प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और जर्मनी के शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय के बीच भारत–जर्मन संवहनीयता केन्द्र (आईजीसीएस) के बारे में संयुक्त प्रयोजन घोषणा पत्र से अवगत कराया गया। संयुक्त प्रयोजन घोषणा पत्र प्रधानमंत्री और जर्मनी के चांसलर के बीच बर्लिन में चौथे अंतर सरकारीय विचार-विमर्श के दौरान 30 मई 2017 को सम्पन्न हुआ। संयुक्त प्रयोजन घोषणा पत्र पर केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्ष वर्धन और जर्मनी के शिक्षा और अनुसंधान मंत्री प्रोफेसर डॉ. जोहाना वांका ने हस्ताक्षर किये।
भारत–जर्मन संवहनीयता केन्द्र के बारे में संयुक्त प्रयोजन घोषणा पत्र का उद्देश्य मौलिक और व्यावहारिक वैज्ञानिक अनुसंधान के बारे में जर्मनी और भारत के वैज्ञानिकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें नीतिगत सहयोग, अध्यापन, प्रशिक्षण और निरन्तर विकास और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अंतर्विषयक/परा-विषयक अनुसंधान के जरिये सूचना का प्रसार शामिल है। भारत–जर्मन संवहनीयता केन्द्र भारत और जर्मनी में अन्य विश्वविद्यालयों,संस्थानों और उद्योगों के साथ नेटवर्क का विस्तार करके भविष्य में सहयोग को बढ़ाएगा। भारत की ओर से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास आईजीसीएस के लिए मेजबान संस्थान के रूप में कार्य करेगा।
संयुक्त प्रयोजन घोषणा पत्र के अंतर्गत आवश्यक संस्थागत ढांचा विकसित किया जाएगा ताकि डीएसटी और बीएमबीएफ द्वारा आईआईटी मद्रास में आईजीसीएस की सहायता के लिए धन राशि प्रदान की जा सके। डीएसटी निरन्तर विकास के लिए जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए आईजीसीएस को अनुदान देगा। डीएसटी और बीएमबीएफ जनवरी 2018 से 5 वर्ष की अवधि के लिए आईजीसीएस की संयुक्त रूप से सहायता करेंगे।