प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के ग्रुप-ए कार्यपालक संवर्ग की संवर्ग समीक्षा को मंजूरी दे दी है। सीआईएसएफ के वरिष्ठ ड्यूटी पदों में सुपरवाइजरी स्टाफ बढ़ाने के लिए सहायक कमांडेंट से अपर महानिदेशक के रैंकों तक विभिन्न रैंकों में 25 पदों के सृजन का प्रावधान है।
सीआईएसएफ संवर्ग को नया ढांचा देने से ग्रुप ए के 1252 से बढ़कर 1277 हो जाएंगे। अपर महानिदेश के दो पद बढेंगे महानिरीक्षक के 7 पद बढेंगे और उप महानिरीक्षक के 8 पद तथा कमांडेंट के 8 पद बढेंगे।
प्रभाव:
सीआईएसएफ में ग्रुप के इन पदों के सृजन के बाद बल की सुपरवाइजरी दक्षता तथा क्षमता सृजन में वृद्धि होगी। ग्रुप ए पदों की संवर्ग समीक्षा में प्रस्तावित पदों के समय पर सृजन से बल की सुपराइजरी और प्रशासनिक क्षमताएं बढेंगी।
पृष्ठभूमि:
सीआईएसएफ अधिनियम 1968 के माध्यम से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अस्तित्व में आया। इस अघिनियम में 1983 में संशोधन करते हुए बल को संघ का सशस्त्र बल घोषित किया गया। सीआईएसएफ का मूल चार्टर तथा सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों की संपत्ति को संरक्षा तथा सुरक्षा मुहैया कराना था। अधिनियम में आगे 1989, 1999 तथा 2009 में संशोधन किए गए ताकि ड्यूटी चार्टर को व्यापक बनाया जा सके। निजी क्षेत्र की ईकाइयों को सुरक्षा कवर प्रदान किया जा सके और केंद्र सरकार द्वारा सौंपे जाने वाली अन्य ड्यूटियों को पूरा किया जा सके।
सीआईएसएफ केवल तीन बटालियनों की स्वीकृत शक्ति के साथ 1969 में अस्तित्व में आया। 12 रिजर्व बटालियनों तथा मुख्यालयों को छोड़कर सीआईएसएफ का अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तरह अपना बटालियन स्वरूप नहीं होता। वर्तमान में यह बल 336 औद्योगिक प्रतिष्ठानों (59 हवाई अड्डों सहित) को सुरक्षा प्रदान कर रहा है। 1969 में 3192 की स्वीकृत संख्या बल के साथ प्रारंभ इस बल की शक्ति 30.6.2016 को बढ़कर 1,49,088 हो गई है। सीआईएसएफ का मुख्यालय नई दिल्ली में है। संगठन का नेतृत्व महानिदेशक करते हैं। महानिदेशक का पद संवर्ग बाह्य पद है।