प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल को सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्टॉनिक्स के क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए भारत और श्रीलंका के बीच हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन के बारे में अवगत कराया गया।
इस समझौता ज्ञापन पर 15 जनवरी, 2018 को विधि और न्याय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद की श्रीलंका यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य ई-गर्वंनेस, एम गर्वंनेस, ई-पब्लिक सर्विसेज डिलीवरी, साइबर सुरक्षा, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, स्टार्ट-अप इको सिस्टम आदि क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देना है।
सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स पर दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों का कार्य समूह बनाकर समझौते को कार्यान्वित किया जाएगा। आईसीटी क्षेत्र में बी2बी तथा जी2जी द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाया जाएगा।
पृष्ठभूमिः
इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को द्विपक्षीय तथा सहयोग के क्षेत्रीय ढांचे के अंतर्गत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के ऊभर रहे और अग्रणी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहन देने का दायित्व सौंपा गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईसीटी के क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देने तथा सूचना आदान-प्रदान के लिए विभिन्न देशों के समकक्ष सगंठनों/एजेंसियों से समझौता ज्ञापन/समझौता किया है। विभिन्न देशों से सहयोग को और बढ़ाने के लिए, विशेषकर भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि जैसी नई पहलों को देखते हुए, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में व्यावसायिक अवसरों को तलाशने की आवश्यकता बढ़ी है।
2015 में प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा ने भारत की पड़ोसी प्रथम-नीति में ऊर्जा का संचार किया। आईटी क्षेत्र में सहयोग विस्तार के लिए कोलंबो स्थित भारतीय मिशन और विदेश मंत्रालय ने सक्रिय सहयोग के लिए एक रूपरेखा विकसित करने पर बल दिया था। इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ई-गर्वंनेस, साइबर सुरक्षा, बी2बी पार्टनरशिप क्षेत्र, आईटी शिक्षा तथा अनुसंधान/नवाचार जैसे आईसीटी क्षेत्रों में सहयोग के लिए व्यापक समझौता ज्ञापन पर वार्ता की थी।