जिस बयान को लेकर के विवाद चल रहा है, आप सबको मालूम है कि जब इस बयान के विषय में मुझे जानकारी मिली, उसी दिन सुबह मेरी पार्टी की मीटिंग थी, संसद सदस्यों की मीटिंग थी, उसमें मैने बहुत कठोरता से इस प्रकार की भाषा को disapprove किया था। और मैने ये भी कहा था कि हम सबको इन चीज़ों से बचना चाहिए।
चुनाव की गरमा-गर्मी में भी हमें बचने की कोशिश करनी चाहिए – यह मैने House में विषय उठने से पहले ही हमारे सभी सांसदों के सामने विषय रखा था और उसी के तहत, मंत्री जी – जो कि नई हैं, सदन में पहली बार आई हैं, उनके background से भी हम सब भली-भाँति परिचित हैं – उन्होने क्षमा माँगी। और मैं मानता हूँ, कि क्षमा माँगने के बाद – इस सदन में इतने वरिष्ठ लोग बैठे हैं, इतने अनुभवी लोग बैठे हैं – कि क्षमा के प्रति उनका भाव क्या रहता है, हम भली-भाँति परिचित हैं। मैं सदन को आग्रह करूँगा, मैं प्रार्थना करूँगा, कि जब मंत्रीजी ने क्षमा माँगी है, और हम सबके लिए यह एक संदेश भी है – आगे से हम भी, सभी लोग, इन सारे Do’s and Don’ts के विषय में कोई मर्यादायें ना तोड़ें, और मैं, सदन से आग्रह करूँगा कि हम देश हित में अपने कार्य को और आगे बढ़ायें।