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मंत्रिमंडल ने सरहिंद फीडर नहर और राजस्थान फीडर नहर को दुरुस्त करने के लिए 825 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी


इन दोहरी परियोजनाओं से पंजाब में मुक्तसर, फरीदकोट और फिरोजपुर में जलभराव को रोका जाएगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 5 वर्षों (2018-19 से 2022-23) के दौरान राजस्थान फीडर नहर और सरहिंद फीडर नहर को दुरुस्त करने के लिए क्रमश: 620.42 करोड़ रुपये और 205.758 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता को मंजूरी दे दी। सरहिंद फीडर को आरडी 119700 से 447927 तक तथा राजस्थान फीडर को 179000 से पंजाब के 496000 तक दुरुस्त किया जाएगा।

प्रभाव:

1. इन दोहरी परियोजनाओं के कार्यान्वयन से दक्षिण-पश्चिम पंजाब में मुक्तसर, फरीदकोट और फिरोजपुर जिलों में 84800 हेक्टेयर भूमि में जलभराव की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी।

2. इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन से दक्षिण-पश्चिम पंजाब में जलभराव की समस्या को दूर करने और इन दोनों नहरों में जलप्रवाह/जल उपलब्धि बढ़ाने में मदद मिलेगी।

3. राजस्थान फीडर को दुरुस्त करने से 98,739 हेक्टेयर भूमि और सरहिंद फीडर को दुरुस्त करने से 69,086 हेक्टेयर भूमि के लिए स्थिर/संशोधित सिंचाई व्यवस्था से क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा।

खर्चः

राजस्थान फीडर और सरहिंद फीडर को केन्द्रीय सहायता के लिए वित्तपोषण एलटीआईएफ के तहत 99 पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के वित्तपोषण की मौजूदा प्रणाली के अंतगर्त नबार्ड के जरिए किया जाएगा।

केन्द्रीय जल आयोग द्वारा परियोजनाओं की मौजूदा निगरानी प्रणाली के अलावा इन परियोजनाओं के संपूर्ण कार्यान्वयन की निगरानी करने के लिए एक विशेषज्ञ परियोजना समीक्षा समिति का गठन किया जा सकता है।

2015 पीएल के आधार पर सरहिंद फीडर नहर को दुरुस्त करने की स्वीकृत लागत 671.478 करोड़ रुपये और राजस्थान फीडर नहर की स्वीकृत लागत 1305.267 करोड़ रुपये है। कुल अनुमानित लागत में 826.168 करोड़ रुपये केन्द्रीय सहायता के रूप में दिया जाएगा, जिसमें से 205.758 करोड़ रुपये सरहिंद फीडर को और 620.41 करोड़ रुपये राजस्थान फीडर को मिलेंगे।

सरहिंद फीडर और राजस्थान फीडर को दुरुस्त करने के लिए क्रमशः 671.478 करोड़ रुपये और 1305.26 करोड़ रुपये के संशोधित लागत अनुमान संबंधी निवेश क्लियरेंस 6 अप्रैल 2016 को मंजूर किया गया।

वर्ष 2016 के दौरान केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक दल ने परियोजनाओं का जायजा लिया था। इसके बाद 2017 के दौरान केन्द्रीय जल आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री एबी पंड्या के नेतृत्व में एक अन्य दल ने परियोजनाओं का जायजा लिया। दलों ने सुधार कार्य शुरू करने का सुझाव दिया था। पंजाब सरकार ने भी 26 अप्रैल, 2018 को अपनी वित्तीय सहमति दे दी थी।

पृष्ठभूमिः

सरहिंद और राजस्थान फीडर हरिके हेड-वर्क्स के ऊपरी प्रवाह से कटकर निकलती हैं तथा राजस्थान से गुजरने से पहले पंजाब से गुजरती हैं। दोनों नहरों के किनारे समान है और इन्हें 1960 के दशक में निर्मित किया गया था। इनका निर्माण खड़ंजा (ईंट) द्वारा बनाया गया था, ताकि पंजाब और राजस्थान के कमान क्षेत्रों में पानी पहुंचाया जा सके।

पंजाब सरकार ने सरहिंद और राजस्थान फीडरों के खड़ंजों में नुकसान होने के कारण पानी के रिसाव की सूचना दी थी। परिणाम स्वरूप इन नहरों में जलप्रवाह में कमी आ गयी थी और आस-पास के इलाकों में जलभराव की समस्या पैदा हो गयी थी। इसके कारण खेती को भारी नुकसान होने लगा था।

परियोजना से जलभराव की समस्या दूर होगी और इन दोनों नहरों में जलप्रवाह/जल उपलब्धि बढ़ाने में मदद मिलेगी।