प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) के दायित्व-निर्वहन के तहत भारत के दूसरे द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (बीयूआर) को सम्मेलन में प्रस्तुत करने की मंजूरी दी।
विशेषताएं :
यूएनएफसीसीसी में भारत की दूसरी द्विवार्षिक रिपोर्ट, सम्मेलन में प्रस्तुत पहली द्विवार्षिक रिपोर्ट का अद्यतन रूप है। द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट के पांच प्रमुख घटक हैं : – राष्ट्रीय परिस्थितियां ; राष्ट्रीय ग्रीन हाउस गैस ; शमन आधारित कार्यकलाप ; वित्त, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण संबंधी आवश्यकताएं तथा समर्थन प्राप्ति एवं घरेलू निगरानी, रिपोर्ट व जांच (एमआरवी) आधारित व्यवस्था।
राष्ट्रीय स्तर पर किए गए विभिन्न अध्ययनों के पश्चात द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (बीयूआर) तैयार की गई है।
बीयूआर की समीक्षा विभिन्न स्तरों पर की गई है – विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा, अवर सचिव (जलवायु परिवर्तन) की अध्यक्षता में प्रौद्योगिकी परामर्शदात्री विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई समीक्षा, सचिव (ईएफ एंड सीसी) की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा की गई समीक्षा। राष्ट्रीय संचालन समिति एक अंतर-मंत्रालयी संस्था है जिसमें शामिल हैं – नीति आयोग, कृषि शोध व शिक्षा, कृषि सहयोग और किसान कल्याण, आर्थिक मामलों, विदेशी मामलों, नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, कोयला, ऊर्जा, रेलवे बोर्ड, सड़क परिवहन औऱ राजमार्ग, नौवहन, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, जलसंसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, ग्रामीण विकास, आवास व शहरी मामलें, औद्योगिक नीति व संवर्धन, वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय, इस्पात, नागरिक विमानन, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग। समीक्षा प्रक्रिया के पश्चात सभी संशोधनों व प्रासंगिक टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए दूसरी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (बीयूआर) को अंतिम रूप दिया गया है।
2014 के दौरान भारत की सभी गतिविधियों से कुल 26,07,488 गीगा ग्राम (सीसी-2 समतुल्य* – 2.607 बिलियन टन लगभग) (एलयूएलयूसीएफ को छोड़कर) ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन हुआ। एलयूएलयूसीएफ को शामिल करने के पश्चात कुल उत्सर्जन 23,06,295 गीगा ग्राम (कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य – 2.306 बिलियन टन लगभग) हुआ। कुल उत्सर्जन में ऊर्जा क्षेत्र की हिस्सेदारी 73 प्रतिशत, आईपीपीयू की 8 प्रतिशत, कृषि की 16 प्रतिशत और अपशिष्ट क्षेत्र की 3 प्रतिशत रही। वन भूमि, कृषि भूमि और आबादी के कार्बन सिंक ऐक्शन से उत्सर्जन में 12 प्रतिशत की कमी हुई। वर्ष 2014 के लिए भारत की ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन तालिका निम्न है :
ऊर्जा | 19,09,765.74 |
औद्योगिक प्रक्रिया व उत्पाद उपयोग | 2,02,277.69 |
कृषि | 4,17,217.69 |
अपशिष्ट | 78,227.15 |
भूमि का उपयोग, भूमि उपयोग में बदलाव व वनीकरण (एलयूएलयूसीएफ)** | -3,01,192.69 |
कुल (एलयूएलयूसीएफ को छोड़कर) | 26,07,488.12 |
कुल (एलयूएलयूसीएफ के साथ) | 23,06,295.43 | श्रेणी | कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य (गीगा ग्राम) |
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** ऋणात्मक उत्सर्जन का अर्थ है सिंक ऐक्शन अर्थात वायुमंडल से प्रतिस्थापित कार्बन की कुल मात्रा।
* एक गीगा ग्राम = 109 ग्राम ; ग्रीन हाउस गैसों को उनकी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता का उपयोग करते हुए कार्बन डाइऑक्सइड समतुल्य में परिवर्तित किया जाता है।
प्रमुख प्रभाव
कार्यान्वयन के संबंध में जानकारी प्रदान करने का दायित्व भारत पर है। दूसरी द्विवार्षिक रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण से दायित्व का निर्वहन होगा। भारत इस सम्मेलन का सदस्य देश है।
पृष्ठभूमि :
भारत, संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) का सदस्य देश है। धारा 4.1 और धारा 12.1 के तहत सम्मेलन, विकसित और विकासशील देशों समेत सभी सदस्य देशों को सम्मेलन के सुझावों/दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन से संबंधित जानकारी/रिपोर्ट प्रदान करने का आग्रह करता है। यूएनएफसीसीसी के सदस्य देशों ने 16वें सत्र में अनुच्छेद 60 (सी) निर्णय-1 के तहत यह निश्चित किया था कि अपनी क्षमता के अनुकूल विकासशील देश भी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इन रिपोर्टों में राष्ट्रीय ग्रीन हाऊस गैस तालिका के साथ-साथ उत्सर्जन कम करने के प्रयास, आवश्यकताएं और समर्थन प्राप्ति का भी उल्लेख होगा। अनुच्छेद 41 (एफ) में वर्णित कॉप-17 के निर्णय-2 के अनुसार प्रत्येक दो वर्ष में द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्टें जमा की जाएंगी।