प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विधि आयोग की 158वीं रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार राज्यों को ‘बोतलबंद शराब’ पर नियंत्रण का अधिकार हस्तांतरित करने के लिए उद्योगों की पहली अनुसूची (विकास और नियंत्रण) अधिनियम 1951 में संशोधन की मंजूरी दे दी है।
उद्योगों की पहली अनुसूची (विकास और नियंत्रण) अधिनियम 1951 के वर्तमान ’26 खमीर उद्योग’ शीर्षक के बदले अब ’26 खमीर उद्योग’ (बोतलबंद शराब के अलावा) शीर्षक होगा। इस संबंध में एक विधेयक संसद में पेश किया जाएगा।
इस संशोधन के साथ ही शराब-बोतल बंद शराब और औद्योगिक शराब पर केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के बारे में लंबे समय से चला आ रहा भ्रम समाप्त हो गया है। इस संशोधन से संघ और राज्यों के बीच संतुलन पैदा होगा। इससे कानून और शराब के दुरूपयोग की संभावना समाप्त होगी। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि पीने योग्य शराब बनाने में लगे उद्योग सभी मामलों में पूरी तरह से राज्यों के नियंत्रण में होंगे। इससे पीने योग्य शराब बनाने में राज्यों की जवाबदेही तय हो सकेगी।