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भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित कौशल विकास योजनाओं के सामान्‍य नियम


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमण्‍डल ने कल भारत सरकार के विविध मंत्रालयों/विभागों द्वारा कार्यान्वित समस्‍त कौशल विकास योजनाओं के सामान्‍य नियम प्रारंभ किये जाने को स्‍वीकृति दे दी।

वर्तमान में भारत सरकार द्वारा 70 से ज्‍यादा कौशल विकास कार्यक्रम (एसडीपी) चलाए जा रहे हैं, जिनमें से प्रत्‍येक की पात्रता अहर्ताएं, प्रशिक्षण की अवधि, प्रशिक्षण की लागत, निष्‍कर्ष, निगरानी एवं ट्रेकिंग व्‍यवस्‍था आदि के अपने नियम हैं। नियमों और मानकों के इस वैविध्‍य के कारण एसडीपी के प्रभाव में बिखराव है, जिन्‍हें परिकल्पित अंतिम निष्‍कर्ष प्राप्‍त करने के लिए व्‍यवस्थित किये जाने की जरूरत है। सामान्‍य नियम जानकारी, निष्‍कर्ष, निधियन/लागत नियम, तीसरे पक्ष का प्रमाणन एवं आकलन, निगरानी/ट्रेकिंग व्‍यवस्‍था और प्रशिक्षण देने वालों को कौशल विकास प्रक्रियाओं और व्‍यवस्‍थाओं की पूर्ण रेंज को तर्कसंगत बनाने का प्रयास करते हैं।

सामान्‍य नियम देश में ‘कौशल विकास’ संबधी गतिविधियों, कौशल विकास पाठ्यक्रमों और राष्‍ट्रीय कौशल गुणवत्‍ता ढांचे के साथ उनकी अनुरूपता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए व्‍यापक इनपुट मानकों और इन कार्यक्रमों से अपेक्षित निष्‍कर्षों को परिभाषित करते हैं। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के निष्‍कर्षों को नए प्रशिक्षुओं और साथ ही साथ वर्तमान कामगारों, दोनों के लिए वेतन और स्‍वरोजगार के संदर्भ में प्राप्‍त स्थिति के संदर्भ में परिभाषित किया गया है। सामान्‍य नियमों का लक्ष्‍य निष्‍कर्षों पर केंद्रित होने के कारण कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए लागत नियम और धन के प्रवाह की व्‍यवस्‍था को विशिष्‍ट निष्‍कर्षों की प्राप्ति से जोड़ा गया है। लागत नियमों में प्रत्‍याशियों को संघटित करने, प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण, नियुक्ति का खर्च, नियुक्ति के बाद ट्रेकिंग/निगरानी और बुनियादी ढांचे की लागत शामिल है।

प्रस्‍ताव में केंद्र सरकार की कौशल विकास योजनाओं में एकरूपता लाने और मानकीकरण करने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव की अध्‍यक्षता में सामान्‍य नियम समिति के गठन की परिकल्‍पना की गई है। समिति में संबद्ध केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्‍य सरकारों, राष्‍ट्रीय कौशल विकास एजेंसी (एनएसडीए) और राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के आठ अन्‍य प्रतिनिधि शामिल होंगे साथ ही ऐसे विशेषज्ञों और महत्‍वपूर्ण हितधारकों को आमंत्रित करने का प्रावधान भी होगा, जो निर्णय लेने की प्रक्रिया में आवश्‍यक हो सकते है। इस समिति को कौशल विकास कार्यक्रमों के सामान्‍य नियमों, अधिसूचना के कार्यक्रमों, प्रशिक्षण लागत और धन संबंधी नियमों में संशोधन/सुधार करने का अधिकार होगा। सामान्‍य नियम जहां विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों द्वारा कार्यान्वित की जा रही भारत सरकार की कौशल विकास योजनाओं में लागू होंगे, वहीं राज्‍य सरकारों द्वारा भी एकरूपता और मानकीकरण के लिए अपनी कौशल विकास योजनाओं को सामान्‍य नियमों के अनुरूप बनाने की सम्‍भावना है।