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मंत्रिमंडल ने हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) द्वारा भारतीय उर्वरक निगम लिमिटेड (एफसीआईएल) की गोरखपुर एवं सिंद्री इकाइयों तथा हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक लिमिटेड (एचएफसीएल) की बरौनी इकाई के पुनर्गठन के लिए रियायत समझौते तथा भूमि पट्टा समझौते और पट्टे पर जमीन उपलब्‍ध कराने को मंजूरी दी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति ने निम्‍नलिखित प्रस्‍तावों को मंजूरी दी –

· हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) को पट्टे पर जमीन उपलब्‍ध कराना।

· हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) द्वारा भारतीय उर्वरक निगम की गोरखपुर एवं सिंद्री इकाइयों तथा हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक लिमिटेड (एचएलसीएल) की बरौनी इकाई के पुनर्गठन के लिए रियायत समझौता तथा भूमि पट्टा समझौता उपलब्‍ध कराना।

· गोरखपुर, सिंद्री और बरौनी की तीन परियोजनाओं के लिए एचयूआरएल और एफसीआईएल/एचएफसीएल के बीच समझौते के मद्देनजर वैकल्पिक समझौतों और अन्‍य समझौतों को स्‍वीकृति देने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति को अधिकृत करना।

प्रभाव:

एफसीआईएल/एचएफसीएल के गोरखपुर, सिंद्री और बरौनी इकाइयों के पुनर्गठन से उर्वरक क्षेत्र में पर्याप्‍त निवेश सुनिश्चित होगा। ये इकाइयां जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन (जेएचपीएल) गैस पाइपलाइन के प्रमुख ग्राहक के तौर पर काम करेंगी, जिसे पूर्वी भारत में महत्‍वपूर्ण अवसंरचना के विकास के लिए बिछाया जा रहा है। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पूर्वी क्षेत्र/राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी आएगी। उर्वरक इकाइयों के पुनर्गठन से यूरिया का घरेलू उतपादन बढ़ेगा और परिणामस्‍वरूप यूरिया में आत्‍मनिर्भरता आएगी।

विवरण:

· एनटीपीसी,आईओसीएल, सीआईएल और एफसीआईएल/एचएफसीएल की संयुक्‍त उपक्रम कंपनी एचयूआरएल का गठन जून 2016 में किया गया था, ताकि गोरखपुर, सिंद्री और बरौनी में उर्वरक पुनर्गठन परियोजनाओं को कार्यान्वित किया जा सके।

· इन तीन स्‍थानों पर उर्वरक परियोजनाओं के गठन में एचयूआरएल की सहायता के लिए एफसीआईएल/एचएफसीएल द्वारा एचयूआरएल के साथ पट्टा समझौते पर हस्‍ताक्षर किए जाने हैं। जमीन का पट्टा 55 वर्ष की अवधि के लिए होगा।

· पट्टाधारक (एचयूआरएल) प्रति वर्ष पट्टादाता (एफसीआईएल/एचएफसीएल) को एक लाख रुपये प्रति वर्ष का आंशिक पट्टा किराया देगा।

· एफसीआईएल की सिंद्री और गोरखपुर इकाइयों तथा एचएफसीएल की बरौनी इकाई के लिए रियायत समझौते के मद्देनजर एफसीआईएल/एचएफसीएल तथा एचयूआरएल (रियातय प्राप्‍त) के बीच समझौत होना है, जिसके तहत एचयूआरएल को डिजाइन, इंजीनियरिंग, निर्माण, खरीद, परीक्षण, जांच, संचालन, उर्वरक संयंत्रों के रख-रखाव और उसके उत्‍पादन के विपणन का अधिकार प्राप्‍त हो सके।

· एचयूआरएल को वित्‍त प्राप्‍त करने के लिए भूमि आवंटन के उद्देश्‍य के मद्देनजर एफसीआईएल/एचएफसीएल, विशेष परियोजनाओं के लिए ऋणदाता प्रतिनिधि तथा एचयूआरएल के बीच होने वाले वैकल्पिक समझौते, जो एक त्रिपक्षीय समझौता है, उसके लिए प्रत्‍येक परियोजनाओं के संबंध में ऋणदाता समूह द्वारा हस्‍ताक्षर किये जाने के बाद इस समझौते पर हस्‍ताक्षर किए जाने की आवश्‍यकता होगी।