बहुमत के साथ विजयी हुआ। और अभी-अभी तो महाप्रभु जगन्नाथ जी की यात्रा चल रही है, जय जगन्नाथ। उड़ीसा ने तो बहुत बड़ा revolution किया है और इसलिए मैं भी आज आपके बीच में उड़िया scarf पहनकर आया हूं।

साथियों,

आप सब पर महाप्रभु जगन्नाथ जी के आशीर्वाद बने रहे, आप स्वस्थ रहें, आप समृद्ध रहें…इसी कामना के साथ मैं आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं! और ये अमर प्रेम की कहानी है दोस्तों। ये दिनों दिन बढ़ती रहेगी, सपनों को संकल्प में बदलती रहेगी और हमारे कठोर परिश्रम से हर संकल्प सिद्धि को पा करके रहेगा। इसी विश्वास के साथ मैं फिर एक बार आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ बोलिए –

भारत-माता की जय !

भारत-माता की जय !

भारत-माता की जय !

वंदे मातरम !

वंदे मातरम !

वंदे मातरम !

वंदे मातरम !

वंदे मातरम !

वंदे मातरम !

वंदे मातरम !

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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DS/VJ/DK/AK

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