प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और चिली के मध्य भारत-चिली अधिमान्य व्यापार समझौते (पीडीए) के विस्तार के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। चिली के साथ भारत के निर्यात बास्केट में विविधता है और चिली द्वारा पेशकश की गई टैरिफ लाइनों की व्यापक विविधता को देखते हुए विस्तारित पीटीए से भारत को बहुत लाभ होगा। विस्तारित पीटीए के अधीन चिली ने 30 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक अधिमान के मार्जिन (एमओपी) के साथ 1798 टैरिफ लाइनों पर भारत को रियायतें देने की पेशकश की है। भारत ने 10 से 100 प्रतिशत तक एमओपी के साथ 8 अंकों के स्तर पर 1031 टैरिफ लाइनों पर चिली को रियायतें देने का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्तावित विस्तारित पीटीए के अधीन चिली को होने वाला भारत का 86 प्रतिशत निर्यात रियायतों के अंतर्गत आ जाएगा, जिससे निकट भविष्य में हमारा निर्यात दो गुना होने की संभावना हो जाएगी।
भारत और चिली के बीच एक अधिमान्य व्यापार समझौते पर मार्च 2006 में हस्ताक्षर हुए थे। यह कथित पीटीए अगस्त 2007 से लागू हुआ। 2006-07 के दौरान चिली भारत के लिए 51वें निर्यात गंतव्य स्थान पर था। 2006-07 वर्ष के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा था। पीटीए प्रभावी हाने के बाद सितंबर 2007 से व्यापार गतिशीलता में परिवर्तन हुआ। वर्ष 2006-07 से 2014-15 तक द्विपक्षीय व्यापार में 58.49 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। 2014-15 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 3.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया , जिसमें निर्यात और आयात क्रमश: 0.57 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 3.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा था।
चिली के साथ भारत के दोस्ताना संबंध हैं। चिली अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के साथ सहयोग कर रहा है। भारत-चिली पीटीए के विस्तार से दोनों देशों के मध्य व्यापार और आर्थिक संबंधों में और बढ़ोतरी होगी। यह विस्तार भारत-चिली संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा, जो भारत और एलएसी देशों के बीच मौजूदा परंपरागत भाईचारे के संबंधों को और मजबूत बनाएगा।