प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में कोयला और लिग्नाइट प्रभावित इलाकों में भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) के विकास के लिए एक नीतिगत ढांचे को मंजूरी दे दी है। यूसीजी कोयला/लिग्नाइट संसाधनों से ऊर्जा निस्सारण की विधि है, जिसमें विविध परम्परागत खनन विधियों के माध्यम से अलाभकर तरीके से काम किया जाता है।
राजस्व साझेदारी के आधार पर कोल बेड मीथेन (सीबीएम) के विकास की मौजूदा नीति की तर्ज पर प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से ब्लॉकों की प्रस्ताव के लिए पहचान की नीति अपनाई जाएगी। यूसीजी के विकास की परिकल्पना ऊर्जा संरक्षण के रूप में की गई है। संबंधित मंत्रालयों के सदस्यों वाली कोयला मंत्रालय के अधीन एक अंतर-मंत्रालयी समिति इलाकों की पहचान करने, बोली के लिए ब्लॉकों के बारे में निर्णय लेने या नामांकन के आधार पर सार्वजनिक उपक्रमों को उन्हें देने के लिए जिम्मेदार होगी।
कोयला मंत्रालय अनुबंध दस्तावेज़ बनाने के लिए किसी सलाहकार को शामिल कर सकता है। बोली दस्तावेज, काम की योजना, बोली प्रक्रिया का आयोजन, बोलियों की मूल्यांकन, निगरानी और प्रक्रिया प्रोटोकॉल आदि के लिए केंद्रीय खनन परियोजना और परिकल्पना संस्थान लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल) नोडल एजेंसी होगी।
अगले दो वर्षों में पता लगाए गए कुछ ब्लॉकों की प्रस्ताव के लिए पहचान की जाएगी। बाद में, लंबी अवधि में अतिरिक्त ब्लॉक की प्रस्ताव के लिए पहचान की जाएगी।