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मंत्रिमंडल द्वारा वैकल्पिक औषधी के क्षेत्र में सहयोग पर जर्मनी और भारत के बीच अभिरूचि की संयुक्‍त घोषणा का अनुमोदन


प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वैकल्पिक औषधी के क्षेत्र में सहयोग पर जर्मनी और भारत के बीच अभिरूचि की संयुक्‍त घोषणा (जेडीआई) का अनुमोदन किया है।

जेडीआई पर हस्‍ताक्षर किए जाने से पारंपरिक/ वैकल्पिक औषधी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ेगा। दोनों देशों के बीच जेडीआई के तहत वैकल्पिक औषधियों के क्षेत्र में सहयोगात्‍मक अनुसंधान आरंभ करने, प्रशिक्षण तथा वैज्ञानिक क्षमता विकसित किए जाने से आयुष क्षेत्र में रोजगार के बढ़ते अवसर सृजित होंगे।

इसमें कोई और अतिरिक्‍त वित्‍तीय पहलु शामिल नहीं हैं। अनुसंधान करने, प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों, सम्‍मेलनों/ बैठकों के आयोजन हेतु आवश्‍यक वित्‍तीय संसाधनों की पूर्ति आयुष मंत्रालय को वर्तमान में आवंटित बजट तथा वर्तमान योजनागत स्‍कीमों से की जाएगी।

पृष्‍ठभूमि:

भारत पारंपरिक औषधियों के सुव्‍यस्थित विकसित तंत्रों से समद्ध है, जिनकी वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य परिदृश्‍य में अपनी छाप छोड़ने की अपार क्षमता है। पारंपरिक औषधी तंत्रों में जर्मनी की काफी ज्‍यादा रूचि है। आयुष मंत्रालय ने, वैश्विक स्‍तर पर भारतीय औषधी तंत्रों का प्रसार करने हेतु अपने अधिदेश के भाग के रूप में, चीन, मलेशिया, त्रिनिडाड एवं टोबेगो, हंगरी, बांगलादेश, नेपाल, मोरीशस, मंगोलिया और म्‍यांमार के साथ एमओयू कर कारगर कदम उठाए हैं।

मंत्रालय ने बर्लिन में भारतीय राजदूतावास की सिफारिश और सहयोग से जर्मनी में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए अनेक पहलें की हैं। एक सबसे बड़ी पहल है घुटने के ऑस्टियो अर्थराइटिस (अस्थि-संधि शोथ रोग) पर केंद्रीय आयुर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) और चेराइट यूनीवर्सिटी, बर्लिन के बीच सहयोगात्‍मक अनुसंधान परियोजना। इस परियोजना के परीक्षण के परिणाम उत्‍साहवर्धक हैं और क्लिनिकल जांच में रोगियों में काफी सुधार देखा गया है। इस संबंध में एक अध्‍ययन सफलतापूर्वक पूरा किया गया है जिसका अभी प्रकाशन किया जा रहा है।

दूसरे यूरोपीय विश्‍व आयुर्वेद सम्‍मेलन (ईडब्‍ल्‍यूएसी) में भाग लेने तथा जर्मनी में प्राधिकारियों से बातचीत करने के लिए आयुष मंत्रालय के माननीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री सिरीपद येसो नायक के नेतृत्‍व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिनांक 15-19 अक्‍तूबर 2016 को जर्मनी का दौरा किया। इस सम्‍मेलन को आयुष मंत्रालय ने अपना पूरा समर्थन दिया। दौरे के दौरान जर्मनी की संसद की विदेश सचिव सुश्री इनग्रिड फिश्‍चबैक और आयुष मंत्रालय के माननीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) के बीच एक द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसके दौरान दोनों देशों ने आयुष और प्राकृतिक औषधी के क्षेत्र में एक जेडीआई के मसौदे के टिप्‍पण और मोल-भाव (नेगोसिएशन) की प्रक्रिया आरंभ करने पर आपसी सहमति जताई। यह उम्‍मीद की जाती है कि जेडीआई से भारत-जर्मनी संबंधों को मजबूती मिलेगी और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा।