प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत द्वारा आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर अनुसमर्थन के लिए नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के प्रस्ताव को अपनी पूर्व कायोत्तर मंजूरी दे दी है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क सम्मेलन के तहत 21वीं सीओपी बैठक के दौरान 30 नवंबर 2015 को भरत के प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति ने संयुक्त रूप से आईएसए को शुरू किया था।
आईएसए समन्वित अनुसंधान, कम लागत के वित्तपोषण और शीघ्र परिनियोजन के लिए सौर संपदा संपन्न 121 से अधिक देशों को साथ लाने की कोशिश करेगा। आईएसए मुख्यालय की आधारशिला हरियाणा के गुड़गांव के ग्वाल पहाड़ी में रखी गई थी। भारत आईएसए के संचालन में आवश्यक मदद करने के लिए पहले से ही प्रतिबद्ध है। आईएसए भारत को जलवायु एवं अक्षय ऊर्जा मामलों में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व की भूमिका में रखेगा। यह उसे अपने सौर कार्यक्रमों के प्रदर्शन के लिए एक मंच भी उपलब्ध कराएगा।
पृष्ठभूमिः
मार्राकेश, मोरक्को में आयोजित 22वीं सीओपी बैठक के दौरान इस समझौते को हस्ताक्षर के लिए रखा गया था। इस समझौते में आईएसए पर पेरिस घोषणा और भावी सदस्य देशों की दृष्टियों को शामिल किया गया है। यूएनडीपी और विश्व बैंक आईएसए के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। फ्रेमवर्क समझौते पर अब तक 25 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं।