प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और जॉर्जिया के बीच हवाई सेवा समझौते (एएसए) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी है।
दोनों देशों के बीच हुआ यह समझौता इंटरनैशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (आईसीएओ) के नवीनतम टेम्पलेट पर आधारित है और इसे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विकास को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क में सुधार के उद्देश्य से किया गया है। वर्तमान में दोनों देशों के बीच कोई हवाई संपर्क समझौता नहीं है। हवाई संपर्क समझौता दो देशों के बीच हवाई परिचालन के लिए बुनियादी कानूनी ढांचा है।
यह समझौता दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क स्थापित करने में मदद करेगा।
इस हवाई सेवा समझौते की विशेषताएं इस प्रकार हैं:
•दोनों देश एक या एक से अधिक विमानन कंपनी को नामित करने के हकदार होंगे।
•भारतीय विमानन कंपनियां अब भारत के किसी भी शहर से जॉर्जिया के किसी भी शहर के लिए उड़ान सेवा शुरू कर सकती हैं। जबकि जॉर्जिया की विमानन कंपनियां भारत के छह शहरों- नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु, हैदराबाद, चेन्नई और गोवा- के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू कर सकती हैं। इसके अलावा दोनों पक्षों की नामित विमानन कंपनियां मार्ग की सुविधा के लिए किसी भी मध्यवर्ती और बाहरी शहर के लिए भी अपनी सेवाएं दे सकती हैं।
•किसी भी देश की नामित विमानन कंपनी को अपनी हवाई सेवाओं की बिक्री एवं प्रोत्साहन के लिए दूसरे देश में कार्यालय स्थापित करने का अधिकार होगा।
•हरेक पक्ष की नामित विमानन कंपनी अपने या दूसरे पक्ष की नामित विमानन कंपनियों अथवा किसी तीसरे पक्ष के साथ सहकारी विपणन व्यवस्था कर सकती है। ऐसे में यह न केवल सीधा संपर्क सुविधा प्रदान करेगा बल्कि इससे तीसरे देश के साथ भी कनेक्टिविटी स्थापित होगी। यह दोनों देशों की विमानन कंपनियों के लिए व्यावहारिक विकल्प उपलब्ध कराएगा।
भारत और जॉर्जिया के बीच हवाई सेवा समझौते से दोनों देशों के बीच सामान्य व्यापार, निवेश, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विकास के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी। यह दोनों देशों की विमानन कंपनियों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए वाणिज्यिक संभावनाएं मुहैया कराने के साथ ही निर्वाध और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करेगा।