पटना में सार्वजनिक परिवहन और कनेक्टिविटी को बढ़ावा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने पटना मेट्रो रेल परियोजना के दो मेट्रो रेल कॉरिडोर (i) दानापुर से मीठापुर (ii) पटना रेलवे स्टेशन से नए आईएसबीटी तक के कॉरिडोर के निर्माण के लिए अपनी मंजूरी दी हैं। इसकी अनुमानित लागत 1,3365.77 करोड़ रुपये है।
परियोजना विवरण:
यह परियोजना पांच साल में पूरी होगी।
दानापुर कैंट से मीठापुर कॉरिडोर शहर के बीचों-बीच होकर गुजरेगा और घनी आबादी वाले इलाकों रज़ा बाज़ार, सचिवालय, उच्च न्यायालय और लॉ यूनिवर्सिटी रेलवे स्टेशन को जोड़ेगा।
पटना जंक्शन से आईएसबीटी कॉरिडोर गांधी मैदान,पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय, राजेंद्र नगर, महात्मा गांधी सेतु, ट्रांसपोर्ट नगर और आईएसबीटी को जोड़ेगा।
यह मेट्रो शहर के निवासियों, औद्योगिक श्रमिकों, आगंतुकों और यात्रियों को पर्यावरण के अनुकूल और स्थायी सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराएगी।
पटना मेट्रो परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
दानापुर से मीठापुर कॉरिडोर की लंबाई 16.94 किमी है, जो अधिकतर भूमिगत (11.20 किमी) है और कहीं कहीं एलिवेटेड (5.48 किमी) है और इसमें 11 स्टेशन (3-एलिवेटेड और 8-भूमिगत) शामिल हैं।
पटना स्टेशन से नए आईएसबीटी कॉरिडोर की लंबाई 14.45 किलोमीटर है, जो अधिकतर एलिवेटेड (9.9 किमी) है और कहीं-कहीं भूमिगत (4.55 किमी) है और इसमें 12 स्टेशन (9-एलिवेटेड और 3-भूमिगत) शामिल हैं।
पटना समुदाय क्षेत्र की मौजूदा आबादी 26.23 लाख है जिसे पटना मेट्रो रेल परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होने की उम्मीद है।
स्वीकृत कॉरिडोर में रेलवे स्टेशनों और आईएसबीटी स्टेशन के साथ मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन होगा और इसमें बसों का फीडर नेटवर्क, मध्यवर्ती सार्वजनिक परिवहन और गैर-मोटरीकृत परिवहन उपलब्ध होंगे। इस परियोजना में ट्रांजिट जन्य विकास (टीओडी) और विकास अधिकारों के हस्तांतरण (टीडीके) के माध्यम से किराये और विज्ञापन के साथ-साथ वेल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग (वीसीएफ) से गैर-किराया बॉक्स राजस्व प्राप्त होगा।
इस मेट्रो रेलवे कॉरिडोर के साथ-साथ बसे आवासीय क्षेत्रों को इस परियोजना से बहुत लाभ होगा। इन क्षेत्रों के लोग शहर के विभिन्न क्षेत्रों में आसानी से पहुंचने के लिए अपने आसपास के स्टेशनों से मेट्रो रेल में सवार होकर यात्रा करने में समर्थ होंगे।