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मंत्रिमंडल ने बुनियादी ढांचा व्यय में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधन जुटाने को मंजूरी दी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुनियादी ढांचा व्यय में तेजी लाने के लिए वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 31,300 करोड़ रुपये जुटाने और 16,300 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय संसाधन (ईबीआर) के एवज में मूलधन एवं ब्याज की अदायगी भारत सरकार द्वारा किए जाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी।

31,300 करोड़ रुपये के ईबीआर में से पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन (पीएफसी), इंडियन रीन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (आईआरईडीए), इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईडब्ल्यूएआई) और नैशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) द्वारा जुटाई जाने वाली रकम का वित्तपोषण भारत सरकार द्वारा किए जाने का प्रस्ताव है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि पीएफसी, आईआरईडीए, आईडब्ल्यूएआई और नाबार्ड द्वारा जुटाई जाने वाली 16,300 करोड़ रुपये की ईबीआर के संदर्भ में मूलधन और ब्याज का वित्तपोषण संबंधित मंत्रालयों/विभागों की मांग पर उचित बजटीय प्रावधान के जरिये भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

यह पहल अधिक टिकाऊ विकास के लिए बुनियादी ढांचा खर्च में सुधार और राजस्व-पूंजी मिश्रित व्यय में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों को बल देने उद्देश्य से की गई है।

पृष्ठभूमिः

बुनियादी ढांचा पर व्यय देश में टिकाऊ विकास के आकलन का एक महत्वपूर्ण मानदंड है। कुल व्यय के मुकाबले पूंजीगत व्यय का अनुपात इसे मापने का एक प्रमुख पैमाना है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बजट भाषण 2016-17 में बुनियादी ढांचा व्यय में तेजी लाने पर जोर दिया गया। सरकार वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान एनएचएआई, पीएफसी, आरईसी, आईआरईडीए, नाबार्ड और इनलैंड वाटर अथॉरिटी को बॉन्ड के जरिये 31,300 करोड़ रुपये तक की रकम जुटाने की अनुमति देगी।