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मैट्रो रेल संपर्क को बढ़ावा : मंत्रिमंडल द्वारा नोयडा-ग्रेटर नोयडा मैट्रो रेल परियोजना का अनुमोदन


प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29.707 कि.मी. दूरी को कवर करते हुए नोयडा-ग्रेटर नोयडा मैट्रो रेल परियोजना का अनुमोदन किया है। परियोजना पूर्णं होने की पूरी लागत 5,503 करोड़ रूपए है।

नोयडा और ग्रेटर नोयडा के बीच मैट्रो रेल संपर्क से लोगों का सफ़र आसान हो जाएगा जिसके कारण बहुत लोग दिल्‍ली के सेटेलाइट शहरों में आने-जाने के इच्‍छुक होंगे। इसके फलस्‍वरूप, इस क्षेत्र में और अधिक आवासीय और वाणिज्‍यक परिसर विकसित होंगे। मैट्रो आने के बाद यहां की सड़कों पर वाहन यातायात कम हो जाएगा जिसके कारण सड़कों पर आवाजाही सुगम हो जाएगी, यात्रा में समय और लागत कम लगेगी, जीवाश्‍म ईंधन की खपत कम होगी तथा पर्यावरणीय प्रदूषण कम होगा। नोयडा-ग्रेटर नोयडा, जहां कि आबादी लगभग 7.50 लाख है, के लोग तथा आस-पास क्षेत्रों के लोगों को इस मैट्रो संपर्क का फायदा मिलेगा।

इस परियोजना का कार्यान्‍वयन नोयडा मैट्रो रेल निगम लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जो भारत सरकार और उत्‍तर प्रदेश सरकार की 50:50 हिस्‍सेदारी की संयुक्‍त स्‍वामित्‍व वाली कंपनी होगी। वर्तमान नोयडा मैट्रो रेल निगम लिमिटेड (एनएमआरसीएल), जो कि एक राज्‍य सरकार की स्‍पे‍शल पर्पज वीकिल (एसपीवी) है, को परियोजना के कार्यान्‍वयन के लिए भारत सरकार (जीओआई) और उत्‍तर प्रदेश सरकार (जीओयूपी) के एक संयुक्‍त एसपीवी में परिवर्तित किया जाएगा।

इस परियोजना से कुशल, अर्द्ध-कुशल और अकुशल कार्यबल का काफी ज्‍यादा प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रोजगार सृजित होगा। परियोजना के निर्माण और प्रचालन चरणों के दौरान व्‍यापक अप्रत्‍यक्ष रोजगार भी सृजित होगा।

विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार, यह परियोजना अप्रैल, 2018 तक पूरी की जानी है। परियोजना के निर्माण कार्य की लगभग 70 प्रतिशत प्रगति तथा समग्र वित्‍तीय की 40 प्रतिशत प्रगति हासिल कर ली गई है।

परियोजना को केंद्रीय मैट्रो अधिनियम (निर्माण कार्य), 1978 और मैट्रो रेलवे (प्रचालन और रखरखाव) अधिनियम, 2002, समय-समय पर यथा संशोधित, के कानूनी ढांचे के अंतर्गत कवर किया जाएगा।

पृष्‍ठभूमि :

उत्‍तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में स्थित नोयडा शहर की स्‍थापना उत्‍तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत की गई। यहां सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्‍ध हैं और इसे राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली (एनसीआर) के एक अति आधुनिक उप-शहरी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, नोयडा और ग्रेटर नोयडा की जनसंख्‍या लगभग 7,50,000 है और यह अनुमान है कि वर्ष 2021 तक यह बढ़कर 19,00,000 हो जाएगी। दिल्‍ली और उसके आस-पास के लोग नोयडा में बसने के लिए इच्‍छुक हैं। नोयडा में 10,000 औद्योगिक इकाइयों को स्‍थापित किए जाने की क्षमता हैं और वर्तमान में 7,500 इकाइयां विकसित होकर कारोबार कर रही हैं। इन औद्योगिक इकाइयों के माध्‍यम से नोयडा 2,00,000 लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार प्रदान करता है। मुख्‍य रूप से नोयडा दिल्‍ली और उत्‍तर प्रदेश तथा हरियाणा के आस-पास के क्षेत्रों से सड़क संपर्क से जुड़ा हुआ है। नोयडा में कोई रेलवे स्‍टेशन नहीं है, इसका निकटतम रेलवे स्‍टेशन हज़रत निजामुद्दीन है, जो लगभग 15 कि.मी. की दूर पर स्थित है। यहां से नजदीकी दिल्‍ली हवाई अड्डे की दूरी लगभग 30 कि. मी. है।

ग्रेटर नोयडा, जिसकी परिकल्‍पना दिल्‍ली में लोगों के पलायन को रोकने के लिए एक सेटेलाइट शहर के रूप में की गई है, के बारे में यह अनुमान किया गया है कि वर्ष 2021 तक यहां की जनसंख्‍या 12,00,000 होगी और यहां 4,50,000 रोजगार अवसरों की संभावना होगी। हालांकि, यहां आवासीय भवनों में लोग बसने लगे हैं, पर यहां का बुनियादी ढांचा अभी विकासशील चरण पर है और इसलिए इसे नोयडा तथा दिल्‍ली से जोड़ने के लिए अच्‍छी कनेक्टिविटी की जरूरत है। ग्रेटर नोयडा में, तुलनात्‍मक रूप से, आवासों की लागत कम होने के कारण लोग यहां रहना पसंद करते हैं और रोजगार के लिए नोयडा/ दिल्‍ली आते हैं। नोयडा और दिल्‍ली के साथ अंतरा-शहर यातायात और संपर्क के लिए ग्रेटर नोयडा को मुख्‍य रूप से सड़क मार्गों पर निर्भर रहना पड़ता है। ग्रेटर नोयडा में कोई रेलवे स्‍टेशन नहीं है। यहां से नदजीकी रेलवे स्‍टेशन बोराकी है, जो ग्रेटर नोयडा में प्रस्‍तावित टर्मिनल मैट्रो स्‍टेशन से 3 कि.मी. की दूरी पर है। ग्रेटर नोयडा का नजदीकी हवाई अड्डा दिल्‍ली है, जो यहां से लगभग 45 कि.मी. की दूरी पर है। यह अनुमान लगाया गया है कि आने वाले वर्षों में नोयडा-ग्रेटर नोयडा क्षेत्र में आबादी में अच्‍छी खासी वृद्धि होगी।