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भारत और अमेरिका मित्रता की दिल्ली घोषणा


चलें साथ-साथ। अपने घनिष्ठ संबंधों को दर्शाते हुए हमारे दो महान लोकतंत्र भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका सुदृढ़ मित्रता और हमारे दो देशों के संबंधों को व्यापकता देने वाली घोषणा के साथ पुरानी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर सहमत हैं।

साझा प्रयास, सबका विकास। संबंधों को मजबूत बनाने वाले हमारे प्रत्येक कदम अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति, समृद्धि और आने वाले वर्षों के लिए स्थिरता को स्वरूप देने की दिशा में एक कदम है।

हमारे दो राष्ट्रों के स्वाभाविक जुड़ाव का संकेत देते हुए यह घोषणा उच्चस्तरीय विश्वास और समन्वय की घोषणा करती है जो बेहतर विश्व के लिए सभी मानवीय क्षेत्रों में हमारी सरकारों और जनता को एक साथ आकर्षित करेगी।

सितंबर 2014 में मंजूर भारत-अमेरिका विज़न विज्ञप्ति ने हमारे दो राष्ट्रों की समृद्धि एवं शांति के लिए दीर्घकालिक साझेदारी की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसी प्रतिबद्धता के माध्यम से हमारे देश एक साथ अपने नागरिकों तथा विश्व समुदाय को सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए काम करेंगे। घोषणा हमारे दो देशों को दो लोकतंत्रों की अंतर्निहित क्षमता के उपयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त करती है और हमारे संबंधों को ऊपर उठाने और मतभेद के क्षेत्रों की ओर हमारी सरकारों की प्रतिबद्धता जताती है।

मित्रता की घोषणा के माध्यम से और हमारे राष्ट्रीय सिद्धांतों और कानूनों को ध्यान में रखते हुए हम सम्मान करते हैः  

·    लोकतंत्र सक्षम गवर्नेंस और मौलिक स्वतंत्रताओं के जरिए हमारी जनता के लिए समान अवसर का।

·    एक मुक्त, न्यायपूर्ण सतत और समावेशी नियम आधारित विश्व व्यवस्था का।

·    द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने के महत्व का।

·    राष्ट्रीय, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय प्रयासों से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समाप्त करने और नए उपायों को अपनाने का महत्व का।

·    सतत समावेशी विकास का हमारे दो देशों तथा विश्व पर पड़ने वाले लाभकारी प्रभाव का।

·    रोजगार सृजन, समावेशी विकास तथा आय बढाने वाली आर्थिक नीतियों का मूल केन्द्र का।

·    समाज के सभी सदस्यों के उत्थान तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापार और आवश्यक निवेश को प्ररित करने वाला पारदर्शी व नियम आधारित बाजार का।

मित्रता की इस घोषणा के भाग के रूप में हम प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैः

·  बढ़ती अवधि के साथ नियमित शिखर बैठकों का आयोजन।

·  रणनीतिक वार्ता को रणनीतिक एवं वाणिज्कि वार्ता का दर्जा देना, जिसमें रणनीतिक तत्वों की अध्यक्षता भारत और अमेरिका के विदेश मंत्री करेंगे और बातचीत के वाणिजिक घटकों पर भारत-अमेरिका के वाणिज्य मंत्री वार्ता करेंगे। यह व्यवस्था पारस्परिक समृद्धि, क्षेत्रीय आर्थिक वृद्धि एवं स्थायित्व को बढ़ाने के लिए वाणिज्यिक और आर्थिक संबंधों की मजबूती के प्रति अमेरिका और भारत की प्रतिबद्धता दर्शाती है।

·  भारत के प्रधानमंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हॉटलाइन की स्थापना।

·  रणनीतिक महत्व की परियोजनाओं पर साझा उद्यम विकसित करने में सहयोग।

·  सार्थक सुरक्षा और कारगर आतंकवाद विरोधी सहयोग।

·   क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय वार्ता का आयोजन।

·   बहुराष्ट्रीय मंचों पर नियमित विचार-विमर्श एवं परामर्श।

·   पूरे विश्व में सतत एवं समावेशी विकास बढ़ाने के लिए हमारे लोगों की मजबूती और उनकी योग्यता का लाभ लेना।