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मंत्रिमंडल ने संविधान (एक सौ तेइसवां संशोधन) विधेयक 2017 और राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक 2017 को संसद में प्रस्‍तुत करने के लिए मंजूरी दी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने (क.) संविधान (एक सौ तेइसवां संशोधन) विधेयक 2017 और (ख.) राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक 2017 को संसद में प्रस्‍तुत करने के लिए मंजूरी दी है। साथ ही मंत्रिमंडल ने प्रस्‍तावित नए राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए मौजूदा राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पदों और कार्यालय परिसर को बरकरार रखने के लिए भी मंजूरी दी है।

संविधान (एक सौ तेइसवां संशोधन) विधेयक 2017 के जरिये संवैधानिक संशोधन के लिए इन प्रस्‍तावों को मंजूरी दी गई है:

(क.) सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछडे़ वर्गों के लिए अनुच्‍छेद 338बी के तहत राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के नाम से एक आयोग गठित करने और

(ख.) संशोधित परिभाषा के साथ अनुच्‍छेद 366 के तहत धारा 26सी को शामिल करने के लिए। ‘सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग’ का तात्‍पर्य उन पिछड़े वर्गों से है जिन्‍हें इस उद्देश्‍य के लिए संविधान में अनुच्‍छेद 342ए के तहत रखा गया है।

2. विधेयक का उद्देश्‍य:

(क.) राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1993 को रद्द करने के साथ-साथ राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक 2017 में सेविंग क्‍लॉज के लिए।

(ख.) इस तिथि से राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को प्रभावी तौर पर भंग करने के लिए क्‍योंकि इसके बदले केंद्र सरकार इस अधिनियम की धारा 3 की उपधारा 1 के तहत नया राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर सकती है।

3. (क.) अनुच्‍छेद 338बी के तहत गठित होने वाले प्रस्‍तावित राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में मौजूदा राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सभी स्‍वीकृत 52 पदों को शामिल करने के लिए मंजूरी। (ख.) अनुच्‍छेद 338बी के तहत गठित होने वाले राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए मौजूदा राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्यालय परिसर त्रिकुट-1, भिकाजी कामा प्‍लेस, नई दिल्‍ली- 110066 को बरकरार रखने के लिए।

उपरोक्त निर्णय से सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के समग्र कल्याण को बढ़ावा मिलेगा।

संविधान के अनुच्छेद 338बी को शामिल करते हुए राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना करने के लिए प्रस्‍तावित निरसन अधिनियम आवश्यक है।

इस निर्णय से अनुच्छेद 338बी के तहत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्य-निष्पादन में निरंतरता आएगी।