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मंत्रिमंडल ने वित्‍त वर्ष 2018-19 के दौरान नाबार्ड के जरिए स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए अतिरिक्‍त बजट संसाधन को मंजूरी दी


वित्‍त वर्ष 2028-19 के दौरान 15,000 करोड़ रुपये की रकम स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) {एसबीएम(जी)} के लिए अतिरिक्‍त बजट संसाधनों को बढ़ाना; और

पूववर्ती अंतर्राष्‍ट्रीय पेयजल गुणवत्‍ता केन्‍द्र के कार्य-विस्‍तार के लिए उसका नाम राष्‍ट्रीय पेयजल, स्‍वच्‍छता एवं गुणवत्‍ता केन्‍द्र रखा जाना तथा एसबीएम(जी) के लिए ईबीआर प्राप्‍त करने के लिए उसे काम करने के लिए अधिकृत करना ।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल ने निम्‍नलिखित को मंजूरी दी है –

ए)   वित्‍त वर्ष 2018-19 के दौरान नाबार्ड के जरिए स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) {एसबीएम(जी)} के लिए अतिरिक्‍त बजट संसाधन (ईबीआर) (पूर्णरूपेण सरकारी सेवा बांड) के रूप में 15,000 करोड़ रुपये तक निधियों को बढ़ाना।

बी)   अंतर्राष्‍ट्रीय पेयजल गुणवत्‍ता केन्‍द्र नामक सोसायटी के कार्य विस्‍तार को अधिकृत करना, एसबीएम(जी) के लिए ईबीआर निधियों को प्राप्‍त करना, राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों की एजेंसियों के लिए आवंटन और उसका पुनर्भुगतान।

सी)   ‘अंतर्राष्‍ट्रीय पेयजल गुणवत्‍ता केन्‍द्र’ का नाम बदल कर ‘राष्‍ट्रीय पेयजल, स्‍वच्‍छता एवं गुणवत्‍ता केन्‍द्र’ किया जाना।

प्रभाव :

इस निर्णय से स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) और एसएलडब्‍ल्‍यूएम गतिविधियों के लिए ग्राम पंचायतों के तहत लाभ प्राप्‍त करने के लिए योग्‍य लगभग 1.5 करोड़ ग्रामीण घरों को फायदा होगा।

देशभर के गांवों में खुले में शौच से मुक्ति का दर्जा प्राप्‍त करने और उसे कायम रखने के लिए निधियों को इस्‍तेमाल किया जाएगा।

निहित खर्च :

तयशुदा शर्तों के अनुसार ऋण आवंटन की तिथि से 10वें वर्ष के समापन तक एकल भुगतान के रूप में नाबार्ड को 15,000 करोड़ रुपये के ऋण का पुनर्भुगतान किया जाएगा।

राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों की वास्‍तविक आवश्‍यकताओं/खर्चों पर विचार के बाद नाबार्ड के जरिए ईबीआर निधियों को बढ़ाया जाएगा तथा राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों की कार्य एजेंसियों को जारी किया जाएगा। एसबीएम (जी) के लिए निधियां प्राप्‍त करने के संबंध में राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों की कार्य एजेंसियों को उसका आवंटन तथा ऋण और ब्‍याज रकम के पुनर्भुगतान के संबंध में राष्‍ट्रीय पेयजल, स्‍वच्‍छता एवं गुणवत्‍ता केन्‍द्र प्राप्‍तकर्ता एजेंसी के रूप में काम करेगा।

इस प्रकार लक्षित समय सीमा के अन्‍दर एसबीएम (जी) के लक्ष्‍य प्राप्ति के संबंध में राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों के लिए समय पर उचित निधियां प्रदान करने में सहायता होगी।

पृष्‍ठभूमि :

एसबीएम (जी) को 2 अक्‍टूबर 2014 से प्रभावी बनाकर जारी किया गया था। इसके तहत 2 अक्‍टूबर, 2019 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वभौमिक स्‍वच्‍छता कवरेज का लक्ष्‍य पूरा करना है। आईएचएचएल के लिए 12,000 करोड़ रुपये का वित्‍तीय प्रोत्‍साहन दिया जा रहा है। जिसके लिए योग्‍य लाभार्थियों को व्‍यक्तिगत शौचालयों के निर्माण के लिए सहायता दी जाएगी, जो केन्‍द्र और राज्‍यों के बीच वित्‍तीय साझेदारी के आधार पर होगी। एसएलडब्‍ल्‍यूएम गतिविधियों के लिए वित्‍तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिसकी अधिकतम सीमा 500 घरों से अधिक 150/300/500 तक की ग्राम पंचायतों के लिए क्रमश: 7/12/15/20 लाख रुपये होगी। 1ईसी के लिए कुल परियोजना लागत का पांच प्रतिशत राज्‍य/जि़ला स्‍तर पर खर्च किया जा सकता है और 3 प्रतिशत केन्‍द्रीय स्‍तर पर व्‍यय किया जा सकता है। पूर्वोत्‍तर राज्‍यों, जम्‍मू एवं कश्‍मीर और विशेष वर्ग के राज्‍यों को छोड़कर इन गतिविधियों के लिए केन्‍द्र तथा राज्‍यों के बीच निधि साझेदारी 60:40 है। पूर्वोत्‍तर राज्‍यों, जम्‍मू एवं कश्‍मीर और विशेष वर्ग के राज्‍यों के लिए वित्‍तीय साझेदारी 90:10 है।

ग्रामीण भारत में स्‍वच्‍छता के क्षेत्र में स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) तेजी से प्रगति कर रहा है। 31 जुलाई 2018 को भारत में स्‍वच्‍छता कवरेज 88.9 प्रतिशत है। 2 अक्‍टूबर 2014 के बाद से 7.94 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। 4.06 लाख गांव, 419 जिले और 19 राज्‍य तथा केन्‍द्रशासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्‍त घोषित किए जा चुके हैं। प्रगति की रफ्तार बराबर बनी हुई है और भारत अक्‍टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्ति प्राप्‍त करने की राह पर है।

मंत्रिमंडल ने 24 सितम्‍बर 2014 को एसबीएम (जी) को मंजूरी दी थी, जो 2 अक्‍टूबर 2014 से प्रभावी हुई। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2 अक्‍टूबर, 2019 तक सार्वभौमिक स्‍वच्‍छता कवरेज का लक्ष्‍य प्राप्‍त करना तय हुआ था। एसबीएम (जी) के तहत महत्‍वपूर्ण प्रगति हो चुकी है और यह मिशन अपने अंतिम पड़ाव के नजदीक है। सभी राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों में प्रगति की रफ्तार कायम है।

वित्‍त मंत्री द्वारा बजट घोषणाओं के अनुरूप वर्ष 2018-19 के लिए एसबीएम (जी) लक्ष्‍यों की प्राप्ति के संबंध में वित्‍तीय आवश्‍यकताओं को पूरा करने हेतु एसबीएम (जी) के लिए 30,343 करोड़ रुपये की रकम आवंटित की गई थी। प्रस्‍ताव था कि 15,343 करोड़ रुपये आम बजटीय समर्थन और शेष 15,000 करोड़ रुपये अतिरिक्‍त बजट संसाधनों के जरिए जुटाए जाएंगे। इसके बाद आर्थिक कार्य विभाग के सचिव की अध्‍यक्षता में ईवीआर संबंधी संचालन समूह ने नाबार्ड के जरिए एसबीएम (जी) के लिए 2018-19 के दौरान 15,000 करोड़ रुपये तक ईबीआर को बढ़ाने की सिफारिश की थी।