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भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड का निवेश बढ़ाने को कैबिनेट की मंजूरी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड (बीओआरएल) में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निवेश में वृद्धि किये जाने को मंजूरी दे दी है। निवेश की राशि को डीपीई द्वारा 5 अगस्त, 2005 को जारी दिशा-निर्देशों से परे कन्वर्टिबल वारंट्स/अन्य प्रपत्रों की खरीदारी के माध्यम से अधिकतम 3000 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है, जिसे बीओआरएल द्वारा जारी किए जाने वाले इक्विटी शेयरों में परिवर्तित करने का अधिकार होगा।

बीपीसीएल द्वारा धन लगाने से बीओआरएल निवल संपत्ति (नेट वर्थ) में कमी के कारण पड़ रहे असर को कम करने में सक्षम हो सकेगी। इससे देश के उत्तरी और मध्य भागों में पेट्रोलियम उत्पादों की उपलब्धता में बढ़ोतरी होने के अलावा मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास तथा राज्य में रोजगार सृजन और कर से होने वाली आमदनी में काफी वृद्धि होगी।

पृष्ठभूमि :

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है। इसने ओमान ऑयल कंपनी लिमिटेड (ओओसीएल) के साथ मिलकर भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड (बीओआरएल) नामक एक संयुक्त उद्यम कंपनी को प्रमोट किया है। बीओआरएल ने मध्य प्रदेश के बीना में जून 2011 में लगभग 12,754 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ 6 एमएमटीपीए (120 हजार बैरल प्रतिदिन) की क्षमता वाली रिफाइनरी चालू की है। वर्तमान में रिफाइनरी अपनी 100 प्रतिशत स्थापित क्षमता के साथ परिचालन कर रही है।

कंपनी ने अब रिफाइनरी में तेल परिशोधन क्षमता को 6 एमएमटीपीए से बढ़ाकर 7.8 एमएमटीपीए करने के लिए उत्पादन बढ़ाने संबंधी उपाय (डीबॉटलनेकिंग) परियोजना शुरू करने का प्रस्ताव किया है। इसकी अनुमानित लागत 3,072 करोड़ रुपये है और पर्यावरण संबंधी मंजूरी प्राप्त करने की तिथि (जीरो डेट) से लेकर 36 महीनों की अवधि में इसका समग्र कार्यान्वयन किया जाना है। उत्पादन बढ़ाने के उपाय संबंधी प्रस्ताव की मुख्य विशेषताओं में नई ऑटो फ्यूल पॉलिसी के अनुरूप उत्‍पादों का उत्पादन करने के लिए कुछ बदलाव किया जाना शामिल है।

इसलिए, बीओआरएल में शेयरधारकों द्वारा तत्काल धन लगाने की आवश्यकता है। ओओसीएल ने इस परियोजना के लिए समर्थन व्यक्त तो किया है, लेकिन यह संकेत दिया है कि वह फिलहाल परियोजना के लिए अतिरिक्त धन लगाने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए बीपीसीएल के बोर्ड ने उत्पादन बढ़ाने के उपायों (डीबॉटलनेकिंग) और कच्चे तेल और तैयार उत्पादों की कीमतों में हुई तेज गिरावट के कारण हुए अभूतपूर्व नुकसान से निपटने के लिए 3,000 करोड़ रुपये तक की राशि लगाने का फैसला किया है।

इसलिए, सरकार ने बीपीसीएल को बीओआरएल में उत्पादन बढ़ाने के उपायों (डीबॉटलनेकिंग) वाली परियोजना को पूरा करने के लिए निवेश में वृद्धि करते हुए 3,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि लगाने को मंजूरी देने का फैसला किया है।