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भारतीय द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए मूल पाठ


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए संशोधित मूल पाठ के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के लिए संशोधित भारतीय मॉडल पाठ मौजूदा भारतीय मॉडल बीआईटी की जगह लेगा। संशोधित मॉडल बीआईटी मौजूदा बीआईटी के लिए पुन:वार्ता और भविष्य की बीआईटी और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए)/व्यापक आर्थिक भागीदारी करार (सीईसीए)/मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के निवेश अध्यायों में इस्तेमाल किया जाएगा।

नया भारतीय मॉडल बीआईटी पाठ निवेशक के अधिकारों और सरकारी दायित्वों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय उदाहरण और व्‍यवहारों की रोशनी में भारत में विदेशी निवेशकों और विदेश में भारतीय निवेशकों को समुचित सुरक्षा प्रदान करेगा।

बीआईटी सुविधाओं को बढ़ाता है और मध्यस्थता से विवाद के निपटारे के लिए स्वतंत्र मंच प्रदान करते हुए सभी मामलों में टीम भावना और गैर-भेदभाव वाले माहौल से निवेशकों का विश्वास बढ़ा देता है। बदले में, बीआईटी एक पसंदीदा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के रूप में भारत को पेश करने में मदद करता है, साथ ही आउटबाउंड इंडियन एफडीआई की रक्षा करता है।

मॉडल बीआईटी की मूलभूत विशेषताओं में – निवेश आधारित उद्यम, उचित प्रक्रिया के माध्यम से गैर भेदभावपूर्ण व्‍यवहार, राष्ट्रीय आचरण, ज़ब्ती के खिलाफ सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता शुरू होने से पहले स्थानीय पचड़ों संबंधी निवेशकों के लिए आवश्‍यक एक परिष्कृत निवेशक राज्य विवाद निपटान (आईएसडीएस) प्रावधान, मौद्रिक मुआवजा देने के लिए न्यायाधिकरण की शक्ति को सीमित करना आदि शामिल हैं।