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मॉरीशस में भारतीय समुदाय को प्रधानमंत्री का संबोधन


नमस्ते !
की मानियेर मोरिस?
आप लोग ठीक हव जा ना?
आज हमके मॉरीशस के धरती पर
आप लोगन के बीच आके बहुत खुसी होत बातै !
हम आप सब के प्रणाम करत हई !

साथियों,

जब 10 साल पहले आज की ही तारीख को मैं म़ॉरीशस आया था… उस साल तब होली एक हफ्ते पहले ही बीती थी… तब मैं भारत से फगुआ की उमंग अपने साथ लाया था… अब इस बार मॉरीशस से होली के रंग अपने साथ लेकर भारत जाऊंगा.. एक दिन बाद ही वहां भी होली है… 14 तारीख को हर तरफ रंग ही रंग होगा…

राम के हाथे ढोलक सोहै
लछिमन हाथ मंजीरा।
भरत के हाथ कनक पिचकारी…
शत्रुघन हाथ अबीरा…
जोगिरा……..

और जब होली की बात आई है… तो गुझिया की मिठास हम कैसे भुला सकते हैं? एक समय था… जब भारत के पश्चिमी हिस्से में मिठाइयों के लिए मॉरीशस से भी चीनी आती थी। शायद ये भी एक वजह रही कि गुजराती में चीनी को ‘मोरस’ भी कहा गया। समय के साथ, भारत और मॉरीशस के रिश्तों की ये मिठास और बढ़ती जा रही है। इसी मिठास के साथ…मैं मॉरीशस के सभी निवासियों को राष्ट्रीय दिवस की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

मैं जब मॉरीशस आता हूं, तो ऐसा लगता है कि अपनों के बीच ही तो आया हूं। यहां की हवा में, यहां की मिट्टी में, यहां के पानी में…अपनेपन का ऐहसास है… गीत गवाई में… ढोलक की थाप में… दाल पूरी में… कुच्चा में और गातो पीमा में भारत की खुशबू है… औऱ ये स्वभाविक भी है… यहां की मिट्टी में कितने ही हिंदुस्तानियों का…हमारे पुरखों का खून-पसीना मिला हुआ है। हम सब एक परिवार ही तो हैं… इसी भाव के साथ ही, प्रधानमंत्री नवीन राम गुलाम जी और कैबिनेट के साथी, यहां हम सभी के बीच उपस्थित हैं। मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं। प्रधानमंत्री नवीन जी ने अभी जो कहा…वो बातें दिल से ही निकल सकती हैं। हृदय से निकली उनकी बात का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

मॉरीशस के लोगों ने, यहां की सरकार ने, और जैसे अब प्रधानमंत्रीजी ने इसकी घोषणा की, मुझे अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला लिया है… मैं आपके निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। ये भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान है। ये उन भारतीयों का सम्मान है, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी, इस धरती की खूब सेवा की…आज मॉरीशस को इस ऊंचाई पर लेकर आए हैं। मैं मॉरीशस के हर नागरिक का, यहां की सरकार का इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

पिछले साल, नेशनल डे के अवसर पर भारत की राष्ट्रपति जी चीफ गेस्ट थीं। ये मॉरीशस और भारत के रिश्तों की मज़बूती को दिखाता है। और 12 मार्च को नेशनल डे के रूप में चुनना…अपने आप में हम दोनों देशों के साझा इतिहास का प्रतिबिंब है। ये वही दिन है, जब महात्मा गांधी ने, गुलामी के विरुद्ध दांडी सत्याग्रह शुरु किया था। ये दिन, दोनों देशों के स्वतंत्रता संघर्षों को याद करने का दिन है। कोई भी बैरिस्टर मणीलाल डॉक्टर जैसे महान व्यक्तित्व को नहीं भूल सकता, जिन्होंने मॉरीशस आकर लोगों के अधिकारों की लड़ाई शुरू की। हमारे चाचा रामगुलाम जी ने नेताजी सुभाष और अन्य लोगों के साथ मिलकर गुलामी के खिलाफ अभूतपूर्व संघर्ष किया। बिहार में पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में, सिवसागर जी की प्रतिमा हमें इसी परंपरा की याद दिलाती है। यहां भी मुझे नवीन जी के साथ मिलकर, सिवसागर जी को श्रद्धांजलि देने का सौभाग्य मिला है।

साथियों,

जब मैं आपके बीच आता हूं… आपसे मिलता हूं…आपसे बात करता हूं… तो दो सौ साल पहले की उन बातों में भी खो जाता हूं…जिनके बारे में हमने सिर्फ पढ़ा है… वो अनेकों हिंदुस्तानी जो गुलामी के कालखंड में यहां झूठ बोलकर लाए गए… जिन्हें दर्द मिला, तकलीफ मिली…धोखा मिला… और मुश्किलों के उस दौर में उनका संबल थे… भगवान राम… राम चरित मानस… भगवान राम का संघर्ष…उनकी विजय…उनकी प्रेरणा…उनकी तपस्या… भगवान राम में वो खुद को देखते थे… भगवान राम से उन्हें विश्वास मिलता था…

राम बनिइहैं तो बन जइहै,
बिगड़ी बनत बनत बन जाहि।
चौदह बरिस रहे बनवासी,
लौटे पुनि अयोध्या माँहि॥

ऐसे दिन हमरे फिर जइहैं,
बंधुवन के दिन जइहें बीत।
पुनः मिलन हमरौ होई जईहै,
जइहै रात भयंकर बीत॥

साथियों,

मुझे याद है…साल 1998 में ‘अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन’ के लिए मुझे यहां आने का अवसर मिला था… तब तो मैं किसी सरकारी पद पर नहीं था… एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में आया था। और संयोग देखिए.. नवीन जी, उस दौरान भी प्रधानमंत्री थे। फिर जब मैं प्रधानमंत्री बना… तो नवीन जी मेरे शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए थे।

साथियों,

प्रभु राम और रामायण के प्रति जो आस्था, जो भावना मैंने सालों पहले यहां महसूस की थी, वही आज भी अनुभव करता हूं। भावनाओं का वही ज्वार, पिछले साल जनवरी में भी दिखा, जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ… हमारा 500 साल का इंतजार खत्म हुआ… तब भारत में जो उत्साह, जो उत्सव था…यहां मॉरीशस में भी उतना ही बड़ा महोत्सव हमने देखा। आपकी भावनाओं को समझते हुए तब मॉरीशस ने आधे दिन की छुट्टी भी घोषित की थी। भारत-मॉरीशस के बीच आस्था का ये संबंध…हमारी मित्रता का बहुत बड़ा आधार है।

साथियों,

मैं जानता हूं कि मॉरीशस के अनेक परिवार, अभी अभी महाकुंभ में भी होकर आए हैं। दुनिया को आश्चर्य हो रहा है, मानव इतिहास का, विश्व का सबसे बड़ा समागम था। 65 – 66 करोड़ लॉग। और उसमें मॉरीशस के लोग भी आये थे। लेकिन मुझे ये भी पता है कि मॉरीशस के मेरे अनेक परिवारजन, चाहते हुए भी एकता के महाकुंभ में नहीं आ पाए। मुझे आपकी भावनाओं का ध्यान है। इसलिए… मैं आपके लिए पवित्र संगम का, और महाकुंभ के उसी समय का पवित्र जल, साथ लेकर आया हूं। इस पवित्र जल को कल, यहां गंगा तलाव को अर्पित किया जाएगा। 50 साल पहले भी…गोमुख से गंगाजल यहां लाया गया था। औऱ उसे गंगा तलाव में अर्पित किया था। अब कुछ ऐसा ही कल फिर से होने जा रहा है। मेरी प्रार्थना है कि गंगा मैया के आशीर्वाद से, महाकुंभ के इस प्रसाद से, मॉरीशस समृद्धि की नई ऊंचाई को छुए।

साथियों,

मॉरीशस को भले ही 1968 में आजादी मिली… लेकिन जिस तरह ये देश सबको साथ लेकर आगे बढ़ा… ये दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण है। यहां दुनिया के अलग-अलग हिस्से से लोग आकर बसे हैं। ये एक प्रकार से अलग-अलग कल्चर्स का खूबसूरत बगीचा है। यहां हमारे पूर्वज, बिहार हो, यूपी हो, भारत के दूसरे हिस्सों से लाए गए थे। भाषा-बोली, खान-पान के हिसाब से देखें, तो मॉरीशस में मिनी हिंदुस्तान बसता है। यह लघु भारत है। भारत की अनेक पीढ़ियों ने मॉरीशस को, फिल्मी पर्दे पर भी देखा है। आप हिंदी के हिट गानों को देखेंगे…तो उनमें… इंडिया हाउस दिखेगा… आइल ऑक्स सेर्फ़्स दिखेगा… ग्रिस-ग्रिस बीच के नज़ारे दिखेंगे…. कॉडन वॉटरफ्रंट नज़र आएगा… रॉचेस्टर फॉल्स की आवाज़ सुनाई देगी… मॉरीशस का शायद ही कोई कोना हो, जो भारतीय फिल्मों का हिस्सा ना बना हो। यानि धुन भारतीय हो और शूटिंग की जगह मॉरीशस हो,…तो फिल्म की हिट होने की गारंटी बढ़ ही जाती है।

साथियों,

पूरी भोजपुरी बेल्ट के साथ…बिहार के साथ आपका भावुक संबंध भी मैं समझता हूं। पूर्वांचल के सांसद होवे के नाते, हम जननी कि बिहार के सामर्थ्य केतना ज्यादा बा… एक समय रहे जब बिहार, दुनिया क समृद्धि के केंद्र रहल.. अब हम मिलके, बिहार के गौरव फिर से वापस लाए के काम करत हई जा।

साथियों,

दुनिया के अनेक हिस्से जब पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर थे, तब नालंदा जैसा विद्या का तीर्थ, ग्लोबल इंस्टीट्यूट भारत में था, बिहार में था। हमारी सरकार ने फिर से नालंदा यूनिवर्सिटी को और नालंदा स्पिरिट को रिवाइव किया है। भगवान बुद्ध के संदेश आज दुनिया को विश्व शांति के लिए प्रेरित करते हैं। अपनी इस विरासत को भी हम भारत में, पूरी दुनिया में सशक्त कर रहे हैं। बिहार का मखाना, ये आज भारत में बहुत चर्चा में है। आप देखेंगे कि वो दिन दूर नहीं, बिहार का ये मखाना, दुनिया भर में स्नैक्स मैन्यू का हिस्सा होगा।

हम जानीला कि हियां मखाना के केतना पसंद करल जा ला…
हमके भी मखाना बहुत पसंद बा….

साथियों,

आज भारत, मॉरीशस के साथ अपने पुराने संबंधों को नई पीढ़ी के लिए संजो रहा है, संरक्षित कर रहा है। मुझे खुशी है कि मॉरीशस में भारतीय डायस्पोरा की सातवीं पीढ़ी को OCI Card Extend करने का निर्णय लिया गया है। मुझे मॉरीशस के राष्ट्रपति जी और उनकी धर्म पत्नी, बृंदा जी को OCI कार्ड भेंट करने का सौभाग्य मिला है। प्रधानमंत्री जी और उनकी धर्म पत्नी, वीणा जी को भी OCI कार्ड सौंपने का अवसर मुझे मिला है। इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान, मैंने विश्वभर में बसे गिरमिटिया समुदाय के लिए भी कुछ initiative लेने को कहा था। आपको जानकर खुशी होगी कि भारत सरकार गिरमिटिया साथियों का एक डेटाबेस बनाने पर काम कर रही है। गिरमिटिया कम्यूनिटी के लोग, किस किस गांव से, किस शहर से बाहर के देशों में गए….इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। वो किन जगहों पर बसे, हम उन स्थानों को भी Identify कर रहे हैं। अतीत से लेकर वर्तमान तक, गिरमिटिया साथियों के पूरे इतिहास को, उनके पूरे सफर को एक जगह लाया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि गिरमिटिया लेगेसी उस पर एक स्टडी हो… किसी यूनिवर्सिटी को इससे जोड़ा जाए… और समय-समय पर वर्ल्ड गिरमिटिया कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की जाए। मॉरीशस और गिरमिटिया कम्यूनिटी से जुड़े अन्य दशों के साथ मिलकर भारत ‘इन्डेन्चर्ड Labor Routes’ अंकित करने पर भी काम करेगा। इन रूट्स से जुडी हेरिटेज साइट्स, जैसे कि मॉरीशस का अप्रवासी घाट है, हम उनको Preserve करने का प्रयास करेंगे।

Friends,

Mauritius is not just a partner country. For us, Mauritius is family. This bond is deep and strong, rooted in history, heritage and the human spirit. Mauritius is also a bridge connecting India to the wider Global South. A decade ago, on my first visit as a prime minister to Mauritius in 2015, I announced India’s SAGAR Vision. SAGAR means ‘SECURITY AND GROWTH for All in the REGION’. Today, Mauritius is still at the heart of this vision. Whether it is investment or infrastructure, commerce or crisis response, India always stands with Mauritius. Mauritius is the first country from the African Union with whom we signed the Comprehensive Economic Cooperation and Partnership Agreement in 2021. It has opened new opportunities, giving Mauritius preferential access to the Indian markets. Indian companies have invested millions of dollars in Mauritius. We have partnered in building critical infrastructure projects for the people of Mauritius. It is boosting growth, creating jobs, and transforming industries. India is a proud partner in capacity building in Mauritius.

Friends,

Mauritius, with vast ocean territories, needs to secure its resources from illegal fishing, piracy, and crimes. As a trusted and reliable friend, India works with Mauritius to protect your national interest and secure the Indian Ocean Region. In times of crisis, India has always stood with Mauritius. When COVID-19 struck, India was the first country to deliver 1 lakh vaccines and essential medicines. When Mauritius faces a crisis, India is the first responder. When Mauritius prospers, India is the first to celebrate. After all, as I said earlier, for us, Mauritius is family.

साथियों,

भारत और मॉरीशस सिर्फ इतिहास से ही नहीं जुड़े हैं… हम भविष्य की संभावनाओं से भी जुड़े हुए हैं। भारत जिन भी सेक्टर में तेज़ी से तरक्की कर रहा है, उनमें मॉरीशस को भी ग्रो करने में सहयोग कर रहा है। मॉरीशस की मेट्रो…इलेक्ट्रिक बसें..सोलर पावर प्रोजेक्ट.. UPI और RuPay card जैसी आधुनिक सुविधाएं.. नई पार्लियामेंट बिल्डिंग… भारत, मित्र भावना से मॉरीशस को सहयोग कर रहा है। आज भारत, दुनिया की पांचवें नंबर की आर्थिक ताकत है। बहुत जल्द भारत, दुनिया की third largest economy बनने वाला है। भारत हमेशा चाहता है कि भारत की ग्रोथ से मॉरीशस को भी पूरा फायदा मिले। इसलिए जब भारत को G-20 की अध्यक्षता मिली तो हमने मॉरीशस को Special Invitee के रूप में शामिल किया था। भारत में हुई समिट में ही, पहली बार अफ्रीकन यूनियन को G-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया। सालों से ये मांग चल रही थी, लेकिन ये पूरी तब हुई, जब भारत को G-20 की प्रेसीडेंसी मिली।

साथियों,

यहां का एक मशहूर गीत है…

तार बांधी धरती ऊपर
आसमान गे माई…
घुमी फिरी बांधिला
देव अस्थान गे माई…
गोर तोहर लागीला
धरती हो माई…

हम धरती को मां मानते हैं। मैं 10 साल पहले जब मॉरीशस आया था, तब मैंने पूरे विश्व को कहा था… कि क्लाइमेट चेंज जैसे विषय पर मॉरीशस को जरूर सुना जाए। मुझे खुशी है कि आज मॉरीशस और भारत मिलकर इस दिशा में दुनिया को जागरूक कर रहे हैं। मॉरीशस…भारत International solar alliance, Global Biofuel alliance जैसे initiative का प्रमुख सदस्य है। आज मॉरीशस एक पेड़ मां के नाम से भी जुड़ा है। आज मैंने और प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम जी ने, एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत, पेड़ भी लगाया है। ये एक ऐसा अभियान है, जिसमें अपनी जन्मदाता मां और धरती मां दोनों से जुड़ाव दिखता है। मैं मॉरीशस के सभी लोगों से भी आग्रह करूंगा कि आप भी इस अभियान का हिस्सा बनिए।

साथियों,

21वीं सदी में, मॉरीशस के लिए अनेक संभावनाएं बन रही हैं। मैं आपको भरोसा देता हूं कि भारत, हर कदम पर मॉरीशस के साथ है। मैं एक बार फिर, प्रधानमंत्री जी का, उनकी सरकार का, और मॉरीशस के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।

आपको फिर से नेशनल डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
नमस्कार।

 

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MJPS/SR