भारत और भूटान अनुकरणीय द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं, जो सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और परस्पर समझ, मैत्री के मजबूत बंधन और लोगों के बीच निकट संपर्कों द्वारा परिलक्षित हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री श्री दाशो शेरिंग टोबगे के बीच थिम्पू में सार्थक और व्यापक चर्चा हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने इस असाधारण द्विपक्षीय साझेदारी को भविष्य में नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
दोनों नेताओं ने भूटान के पनबिजली क्षेत्र के विकास और क्षेत्र को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने में स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी के शानदार योगदान को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन की दिशा में भूटान की कंपनियों और तकनीकी एजेंसियों की बढ़ती घरेलू क्षमता की सराहना की। प्रधानमंत्री श्री टोबगे ने हाल के वर्षों में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय वृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और भारत के राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसी पहल को बढ़ावा देने में नेतृत्वकारी भूमिका के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी को बधाई दी।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की और इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि संयुक्त रूप से कार्यान्वित की गई परियोजनाएं अच्छी तरह से काम कर रही हैं और भूटान के आर्थिक विकास में योगदान दे रही हैं। 720 मेगावाट की मंगदेछू पनबिजली परियोजना की सफलता के आधार पर, दोनों नेता इस वर्ष 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II पनबिजली परियोजना को चालू करने के लिए उत्सुक हैं। दोनों पक्षों ने 1200 मेगावाट पुनात्सांगछू-I एचईपी के लिए तकनीकी रूप से सुदृढ़ और किफायती रूप से आगे बढ़ने के बारे में सकारात्मक विशेषज्ञ-स्तरीय चर्चा का स्वागत किया।
4. दोनों प्रधानमंत्रियों ने निम्नलिखित पर सहमति व्यक्त की:
दोनों प्रधानमंत्रियों ने पारस्परिक लाभ के लिए संयुक्त विजन वक्तव्य के आधार पर परियोजनाओं और पहलों में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की।
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